प्रबन्ध काव्य: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Tulsidas-Ramacharitamanasa.jpg|thumb|[[रामचरितमानस]]]] | |||
'''प्रबन्ध काव्य''' [[साहित्य]] की एक विधा है। प्रबन्ध काव्य में कोई प्रमुख कथा काव्य के आदि से अंत तक क्रमबद्ध रूप में चलती है। कथा का क्रम बीच में कहीं नहीं टूटता और गौण कथाएँ बीच-बीच में सहायक बन कर आती हैं। जैसे [[रामचरितमानस]]। प्रबन्ध काव्य के दो भेद होते हैं - | '''प्रबन्ध काव्य''' [[साहित्य]] की एक विधा है। प्रबन्ध काव्य में कोई प्रमुख कथा काव्य के आदि से अंत तक क्रमबद्ध रूप में चलती है। कथा का क्रम बीच में कहीं नहीं टूटता और गौण कथाएँ बीच-बीच में सहायक बन कर आती हैं। जैसे [[रामचरितमानस]]। प्रबन्ध काव्य के दो भेद होते हैं - | ||
# [[महाकाव्य]]- इसमें किसी ऐतिहासिक या पौराणिक महापुरुष की संपूर्ण जीवन कथा का आद्योपांत वर्णन होता है। जैसे- [[रामायण]], [[महाभारत]] | # [[महाकाव्य]]- इसमें किसी ऐतिहासिक या पौराणिक महापुरुष की संपूर्ण जीवन कथा का आद्योपांत वर्णन होता है। जैसे- [[रामायण]], [[महाभारत]] |
Latest revision as of 14:07, 7 April 2013
[[चित्र:Tulsidas-Ramacharitamanasa.jpg|thumb|रामचरितमानस]] प्रबन्ध काव्य साहित्य की एक विधा है। प्रबन्ध काव्य में कोई प्रमुख कथा काव्य के आदि से अंत तक क्रमबद्ध रूप में चलती है। कथा का क्रम बीच में कहीं नहीं टूटता और गौण कथाएँ बीच-बीच में सहायक बन कर आती हैं। जैसे रामचरितमानस। प्रबन्ध काव्य के दो भेद होते हैं -
- महाकाव्य- इसमें किसी ऐतिहासिक या पौराणिक महापुरुष की संपूर्ण जीवन कथा का आद्योपांत वर्णन होता है। जैसे- रामायण, महाभारत
- खण्डकाव्य- इसमें किसी की संपूर्ण जीवनकथा का वर्णन न होकर केवल जीवन के किसी एक ही भाग का वर्णन होता है। जैसे- वीसलदेव रासो, सुदामाचरित
काव्य के भेद
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
काव्य के भेद दो प्रकार से किए गए हैं–
- स्वरूप के अनुसार काव्य के भेद
- शैली के अनुसार काव्य के भेद
स्वरूप के आधार पर काव्य के दो भेद हैं -
- श्रव्यकाव्य
- दृष्यकाव्य
श्रव्य काव्य
जिस काव्य का रसास्वादन दूसरे से सुनकर या स्वयं पढ़ कर किया जाता है उसे श्रव्य काव्य कहते हैं। जैसे रामायण और महाभारत । श्रव्य काव्य के भी दो भेद होते हैं -
- प्रबन्ध काव्य
- मुक्तक काव्य
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख