श्रमण: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{पाणिनिकालीन शब्दावली}}") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "Category:पाणिनिकालीन शब्दावली" to "Category:पाणिनिकालीन शब्दावली Category:पाणिनिकालीन भारत") |
||
Line 13: | Line 13: | ||
{{पाणिनिकालीन शब्दावली}} | {{पाणिनिकालीन शब्दावली}} | ||
{{बौद्ध धर्म}} | {{बौद्ध धर्म}} | ||
[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]] | ||
[[Category:पाणिनिकालीन भारत]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 10:10, 6 May 2018
श्रमण पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्रचलित एक शब्द था। यह शब्द प्राय: ब्राह्मणेत्तर सन्यासियों के लिए प्रयुक्त होता था।
- मौर्य सम्राट अशोक के लेखों में ‘ब्राह्मण श्रमण’ यह पद बहुधा आता है। वहां श्रमण शब्द अवश्य ही बौद्ध भिक्षुओं के लिए है।
- कौमार अवस्था में संन्यास लेकर भिक्षुणी बनने की व्यवस्था बुद्ध ने स्त्रियों के लिए की थी। बुद्ध के समय में भिक्षुणी संघ नियमित संस्था बन गई थी। कुमारी श्रमणा या कुमार श्रमणा पद का प्रयोग भाषा में भिक्षुणी संघ की स्थापना के बाद ही चलने की अधिक संभावना थी।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 103 |