गोविन्द चन्द्र: Difference between revisions

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*कृत्यकल्पतरु का लेखक लक्ष्मीधर इसका मंत्री था।  
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*उसने अपने राज्य की सीमा को [[उत्तर प्रदेश]] से आगे [[मगध]] तक विस्तृत किया और [[मालवा]] को भी जीत लिया।  
*उसने अपने राज्य की सीमा को [[उत्तर प्रदेश]] से आगे [[मगध]] तक विस्तृत किया और [[मालवा]] को भी जीत लिया।  
*युवराज के रूप में उसने गजनी के राजा मसूद तृतीय को पराजित किया था।  
*युवराज के रूप में उसने [[ग़ज़नी]] के राजा मसूद तृतीय को पराजित किया था।  
*[[कश्मीर]], [[गुजरात]] एवं [[चोल वंश]] के शासकों से उसके मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध थे।  
*[[कश्मीर]], [[गुजरात]] एवं [[चोल वंश]] के शासकों से उसके मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध थे।  
*गहड़वाल के इस प्रतापी शासक ने 1114 से 1154 ई. तक शासन किया।  
*गहड़वाल के इस प्रतापी शासक ने 1114 से 1154 ई. तक शासन किया।  

Revision as of 05:32, 8 April 2011

  • मदन चन्द्र का पुत्र एवं उत्तराधिकारी गोविन्द्र चन्द्र गहड़वाल शासक बना।
  • इस वंश का वह सर्वाधिक शक्तिशाली राजा था।
  • कृत्यकल्पतरु का लेखक लक्ष्मीधर इसका मंत्री था।
  • उसने अपने राज्य की सीमा को उत्तर प्रदेश से आगे मगध तक विस्तृत किया और मालवा को भी जीत लिया।
  • युवराज के रूप में उसने ग़ज़नी के राजा मसूद तृतीय को पराजित किया था।
  • कश्मीर, गुजरात एवं चोल वंश के शासकों से उसके मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध थे।
  • गहड़वाल के इस प्रतापी शासक ने 1114 से 1154 ई. तक शासन किया।
  • गोविन्द्र चन्द्र के उत्तराधिकारी विजय चन्द्र (1156 से 1170 ई.) ने गहड़वाल राज्य की सीमाओं को सुरक्षित रखा।
  • 'पृथ्वीराजरासो' से ज्ञात होता है कि उसने अमीर ख़ुसरो को लाहौर से खदेड़ दिया था।
  • गोविन्द चन्द्र में समय में उसके मंत्री लक्ष्मीधर ने 'कल्पद्रुम' नामक विधि ग्रंथ की रचना की।
  • गोविन्द्र चन्द्र बड़ा विद्धान था।
  • उसे उसके लेखों में 'विविध विद्याविचार वायस्पति' कहा गया है।
  • गोविन्द चन्द्र की रानी कुमार देवी के सारनाथ अभिलेखों में गोविन्द्रचन्द्र को बनारस की तुर्को से रक्षा के लिए 'हरि का अवतार' कहा गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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