अब्द अल्लाह बिन अल-अब्बास: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
अब्द अल्लाह बिन अल-अब्बास अथवा '''बिन अब्बास''' (जन्म लगभग 619; मृत्यु-687-688, अत-तॉइफ़, [[अरब]]), [[मुहम्मद|पैग़म्बर मुहम्मद]] के साथी, आरंभिक [[इस्लाम]] के बड़े विद्धानों में से एक और [[क़ुरान]] के पहले व्याख्याकार थे। इनका उपनाम अल-हिब्र (हकीम) या अल् बहर (समुद्र) भी है।  
अब्द अल्लाह बिन अल-अब्बास अथवा '''बिन अब्बास''' (जन्म लगभग 619; मृत्यु-687-688, अत-तॉइफ़, [[अरब]]), [[मुहम्मद|पैग़म्बर मुहम्मद]] के साथी, आरंभिक [[इस्लाम]] के बड़े विद्धानों में से एक और [[क़ुरान]] के पहले व्याख्याकार थे। इनका उपनाम अल-हिब्र (हकीम) या अल् बहर (समुद्र) भी है।  


* [[ख़लीफ़ा]] पद के लिए आरंभिक संघर्ष में बिन-अब्बास ने अली का समर्थन किया और पुरस्कारस्वरूप उन्हें बसरा की सूबेदारी मिली। बाद में वह विरोधी पक्ष के साथ मिल गए और [[मक्का (अरब)|मक्का]] चले गए।  
* [[ख़लीफ़ा]] पद के लिए आरंभिक संघर्ष में बिन-अब्बास ने अली का समर्थन किया और पुरस्कारस्वरूप उन्हें [[बसरा]] की सूबेदारी मिली। बाद में वह विरोधी पक्ष के साथ मिल गए और [[मक्का (अरब)|मक्का]] चले गए।  
* मुअविया के शासनकाल के दौरान वज हेजाज़ में रहते थे, लेकिन अक्सर राजधानी दमिश्क की यात्रा करते रहते थे।  
* मुअविया के शासनकाल के दौरान वज हेजाज़ में रहते थे, लेकिन अक्सर राजधानी दमिश्क की यात्रा करते रहते थे।  
* मुअविया की मृत्यु के बाद उन्होंने बिन-अज़-जुबैर का विरोध किया और उन्हें ख़लीफ़ा मानने से इनकार कर दिया। परिणामस्वरूप अत-तॉइफ़ को भागने पर मजबूर होना पड़ा, कजाँ उनकी मौत हो गई।  
* मुअविया की मृत्यु के बाद उन्होंने बिन-अज़-जुबैर का विरोध किया और उन्हें ख़लीफ़ा मानने से इनकार कर दिया। परिणामस्वरूप अत-तॉइफ़ को भागने पर मजबूर होना पड़ा, कजाँ उनकी मौत हो गई।  

Latest revision as of 06:00, 21 June 2014

अब्द अल्लाह बिन अल-अब्बास अथवा बिन अब्बास (जन्म लगभग 619; मृत्यु-687-688, अत-तॉइफ़, अरब), पैग़म्बर मुहम्मद के साथी, आरंभिक इस्लाम के बड़े विद्धानों में से एक और क़ुरान के पहले व्याख्याकार थे। इनका उपनाम अल-हिब्र (हकीम) या अल् बहर (समुद्र) भी है।

  • ख़लीफ़ा पद के लिए आरंभिक संघर्ष में बिन-अब्बास ने अली का समर्थन किया और पुरस्कारस्वरूप उन्हें बसरा की सूबेदारी मिली। बाद में वह विरोधी पक्ष के साथ मिल गए और मक्का चले गए।
  • मुअविया के शासनकाल के दौरान वज हेजाज़ में रहते थे, लेकिन अक्सर राजधानी दमिश्क की यात्रा करते रहते थे।
  • मुअविया की मृत्यु के बाद उन्होंने बिन-अज़-जुबैर का विरोध किया और उन्हें ख़लीफ़ा मानने से इनकार कर दिया। परिणामस्वरूप अत-तॉइफ़ को भागने पर मजबूर होना पड़ा, कजाँ उनकी मौत हो गई।
  • बिन-अब्बास पवित्र और सांसारिक, दोनों परंपराओं के ज्ञान तथा क़ुरान की आलोचनात्मक व्याख्या के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • युवा काल से ही उन्होंने अन्य सहयोगियों से पैग़म्बर मुहम्मद के वचनों और कार्यों के बारे में जानकारियाँ एकत्र कीं तथा लोगों को क़ुरान की व्याख्या की शिक्षा देने लगे। बाद में क़ुरान पर उनकी टीकाओं का संग्रह तैयार किया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • भारत ज्ञानकोश खण्ड-1


संबंधित लेख