पंचेन लामा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:20, 9 February 2021 by आदित्य चौधरी (talk | contribs) (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

पंचेन लामा तिब्बत में लामाओं के पुनरावतारों में से एक है, जिनमें से प्रत्येक प्रभावशाली ताशिलहुंपो बौद्धमठ[1] का प्रमुख होता है; हाल तक तिब्बती बौद्ध धर्म में प्रभुत्वपूर्ण गेलुग् पा मत में दलाई लामा के बाद दूसरी आध्यात्मिक शक्ति थे।
उपाधि ‘पंचेन’[2] ताशिलहुंपो मठ के उन प्रमुख मठाधीशों को पांरपरिक रूप में दी जाती थी, जिन्हें उनकी परिपक्वता और ज्ञान के आधार पर चुना जाता था। 17वीं शताब्दी में पांचवें दलाई लामा ने घोषणा की कि उनके शिक्षक ब्लो-ब्जांग चोस-कि-रग्याल-म्तशन, (1570-1662) जो उस समय पंचेन लामा थे, एक बालक के रूप में पुन: अवतार लेंगे। इस प्रकार, वह पुन: अवतरित लामा की श्रृंखला में प्रथम हुए, ब्लो-ब्जांग-ये-शेस (1663-1737), ब्लो-ब्जांग-दपाल-इदान-ये-शे (1737-1780), ब्लो-ब्जांग-ब्स्तान-पाइ-नी-मा (1781-1854), ब्स-तान-पाइ-दबांग-फ़्युंग (1854-1882) और चोस-की-नी-मा (1883-1937) में क्रमश: अवतार लिया। इनमें से प्रत्येक को स्वजन्में बुद्ध की दैहिक अभिव्यक्ति, अभिताभ माना गया।[3]

दलाई लामा सरकार और ताशिलहुंपो प्रशासन के बीच करों की बक़ाया राशि पर मतभेदों के परिणामस्वरूप 1923 में पंचेन लामा को चीन से पलायन करना पड़ा। लगभग 1938 में तिब्बती दंपति के यहां त्सिंघई प्रांत में जन्मे एक लड़के ब्स्काल-ब्जांग-त्शे-ब्रतान को चीन की सरकार ने पंचेन लामा के उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता दी, परंतु इसके लिए पुनर्जन्म की पुष्टि करने वाले पूर्वनिर्धारित सामान्य परीक्षण नहीं किए गए। उन्हें 1952 में साम्यवादी सैनिक संरक्षण में तिब्बत लाकर ताशिलहुंपो के प्रमुख मठाधीश के रूप में गद्दी पर बैठा दिया गया। जनविरोध और दलाई लामा के निर्वासन के बाद पंचेन लामा 1959 में तिब्बत में रहे, परंतु दलाई लामा को देशद्रोही क़रार देने से इनकार करने के कारण चीन की सरकार उनसे अप्रसन्न हो गई और 1964 में पेइचिंग में उन्हें बंदी बना लिया गया। उन्हें 1970 के दशक के अंतिम वर्षों में रिहा किया गया और 1989 में उनकी मृत्यु हो गई।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. निकट झिकात्से
  2. संस्कृत-तिब्बती पंडित चेन-पो का लघु स्वरूप अथवा महान् विद्वान
  3. कभी-कभी ताशिलहुंपो मठ के ब्लो-ब्जांग चॉस-की-रग्याल-म्तशान से पहले के तीन मठाधीश लामाओं को पुनरावतारों की सूची में सम्मिलित किया जाता है

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः