अपदान
अपदान बौद्ध धर्मग्रंथ 'त्रिपिटक' के 'खुद्दकनिकाय' का 13वाँ ग्रंथ जो निम्न 4 भागों में विभाजित है-
- बुद्धापदान
- पच्चेकबुद्धापदान
- थेरापदान
- थेरीअपदान
- पालि भाषा में 'अपदान' का अर्थ 'जीवनरचित' है।
- इन भागों में क्रमशः बुद्धों की प्रशंसा, प्रत्येक बुद्धों द्वारा कही गयी गाथाएँ, थेरों (भिक्षुओं) की गाथाएँ तथा थेरियों की गाथाएँ हैं।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें