नन्दिनी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 6: Line 6:
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
[[Category:पौराणिक_कोश]][[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]]__INDEX__
 
==संबंधित लेख==
{{रामायण}}
[[Category:रामायण]]
[[Category:पौराणिक_कोश]][[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]]
__INDEX__

Revision as of 07:01, 2 July 2011

कामधेनु का वर्णन पौराणिक गाथाओं में एक ऐसी चमत्कारी गाय के रूप में मिलता है जिसमें दैवीय शक्तियाँ थी और जिसके दर्शन मात्र से ही लोगो के दुःख व पीड़ा दूर हो जाती थी यह कामधेनु जिसके पास होती थी उसे हर तरह से चमत्कारिक लाभ होता था। उसका दूध अमृत के समान था। जैसे देवताओं में भगवान विष्णु, सरोवरों में समुद्र, नदियों में गंगा, पर्वतों में हिमालय, भक्तों में नारद, सभी पुरियों में कैलाश, सम्पूर्ण क्षेत्रों में 'केदार क्षेत्र' श्रेष्ठ है, वैसे ही गऊओं में कामधेनु सर्वश्रेष्ठ है। इसी कामधेनु की पुत्री नंदिनी थी। thumb|right|गाय

कथा

दिलीप अंशुमान के पुत्र और अयोध्या के राजा थे। दिलीप बड़े पराक्रमी थे यहाँ तक के देवराज इन्द्र की भी सहायता करने जाते थे। इन्होंने देवासुर संग्राम में भाग लिया था। वहाँ से विजयोल्लास से भरे राजा लौट रहे थे। रास्ते में कामधेनु खड़ी मिली लेकिन उसे दिलीप ने प्रणाम नहीं किया तब कामधेनु ने श्राप दे दिया कि तुम पुत्रहीन रहोगे। यदि मेरी सन्तान तुम्हारे ऊपर कृपा कर देगी तो भले ही सन्तान हो सकती है। श्री वसिष्ठ जी की कृपा से उन्होंने 'नन्दिनी गौ' की सेवा करके पुत्र श्री रघु जी को प्राप्त किया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


संबंधित लेख