गोविन्द चन्द्र: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ")
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
'''गोविन्द चन्द्र''' [[गहड़वाल वंश|गहड़वाल]] शासक मदन चन्द्र का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। वह गहड़वाल वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा था। 'कृत्यकल्पतरु' का लेखक लक्ष्मीधर इसका मंत्री था। गोविन्द चन्द्र ने अपने राज्य की सीमा को [[उत्तर प्रदेश]] से आगे [[मगध]] तक विस्तृत करके [[मालवा]] को भी जीत लिया था। उसके विशाल राज्य की राजधानी [[कन्नौज]] थी।
'''गोविन्द चन्द्र''' [[गहड़वाल वंश|गहड़वाल]] शासक मदन चन्द्र का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। वह गहड़वाल वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा था। '[[कृत्यकल्पतरु]]' का लेखक लक्ष्मीधर इसका मंत्री था। गोविन्द चन्द्र ने अपने राज्य की सीमा को [[उत्तर प्रदेश]] से आगे [[मगध]] तक विस्तृत करके [[मालवा]] को भी जीत लिया था। उसके विशाल राज्य की राजधानी [[कन्नौज]] थी।


*युवराज के रूप में गोविन्द चन्द्र ने [[ग़ज़नी]] के राजा मसूद तृतीय को पराजित किया था।
*युवराज के रूप में गोविन्द चन्द्र ने [[ग़ज़नी]] के राजा मसूद तृतीय को पराजित किया था।
Line 9: Line 9:
*'[[पृथ्वीराजरासो]]' से ज्ञात होता है कि गोविन्द चन्द्र ने [[अमीर ख़ुसरो]] को [[लाहौर]] से खदेड़ दिया था।
*'[[पृथ्वीराजरासो]]' से ज्ञात होता है कि गोविन्द चन्द्र ने [[अमीर ख़ुसरो]] को [[लाहौर]] से खदेड़ दिया था।
*गोविन्द चन्द्र के समय में उसके मंत्री लक्ष्मीधर ने 'कल्पद्रुम' नामक विधि [[ग्रंथ]] की रचना की थी।
*गोविन्द चन्द्र के समय में उसके मंत्री लक्ष्मीधर ने 'कल्पद्रुम' नामक विधि [[ग्रंथ]] की रचना की थी।
*एक विद्वान के रूप में भी गोविन्द्र चन्द्र बड़ा प्रसिद्ध था। उसे उसके लेखों में 'विविध विद्याविचार वायस्पति' कहा गया है।
*एक विद्वान् के रूप में भी गोविन्द्र चन्द्र बड़ा प्रसिद्ध था। उसे उसके लेखों में 'विविध विद्याविचार वायस्पति' कहा गया है।
*गोविन्द चन्द्र की रानी कुमार देवी के [[सारनाथ]] अभिलेखों में गोविन्द्र चन्द्र को [[बनारस]] की तुर्को से रक्षा के लिए 'हरि का अवतार' कहा गया है।
*गोविन्द चन्द्र की रानी कुमार देवी के [[सारनाथ]] अभिलेखों में गोविन्द्र चन्द्र को [[बनारस]] की तुर्को से रक्षा के लिए 'हरि का अवतार' कहा गया है।
*[[जयचंद्र]], गोविन्द चन्द्र का ही पौत्र था, जिसकी पुत्री [[संयोगिता]] ने [[पृथ्वीराज चौहान]] से [[विवाह संस्कार|विवाह]] किया था।
*[[जयचंद्र]], गोविन्द चन्द्र का ही पौत्र था, जिसकी पुत्री [[संयोगिता]] ने [[पृथ्वीराज चौहान]] से [[विवाह संस्कार|विवाह]] किया था।

Latest revision as of 14:20, 6 July 2017

गोविन्द चन्द्र गहड़वाल शासक मदन चन्द्र का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। वह गहड़वाल वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा था। 'कृत्यकल्पतरु' का लेखक लक्ष्मीधर इसका मंत्री था। गोविन्द चन्द्र ने अपने राज्य की सीमा को उत्तर प्रदेश से आगे मगध तक विस्तृत करके मालवा को भी जीत लिया था। उसके विशाल राज्य की राजधानी कन्नौज थी।

  • युवराज के रूप में गोविन्द चन्द्र ने ग़ज़नी के राजा मसूद तृतीय को पराजित किया था।
  • कश्मीर, गुजरात एवं चोल वंश के शासकों से गोविन्द चन्द्र के मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध थे।
  • गहड़वाल वंश के इस प्रतापी शासक ने 1114 से 1154 ई. तक शासन किया।
  • वाराणसी और जेतवन जैसे पवित्र स्थानों की रक्षा गोविन्द चन्द्र ने मुस्लिम और तुर्क आक्रमणकारियों से की थी।
  • उसके कार्यकाल में कन्नौज को पुनः उसकी पुरानी प्रतिष्ठा प्राप्त हुई।
  • गोविन्द्र चन्द्र के उत्तराधिकारी विजय चन्द्र (1156 से 1170 ई.) ने गहड़वाल राज्य की सीमाओं को सुरक्षित रखा था।
  • 'पृथ्वीराजरासो' से ज्ञात होता है कि गोविन्द चन्द्र ने अमीर ख़ुसरो को लाहौर से खदेड़ दिया था।
  • गोविन्द चन्द्र के समय में उसके मंत्री लक्ष्मीधर ने 'कल्पद्रुम' नामक विधि ग्रंथ की रचना की थी।
  • एक विद्वान् के रूप में भी गोविन्द्र चन्द्र बड़ा प्रसिद्ध था। उसे उसके लेखों में 'विविध विद्याविचार वायस्पति' कहा गया है।
  • गोविन्द चन्द्र की रानी कुमार देवी के सारनाथ अभिलेखों में गोविन्द्र चन्द्र को बनारस की तुर्को से रक्षा के लिए 'हरि का अवतार' कहा गया है।
  • जयचंद्र, गोविन्द चन्द्र का ही पौत्र था, जिसकी पुत्री संयोगिता ने पृथ्वीराज चौहान से विवाह किया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख