संजय ख़ान की प्रमुख फ़िल्में: Difference between revisions

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संजय ख़ान ने ‘द स्वॉर्ड ऑफ टीपू सुल्तान’ नाम के टी.वी. सीरियल में [[अभिनय]] किया, जिसमें उनका किरदार 'टीपू' काफ़ी लोकप्रिय रहा। फिर बाद में आई उनकी कुछ सुपरहिट फ़िल्में [[1975]] में ‘जिंदगी और तूफान’, ‘मेरा वचन गीता की कसम’ (1977), ‘मेला’ (1971), ‘सबका साथी’ (1972), 'दोस्ती', 'बेटी', 'सोने के हाथ', 'नागिन', 'वो दिन याद करो', 'एक फूल दो माली' हैं। इतना ही नहीं संजय ख़ान ने ‘जय हनुमान’, ‘मर्यादावाद पुरुषोत्तम’ जैसे टी.वी. सीरियल करके निर्देशन की दुनिया में अपनी नई पहचान बनाई।  
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Latest revision as of 11:01, 5 July 2017

संजय ख़ान विषय सूची
संजय ख़ान की प्रमुख फ़िल्में
पूरा नाम संजय ख़ान
जन्म 3 जनवरी, 1941
जन्म भूमि बैंगलोर
अभिभावक पिता- सादिक अली ख़ान तानोली और माता- फातिमा ख़ान
पति/पत्नी जीनत अमान (1978-1979), जरीन ख़ान (1955)
संतान फ़रात ख़ान अली, सिमोन अरोड़ा, सुजैन ख़ान, जायद ख़ान
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र अभिनेता, निर्माता-निर्देशक
पुरस्कार-उपाधि उत्तर प्रदेश फ़िल्म पत्रकार एसोसिएशन अवॉर्ड (1981), लाइफ़टाइम अचीवर अवॉर्ड (1996)
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी संजय ख़ान कारों, खास तौर से इंपोर्टेड कारों के बड़े शौक़ीन हैं। घोड़ों और कुत्तों से उन्हें खास लगाव है। वह बढ़िया घुड़सवार भी हैं।

संजय ख़ान ने ‘द स्वॉर्ड ऑफ टीपू सुल्तान’ नाम के टी.वी. सीरियल में अभिनय किया, जिसमें उनका किरदार 'टीपू' काफ़ी लोकप्रिय रहा। फिर बाद में आई उनकी कुछ सुपरहिट फ़िल्में 1975 में ‘जिंदगी और तूफान’, ‘मेरा वचन गीता की कसम’ (1977), ‘मेला’ (1971), ‘सबका साथी’ (1972), 'दोस्ती', 'बेटी', 'सोने के हाथ', 'नागिन', 'वो दिन याद करो', 'एक फूल दो माली' हैं। इतना ही नहीं संजय ख़ान ने ‘जय हनुमान’, ‘मर्यादावाद पुरुषोत्तम’ जैसे टी.वी. सीरियल करके निर्देशन की दुनिया में अपनी नई पहचान बनाई।

क्र. सं. फ़िल्म वर्ष
1 काला धंधा गोरे लोग 1986
2 अब्दुल्ला 1980
3 चाँदी सोना 1977
4 मस्तान दादा 1977
5 नागिन 1976
6 दुनिया का मेला 1974
7 त्रिमूर्ति 1974
8 धुंध 1973
9 बाबुल की गलियाँ 1972
10 अनोखी पहचान 1972
11 वफ़ा 1972
12 पु्ष्पांजली 1970
13 इंतकाम 1969
14 दस लाख 1966
15 दोस्ती 1964


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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