महगड़ा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " सन " to " सन् ") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
*महगड़ा नवपाषाण काल का पुरास्थल है, जो [[उत्तर प्रदेश]] इलाहाबाद ज़िले की मेजा तहसील के पहाड़ी क्षेत्र में बेलन नदी के दाहिनी तट पर [[इलाहाबाद]] से 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। | *महगड़ा नवपाषाण काल का पुरास्थल है, जो [[उत्तर प्रदेश]] इलाहाबाद ज़िले की मेजा तहसील के पहाड़ी क्षेत्र में बेलन नदी के दाहिनी तट पर [[इलाहाबाद]] से 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। | ||
*महगड़ा | *महगड़ा सन् [[1975]]-[[1976|76]] में इस पुरास्थल की खोज हुई थी। | ||
*जी.आर.शर्मा के निर्देशन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन [[इतिहास]], [[संस्कृति]] एवं पुरातत्त्व विभाग की ओर से यहाँ पर [[उत्खनन]] कार्य का संचालन किया था। | *जी.आर.शर्मा के निर्देशन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन [[इतिहास]], [[संस्कृति]] एवं पुरातत्त्व विभाग की ओर से यहाँ पर [[उत्खनन]] कार्य का संचालन किया था। | ||
*डोरी छाप मिट्टी के बर्तन खुरदरे तथा रगड़कर चमकाये मृद्भाण्ड आदि पात्र परम्पराओं के ठीकरे प्रायः सभी स्तरों से मिले हैं। | *डोरी छाप मिट्टी के बर्तन खुरदरे तथा रगड़कर चमकाये मृद्भाण्ड आदि पात्र परम्पराओं के ठीकरे प्रायः सभी स्तरों से मिले हैं। |
Revision as of 14:11, 6 March 2012
- महगड़ा नवपाषाण काल का पुरास्थल है, जो उत्तर प्रदेश इलाहाबाद ज़िले की मेजा तहसील के पहाड़ी क्षेत्र में बेलन नदी के दाहिनी तट पर इलाहाबाद से 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- महगड़ा सन् 1975-76 में इस पुरास्थल की खोज हुई थी।
- जी.आर.शर्मा के निर्देशन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग की ओर से यहाँ पर उत्खनन कार्य का संचालन किया था।
- डोरी छाप मिट्टी के बर्तन खुरदरे तथा रगड़कर चमकाये मृद्भाण्ड आदि पात्र परम्पराओं के ठीकरे प्रायः सभी स्तरों से मिले हैं।
- झोपड़ियों के फर्शों स्तम्भ गर्तों आदि के आधार पर इस पुरास्थल पर कुल मिलाकर छ: निर्माण काल माने गये हैं।
- यहाँ से बीस झोपड़ियों के साक्ष्य मिले हैं।
- गोलाकार अथवा अण्डाकार इन झोपड़ियों का व्यास 4.3 मीटर से 6.4 मीटर तक है।
- झोपड़ियों के फर्श से नवपाषाणिक प्रसार उपकरण, मृद्भाण्ड तथा पशुओं की हड्डियों प्राप्त हुई हैं।
- गाय, बैल, भैंस, बकरियाँ आदि यहाँ के लोगों के पालतू पशु थे और हिरण तथा जंगली सुअर का ये शिकार करते थे।
- यहाँ की बस्ती के पूर्वी सिरे पर 125x75 मीटर के आयताकार पशु बाड़े के साक्ष्य मिले है, जिसमें कुल तीन दरवाजें थे।
- महगड़ा के उत्खन्न से धान की कृषि के संकेत मिले हैं।
- इस पुरास्थल का कालानुक्रम पाँचवी-चौथी सहस्त्राब्दी ई.पू. प्रस्तावित किया गया है।
|
|
|
|
|