गोह: Difference between revisions

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*इनका शरीर छोटे छोटे शल्कों से भरा रहता है।  
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*इनकी जबान साँप की तरह दुफंकी, पंजे मजबूत, दुम चपटी और शरीर गोल रहता है।  
*इनकी जबान साँप की तरह दुफंकी, पंजे मज़बूत, दुम चपटी और शरीर गोल रहता है।  
*इनमें कुछ अपना अधिक समय पानी में बिताते हैं और कुछ खुश्की पर, लेकिन वैसे सभी गोह खुश्की, पानी और पेड़ों पर रह लेते हैं।  
*इनमें कुछ अपना अधिक समय पानी में बिताते हैं और कुछ खुश्की पर, लेकिन वैसे सभी गोह खुश्की, पानी और पेड़ों पर रह लेते हैं।  
*ये सब मांसाहारी जीव हैं, जो मांस मछलियों के अलावा कीड़े मकोड़े और अंडे खाते है।
*ये सब मांसाहारी जीव हैं, जो मांस मछलियों के अलावा कीड़े मकोड़े और अंडे खाते है।
*इनकी कई जातियाँ हैं, लेकिन इनमें सबसे बड़ा ड्रैगान ऑव दि ईस्ट इंडियन ब्लैंड लंबाई में लगभग 10 फुट तक पहुँच जाता है।  
*इनकी कई जातियाँ हैं, लेकिन इनमें सबसे बड़ा ड्रैगान ऑव दि ईस्ट इंडियन ब्लैंड लंबाई में लगभग 10 फुट तक पहुँच जाता है।  
[[चित्र:Monitor-Lizard-1.jpg|thumb|250px|left|गोह<br />Monitor Lizard]]
[[चित्र:Monitor-Lizard-1.jpg|thumb|250px|left|गोह<br />Monitor Lizard]]
*नील का गोह नाइल मॉनिटर अफ्रीका का बहुत प्रसिद्ध गोह है और तीसरा अफ्रीका के पश्चिमी भागों में काफी संख्या में पाया जाता है। इसकी पकड़ बहुत ही मजबूत होती है।
*नील का गोह नाइल मॉनिटर अफ्रीका का बहुत प्रसिद्ध गोह है और तीसरा अफ्रीका के पश्चिमी भागों में काफ़ी संख्या में पाया जाता है। इसकी पकड़ बहुत ही मज़बूत होती है।
*[[भारत]] में गोहों की छ: जातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें कवरा गोह सबसे प्रसिद्ध है।  
*[[भारत]] में गोहों की छ: जातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें कवरा गोह सबसे प्रसिद्ध है।  
*इसके बच्चे चटकीले रंग के होते हैं, जिनकी पीठ पर बिंदियाँ पड़ी रहती हैं और जिन्हें हमारे देश में लोग बिसखोपरा नाम का दूसरा जीव समझते हैं।  
*इसके बच्चे चटकीले रंग के होते हैं, जिनकी पीठ पर बिंदियाँ पड़ी रहती हैं और जिन्हें हमारे देश में लोग बिसखोपरा नाम का दूसरा जीव समझते हैं।  
*लागों का ऐसा विश्वास है कि बिसखोपरा बहुत ज़हरीला होता है, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं।  
*लागों का ऐसा विश्वास है कि बिसखोपरा बहुत ज़हरीला होता है, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं।  
*बिसखोपरा कोई अलग जीव न होकर गोह के बच्चे हैं, जो ज़हरीले नही होते।<ref>{{cite book | last = त्रिपाठी | first = रामप्रसाद | title = हिन्दी विश्वकोश | edition = 1964 | publisher = नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी | location = भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language = [[हिन्दी]] | pages = पृष्ठ सं 44 | chapter = खण्ड 4 }}</ref>
*बिसखोपरा कोई अलग जीव न होकर गोह के बच्चे हैं, जो ज़हरीले नहीं होते।<ref>{{cite book | last = त्रिपाठी | first = रामप्रसाद | title = हिन्दी विश्वकोश | edition = 1964 | publisher = नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी | location = भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language = [[हिन्दी]] | pages = पृष्ठ सं 44 | chapter = खण्ड 4 }}</ref>
*[[शिवाजी]] के सेनापति [[तानाजी]] के पास एक गोह थी। जिसका नाम यशवंती था।  
*[[शिवाजी]] के सेनापति [[तानाजी]] के पास एक गोह थी। जिसका नाम यशवंती था।  
*इसकी कमर में रस्सी बाँध कर तानाजी क़िले की दीवार पर ऊपर की ओर फेंकते थे और यह गोह छिपकली की तरह दीवार से चिपक जाती थी।  
*इसकी कमर में रस्सी बाँध कर तानाजी क़िले की दीवार पर ऊपर की ओर फेंकते थे और यह गोह छिपकली की तरह दीवार से चिपक जाती थी।  
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Latest revision as of 13:04, 25 May 2012

thumb|250px|गोह
Monitor Lizard

  • गोह सरीसृपों के स्क्वामेटा गण के वैरानिडी कुल के जीव हैं, जिनका शरीर छिपकली के आकार का, लेकिन उससे बहुत बड़ा होता है।
  • गोह छिपकिलियों के निकट संबंधी हैं, जो अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, अरब और एशिया आदि देशों में फैले हुए हैं।
  • ये छोटे बड़े सभी तरह के होते है, जिनमें से कुछ की लंबाई तो 10 फुट तक पहुँच जाती है।
  • इनका रंग प्राय: भूरा रहता है।
  • इनका शरीर छोटे छोटे शल्कों से भरा रहता है।
  • इनकी जबान साँप की तरह दुफंकी, पंजे मज़बूत, दुम चपटी और शरीर गोल रहता है।
  • इनमें कुछ अपना अधिक समय पानी में बिताते हैं और कुछ खुश्की पर, लेकिन वैसे सभी गोह खुश्की, पानी और पेड़ों पर रह लेते हैं।
  • ये सब मांसाहारी जीव हैं, जो मांस मछलियों के अलावा कीड़े मकोड़े और अंडे खाते है।
  • इनकी कई जातियाँ हैं, लेकिन इनमें सबसे बड़ा ड्रैगान ऑव दि ईस्ट इंडियन ब्लैंड लंबाई में लगभग 10 फुट तक पहुँच जाता है।

thumb|250px|left|गोह
Monitor Lizard

  • नील का गोह नाइल मॉनिटर अफ्रीका का बहुत प्रसिद्ध गोह है और तीसरा अफ्रीका के पश्चिमी भागों में काफ़ी संख्या में पाया जाता है। इसकी पकड़ बहुत ही मज़बूत होती है।
  • भारत में गोहों की छ: जातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें कवरा गोह सबसे प्रसिद्ध है।
  • इसके बच्चे चटकीले रंग के होते हैं, जिनकी पीठ पर बिंदियाँ पड़ी रहती हैं और जिन्हें हमारे देश में लोग बिसखोपरा नाम का दूसरा जीव समझते हैं।
  • लागों का ऐसा विश्वास है कि बिसखोपरा बहुत ज़हरीला होता है, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं।
  • बिसखोपरा कोई अलग जीव न होकर गोह के बच्चे हैं, जो ज़हरीले नहीं होते।[1]
  • शिवाजी के सेनापति तानाजी के पास एक गोह थी। जिसका नाम यशवंती था।
  • इसकी कमर में रस्सी बाँध कर तानाजी क़िले की दीवार पर ऊपर की ओर फेंकते थे और यह गोह छिपकली की तरह दीवार से चिपक जाती थी।
  • इस रस्सी को पकड़ कर वे क़िले की दीवार चढ़ जाते थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. त्रिपाठी, रामप्रसाद “खण्ड 4”, हिन्दी विश्वकोश, 1964 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी, पृष्ठ सं 44।

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