भूतनाथ -देवकीनन्दन खत्री: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (श्रेणी:नया पन्ना; Adding category Category:उपन्यास (Redirect Category:उपन्यास resolved) (को हटा दिया गया हैं।))
m (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
 
(14 intermediate revisions by 6 users not shown)
Line 1: Line 1:
*भूतनाथ, इक्कीस भागों व सात खण्डों में, '[[चन्द्रकान्ता]]' व '[[चन्द्रकान्ता-सन्तति]]’ की ही परम्परा और श्रृंखला का, [[देवकीनन्दन खत्री|बाबू देवकीनन्दन खत्री]] रचित एक अत्यन्त लोकप्रिय और बहुचर्चित प्रसिद्ध उपन्यास है।  
{{सूचना बक्सा पुस्तक
*‘चन्द्रकान्ता-सन्तति’ में ही बाबू देवकीनन्दन खत्री के अद्भुत पात्र भूतनाथ (गदाधर सिंह) ने अपनी जीवनी (जीवन-कथा) प्रस्तुत करने का संकल्प किया था। यह संकल्प वस्तुतः लेखक का ही एक संकेत था कि इसके बाद ‘भूतनाथ’ नामक बृहत् उपन्यास की रचना होगी।  
|चित्र=Bhootnath-devkinandan-khatri.jpg
*देवकीनन्दन खत्री की अद्भुत कल्पना-शक्ति को शत-शत नमन है। लाखों करोड़ों पाठकों का यह उपन्यास कंठहार बना हुआ है।  
|चित्र का नाम=भूतनाथ का आवरण पृष्ठ
*जब यह कहा जाता है कि ‘चन्द्रकान्ता’ और ‘चन्द्रकान्ता-सन्तति’ उपन्यासों को पढ़ने के लिए लाखों लोगों ने [[हिन्दी भाषा]] सीखी तो इस कथन में ‘भूतनाथ’ भी स्वतः सम्मिलित हो जाता है क्योंकि ‘भूतनाथ’ उसी तिलिस्मी और ऐय्यारी उपन्यास परम्परा ही नहीं, उसी श्रृंखला का प्रतिनिधि उपन्यास है।  
|लेखक= [[देवकीनन्दन खत्री]]
*कल्पना की अद्भुत उड़ान और कथारस की मार्मिकता इसे हिन्दी साहित्य की विशिष्ट रचना सिद्ध करती है।  
|कवि=
*मनोरंजन का मुख्य उद्देश्य होते हुए भी इसमें बुराई और असत्य पर अच्छाई और सत्य की विजय का शाश्वत विधान ऐसा है जो इसे 'एपिक नॉवल (Epic Novel)' अर्थात 'महाकाव्यात्मक उपन्यासों' की कोटि में लाता है।  
|मूल_शीर्षक = भूतनाथ
|मुख्य पात्र = गदाधर सिंह
|कथानक =
|अनुवादक =
|संपादक =
|प्रकाशक = भारतीय साहित्य संग्रह
|प्रकाशन_तिथि =[[27 जुलाई]], [[2009]]
|भाषा = [[हिंदी]]
|देश = [[भारत]]
|विषय =
|शैली =
|मुखपृष्ठ_रचना =
|विधा = [[उपन्यास]]
|प्रकार =
|पृष्ठ =
|ISBN =
|भाग =
|शीर्षक 1=पुस्तक क्रमांक
|पाठ 1=7144
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|विशेष = कल्पना की अद्भुत उड़ान और कथारस की मार्मिकता इसे [[हिन्दी साहित्य]] की विशिष्ट रचना सिद्ध करती है।
|टिप्पणियाँ =
}}
'''भूतनाथ''', इक्कीस भागों व सात खण्डों में, '[[चन्द्रकान्ता]]' व '[[चन्द्रकान्ता-सन्तति]]’ की ही परम्परा और श्रृंखला का, [[देवकीनन्दन खत्री|बाबू देवकीनन्दन खत्री]] रचित एक अत्यन्त लोकप्रिय और बहुचर्चित प्रसिद्ध उपन्यास है।  
==सारांश==
'चन्द्रकान्ता-सन्तति’ में ही बाबू देवकीनन्दन खत्री के अद्भुत पात्र भूतनाथ (गदाधर सिंह) ने अपनी जीवनी (जीवन-कथा) प्रस्तुत करने का संकल्प किया था। यह संकल्प वस्तुतः लेखक का ही एक संकेत था कि इसके बाद ‘भूतनाथ’ नामक बृहत् उपन्यास की रचना होगी। देवकीनन्दन खत्री की अद्भुत कल्पना-शक्ति को शत-शत नमन है। लाखों करोड़ों पाठकों का यह उपन्यास कंठहार बना हुआ है। जब यह कहा जाता है कि ‘चन्द्रकान्ता’ और ‘चन्द्रकान्ता-सन्तति’ उपन्यासों को पढ़ने के लिए लाखों लोगों ने [[हिन्दी भाषा]] सीखी तो इस कथन में ‘भूतनाथ’ भी स्वतः सम्मिलित हो जाता है क्योंकि ‘भूतनाथ’ उसी तिलिस्मी और ऐय्यारी उपन्यास परम्परा ही नहीं, उसी श्रृंखला का प्रतिनिधि उपन्यास है। कल्पना की अद्भुत उड़ान और कथारस की मार्मिकता इसे [[हिन्दी साहित्य]] की विशिष्ट रचना सिद्ध करती है। मनोरंजन का मुख्य उद्देश्य होते हुए भी इसमें बुराई और असत्य पर अच्छाई और सत्य की विजय का शाश्वत विधान ऐसा है जो इसे 'एपिक नॉवल (Epic Novel)' अर्थात् 'महाकाव्यात्मक उपन्यासों' की कोटि में लाता है।
====केवल छह भाग लिख पाये====
असामायिक मृत्यु के कारण वह इस उपन्यास के केवल छह भागों ही लिख पाये। आगे के शेष पन्द्रह भाग उनके पुत्र '[[दुर्गाप्रसाद खत्री]]' ने लिख कर पूरे किये। 'भूतनाथ' भी कथावस्तु की अन्तिम कड़ी नहीं है। इसके बाद बाबू दुर्गाप्रसाद खत्री लिखित 'रोहतास मठ' (दो खंडों में) आता है।  


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://pustak.org/bs/home.php?author_name=Devkinandan%20Khatri देवकीनन्दन खत्री की पुस्तकें]
*[http://pustak.org/bs/home.php?author_name=Devkinandan%20Khatri देवकीनन्दन खत्री की पुस्तकें]
==संबंधित लेख==
{{उपन्यास}}
[[Category:उपन्यास]]
[[Category:गद्य साहित्य]]
[[Category:देवकी नन्दन खत्री]]
[[Category:साहित्य_कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
[[Category:साहित्य]]
__NOTOC__
[[Category:उपन्यास]]

Latest revision as of 11:35, 9 February 2021

भूतनाथ -देवकीनन्दन खत्री
लेखक देवकीनन्दन खत्री
मूल शीर्षक भूतनाथ
मुख्य पात्र गदाधर सिंह
प्रकाशक भारतीय साहित्य संग्रह
प्रकाशन तिथि 27 जुलाई, 2009
देश भारत
भाषा हिंदी
विधा उपन्यास
पुस्तक क्रमांक 7144
विशेष कल्पना की अद्भुत उड़ान और कथारस की मार्मिकता इसे हिन्दी साहित्य की विशिष्ट रचना सिद्ध करती है।

भूतनाथ, इक्कीस भागों व सात खण्डों में, 'चन्द्रकान्ता' व 'चन्द्रकान्ता-सन्तति’ की ही परम्परा और श्रृंखला का, बाबू देवकीनन्दन खत्री रचित एक अत्यन्त लोकप्रिय और बहुचर्चित प्रसिद्ध उपन्यास है।

सारांश

'चन्द्रकान्ता-सन्तति’ में ही बाबू देवकीनन्दन खत्री के अद्भुत पात्र भूतनाथ (गदाधर सिंह) ने अपनी जीवनी (जीवन-कथा) प्रस्तुत करने का संकल्प किया था। यह संकल्प वस्तुतः लेखक का ही एक संकेत था कि इसके बाद ‘भूतनाथ’ नामक बृहत् उपन्यास की रचना होगी। देवकीनन्दन खत्री की अद्भुत कल्पना-शक्ति को शत-शत नमन है। लाखों करोड़ों पाठकों का यह उपन्यास कंठहार बना हुआ है। जब यह कहा जाता है कि ‘चन्द्रकान्ता’ और ‘चन्द्रकान्ता-सन्तति’ उपन्यासों को पढ़ने के लिए लाखों लोगों ने हिन्दी भाषा सीखी तो इस कथन में ‘भूतनाथ’ भी स्वतः सम्मिलित हो जाता है क्योंकि ‘भूतनाथ’ उसी तिलिस्मी और ऐय्यारी उपन्यास परम्परा ही नहीं, उसी श्रृंखला का प्रतिनिधि उपन्यास है। कल्पना की अद्भुत उड़ान और कथारस की मार्मिकता इसे हिन्दी साहित्य की विशिष्ट रचना सिद्ध करती है। मनोरंजन का मुख्य उद्देश्य होते हुए भी इसमें बुराई और असत्य पर अच्छाई और सत्य की विजय का शाश्वत विधान ऐसा है जो इसे 'एपिक नॉवल (Epic Novel)' अर्थात् 'महाकाव्यात्मक उपन्यासों' की कोटि में लाता है।

केवल छह भाग लिख पाये

असामायिक मृत्यु के कारण वह इस उपन्यास के केवल छह भागों ही लिख पाये। आगे के शेष पन्द्रह भाग उनके पुत्र 'दुर्गाप्रसाद खत्री' ने लिख कर पूरे किये। 'भूतनाथ' भी कथावस्तु की अन्तिम कड़ी नहीं है। इसके बाद बाबू दुर्गाप्रसाद खत्री लिखित 'रोहतास मठ' (दो खंडों में) आता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख