पद्मसम्भव: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 16: Line 16:
{{बौद्ध धर्म}}
{{बौद्ध धर्म}}
[[Category:बौद्ध धर्म]]
[[Category:बौद्ध धर्म]]
[[Category:बौद्ध धर्म कोश]]
[[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 13:45, 21 March 2014

पद्मसम्भव एक प्रसिद्ध भारतीय भिक्षुक था, जो आठवीं शताब्दी ई. के मध्यकाल में था। कहा जाता है कि वह पहले उद्यान (स्वार्त) का राजकुमार था और उसने बौद्ध भिक्षु की दीक्षा ली थी।

  • तिब्बत के राजा ख्रि-स्रोड-लदे-वचन् के निमंत्रण पर वह तिब्बत गया और वहाँ पर उसने तंत्रयान का प्रचार किया।
  • तिब्बती लोगों को विश्वास था कि उसे ऐसी सिद्धियाँ प्राप्त थीं, जिनसे वह अलौकिक चमत्कार दिखा सकता था।
  • पद्मसम्भ्व ने तिब्बत में बौद्ध धर्म के जिस सम्प्रदाय की स्थापना की, उसे पश्चिमी विद्वान 'लाल टोपीवाले' कहते हैं।
  • तिब्बत के राजा तथा वहाँ के बहुत से तिब्बतियों को पद्मसम्भव ने अपना शिष्य बनाया।
  • उसने तिब्बत में बौद्ध धर्म के जिस रूप का प्रचार किया, वह 'लामा धर्म' के नाम से विख्यात है।
  • तिब्बती लोग बुद्ध के समान ही 'पद्मसम्भव' की भी पूजा करते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 233 |


संबंधित लेख