जूना अखाड़ा, शैव

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(Redirected from Juna Akhada)
Jump to navigation Jump to search

श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा (अंग्रेज़ी: Shri Panchdashnaam Juna Akhada) पहले भैरव अखाड़े के रूप में जाना जाता था, क्योंकि उस समय इनके इष्टदेव भैरव थे जो कि शिव का ही एक रूप हैं। वर्तमान में इस अखाड़े के इष्टदेव भगवान दत्तात्रेय हैं, जो कि रुद्रावतार हैं। इस अखाड़े के अंतर्गत आवाहन, अलखिया व ब्रह्मचारी भी हैं। इस अखाड़े की विशेषता है कि इस अखाड़े में अवधूतनियां भी शामिल हैं और इनका भी एक संगठन है।

परिचय

कहते हैं कि शिव संन्यासी संप्रदाय के 7 अखाड़ों में जूना अखाड़ा सबसे बड़ा है जिसके लगभग 5 लाख नागा साधु और महामंडलेश्वर संन्यासी है। इनमें से अधिकतर साधु नागा साधु हैं। इनसे अलग अलग क्षेत्र के अनुसार महंत होते हैं। जूना अखाड़े की स्थापना 1145 में उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में पहला मठ स्थापित किया गया था। इसे भैरव अखाड़ा भी कहते हैं। इसके ईष्टदेव शिव और रुद्रावतार गुरु दत्तात्रेय भगवान हैं। इनका केंद्र वाराणसी के हनुमान घाट पर माना जाता है और हरिद्वार के माया मंदिर के पास इनका आश्रम हैं। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा का मुख्यालय वाराणसी में स्थित है।[1]

महामंडलेश्वर

शिव संन्यासी संप्रदाय के अंतर्गत ही दशनामी संप्रदाय जुड़ा हुआ है। ये दशनामी संप्रदाय के नाम : गिरी, पर्वत, सागर, पुरी, भारती, सरस्वती, वन, अरण्य, तीर्थ और आश्रम। 7 अखाड़ों में से जूना अखाड़ा इनका खास अखाड़ा है। किसी भी अखाड़े में महामंडलेश्वर का पद सबसे ऊंचा होता है। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज हैं। वे ही पीठाधीश्वर/आचार्य महामंडलेश्वर हैं, जो अब तक एक लाख से अधिक सन्यासियों को दीक्षा दे चुके हैं। इस अखाड़े से तमाम देशी-विदेशी भक्त जुड़े हुए हैं जिसनी संख्या करोड़ों में हैं।

व्यवस्था खास प्रणाली

जूना अखाड़े में व्यवस्था की एक खास प्रणाली है। यह अखाड़ा एक पूरा समाज है जहां साधुओं के 52 परिवारों के सभी बड़े सदस्यों की एक कमेटी बनती है। ये सभी लोग अखाड़े के लिए सभापति का चुनाव करते हैं। एक बार चुनाव होने के बाद यह पद जीवनभर के लिए चुने हुए व्यक्तियों का हो जाता है। ये चुनाव कुंभ मेले के दौरान होते हैं। अखाड़े की चार मढ़ियां हैं। अखाड़ों की चारों मढ़ियों में महंत से लेकर अष्टकौशल महंत और कोतवाल तक नियुक्त किए जाते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दू संत धारा के जूना अखाड़ा का परिचय (हिंदी) hindi.webdunia.com। अभिगमन तिथि: 23 सितम्बर, 2021।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः