बंदर: Difference between revisions
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*इसके हाथ की हथेली एवं पैर के तलुए छोड़कर सम्पूर्ण शरीर घने रोमों से ढकी है। कर्ण पल्लव, स्तनग्रन्थी उपस्थित होते हैं। | |||
*मेरूदण्ड का अगला भाग पूँछ के रूप में विकसित होता है। | |||
*हाथ, पैर की अँगुलियाँ लम्बी नितम्ब पर मांसलगदी है। | |||
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Latest revision as of 08:32, 21 May 2016
बंदर
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जगत | जंतु (Animalia) |
संघ | रज्जुकी (Chordata) |
वर्ग | स्तनपायी (Mammalia) |
गण | प्राईमेट (नरवानर) |
बंदर एक मेरूदण्डी, स्तनधारी प्राणी है, तथा इसे कपि और वानर भी कहा जाता हैं।
- इसके हाथ की हथेली एवं पैर के तलुए छोड़कर सम्पूर्ण शरीर घने रोमों से ढकी है। कर्ण पल्लव, स्तनग्रन्थी उपस्थित होते हैं।
- मेरूदण्ड का अगला भाग पूँछ के रूप में विकसित होता है।
- हाथ, पैर की अँगुलियाँ लम्बी नितम्ब पर मांसलगदी है।
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