थेरवाद सम्प्रदाय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "जिन्होने" to "जिन्होंने")
Line 3: Line 3:
#महायान - [[महायान]] [[बुद्ध]] की पूजा करता है। ये थेरावादियों को "हीनयान" (छोटी गाड़ी) कहते हैं।
#महायान - [[महायान]] [[बुद्ध]] की पूजा करता है। ये थेरावादियों को "हीनयान" (छोटी गाड़ी) कहते हैं।
==थेरवाद==
==थेरवाद==
थेरवाद अन्य बौद्ध मतों की तरह बुद्ध द्वारा सिखाए गए मूल सिद्धांतों एवं आचरणों का अच्छी तरह पालने करने का दावा करता है। थेरवादी प्राचीन भारतीय बौद्ध धर्म के पालि धर्मग्रंथों को आधिकारिक मानतें हैं तथा अपनी सांप्रदायिक वंशावली को अग्रजों ([[संस्कृत]] में स्थविर; पालि में थेर) से जोड़ते हैं, जिन्होनें प्रथम बौद्ध संघ के वरिष्ठ भिक्षुओं की परंपरा का अनुसरण किया। बुद्ध की मृत्यु के बाद शुरू की सदियों में संघ कई संप्रदायों में विभाजित हो गया, जिनमें शुरू में, जहां तक जानकारी है, काफ़ी कम मतभेद थे।  
थेरवाद अन्य बौद्ध मतों की तरह बुद्ध द्वारा सिखाए गए मूल सिद्धांतों एवं आचरणों का अच्छी तरह पालने करने का दावा करता है। थेरवादी प्राचीन भारतीय बौद्ध धर्म के पालि धर्मग्रंथों को आधिकारिक मानतें हैं तथा अपनी सांप्रदायिक वंशावली को अग्रजों ([[संस्कृत]] में स्थविर; पालि में थेर) से जोड़ते हैं, जिन्होंनें प्रथम बौद्ध संघ के वरिष्ठ भिक्षुओं की परंपरा का अनुसरण किया। बुद्ध की मृत्यु के बाद शुरू की सदियों में संघ कई संप्रदायों में विभाजित हो गया, जिनमें शुरू में, जहां तक जानकारी है, काफ़ी कम मतभेद थे।  
पहला विभाजन चौथी सदी ई. पू. में दूसरी परिषद के समय हुआ, जब एक समूह स्थविरवादियों से अलग हुआ और महासंघिका के रूप में जाना जाने लगा। दूसरा प्रमुख विभाजन उस समय हुआ, जब सर्वास्तिवादी (जो मानते थे कि सब यथार्थ है), विभाज्यवादी (विभेदीकरण सिद्धांत के अनुयायी) संभवत: स्थविरवादियों से अलग हो गए। वे विभाज्यवादी, जो [[दक्षिण भारत]] और [[श्रीलंका]] में बस गए, थेरवादी (स्थविरवादी के लिए पालि शब्द) के रूप में पहचाने जाने लगे।  
पहला विभाजन चौथी सदी ई. पू. में दूसरी परिषद के समय हुआ, जब एक समूह स्थविरवादियों से अलग हुआ और महासंघिका के रूप में जाना जाने लगा। दूसरा प्रमुख विभाजन उस समय हुआ, जब सर्वास्तिवादी (जो मानते थे कि सब यथार्थ है), विभाज्यवादी (विभेदीकरण सिद्धांत के अनुयायी) संभवत: स्थविरवादियों से अलग हो गए। वे विभाज्यवादी, जो [[दक्षिण भारत]] और [[श्रीलंका]] में बस गए, थेरवादी (स्थविरवादी के लिए पालि शब्द) के रूप में पहचाने जाने लगे।  
==थेरवाद का प्रसार==
==थेरवाद का प्रसार==

Revision as of 14:07, 12 August 2013

थेरवाद (पालि शब्द, अर्थात अग्रजों का मार्ग), बौद्ध धर्म का प्रमुख स्वरूप, श्रीलंका (भूतपूर्व सीलोन), म्यांमार (भूतपूर्व बर्मा), थाईलैंड, कंबोडिया एवं लाओस में प्रचलित। बौद्ध धर्म में तीन मुख्य सम्प्रदाय हैं - थेरवाद, महायान और वज्रयान। बौद्ध धर्म को पैंतीस करोड़ से अधिक लोग मानते हैं और यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।

  1. थेरवाद - थेरवाद या हीनयान बुद्ध के मौलिक उपदेश ही मानता है।
  2. महायान - महायान बुद्ध की पूजा करता है। ये थेरावादियों को "हीनयान" (छोटी गाड़ी) कहते हैं।

थेरवाद

थेरवाद अन्य बौद्ध मतों की तरह बुद्ध द्वारा सिखाए गए मूल सिद्धांतों एवं आचरणों का अच्छी तरह पालने करने का दावा करता है। थेरवादी प्राचीन भारतीय बौद्ध धर्म के पालि धर्मग्रंथों को आधिकारिक मानतें हैं तथा अपनी सांप्रदायिक वंशावली को अग्रजों (संस्कृत में स्थविर; पालि में थेर) से जोड़ते हैं, जिन्होंनें प्रथम बौद्ध संघ के वरिष्ठ भिक्षुओं की परंपरा का अनुसरण किया। बुद्ध की मृत्यु के बाद शुरू की सदियों में संघ कई संप्रदायों में विभाजित हो गया, जिनमें शुरू में, जहां तक जानकारी है, काफ़ी कम मतभेद थे। पहला विभाजन चौथी सदी ई. पू. में दूसरी परिषद के समय हुआ, जब एक समूह स्थविरवादियों से अलग हुआ और महासंघिका के रूप में जाना जाने लगा। दूसरा प्रमुख विभाजन उस समय हुआ, जब सर्वास्तिवादी (जो मानते थे कि सब यथार्थ है), विभाज्यवादी (विभेदीकरण सिद्धांत के अनुयायी) संभवत: स्थविरवादियों से अलग हो गए। वे विभाज्यवादी, जो दक्षिण भारत और श्रीलंका में बस गए, थेरवादी (स्थविरवादी के लिए पालि शब्द) के रूप में पहचाने जाने लगे।

थेरवाद का प्रसार

सम्राट अकबर के शासन के दौरान (तीसरी सदी ई. पू.) थेरवाद मत श्रीलंका पहुंचा, जहां यह तीन उपसमूहों में विभाजित हो गया, जो अपने मठ केंद्रों के नाम से पहचाने जाने लगे, जैसे महाविहारिक, अभयागिरिक और जेतवानिया। बौद्ध धर्म का थेरवादी प्रकार क्रमश: पूर्व की ओर फैला और 11वीं सदी के अंत में म्यांमार तथा 13वीं व 14वीं सदी में कंबोडिया एवं लाओस में छा गया। थेरवाद बौद्ध संप्रदाय का झुकाव बुद्ध की शिक्षा की परंपरावादी एवं रूढ़िवादी व्याख्या की तरफ़ है। आदर्श थेरवाद, बौद्ध अर्हत या परम संत हैं, जो अपने प्रयासों के परिणामस्वरूप ज्ञान प्राप्त करते हैं। थेरवादी ने आम आदमी एवं भिक्षु की भूमिका में स्पष्ट भेद किया है, वे इसे संभव नहीं मानते कि कोई आम आदमी का जीवन व्यतीत करते हुए ज्ञान प्राप्त कर सकता है। थेरवादी ऐतिहासिक बुद्ध का परम गुरु के रूप में अत्यधिक आदर करते हैं, लेकिन महायान मंदिरों में पूजित असंख्य दैवी बुद्धों एवं बोधिसत्वों की उपासना नहीं करते हैं।



चित्र:Seealso.gifथेरवाद सम्प्रदाय का उल्लेख इन लेखों में भी है: बौद्ध धर्म, बौद्ध दर्शन, महायान, महायान साहित्य, फ़ाह्यान, हीनयान, वज्रयान, ह्वेन त्सांग एवं अल्प


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ