महाकाच्यायन: Difference between revisions
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Revision as of 10:01, 28 June 2012
महाकाच्यायन अथवा 'महाकश्यप' भगवान बुद्ध के प्रमुख छात्रों में से एक थे। इन्हें 'माहाकाश्यप', 'महाकास्यप' आदि नामों से भी जाना जाता है। भगवान बुद्ध की मृत्यु के बाद बौद्ध संघ की जो पहली संगीति आयोजित की गई थी, उसके सभापति के रूप में महाकश्यप को ही चुना गया था। उन्हें बौद्ध धर्म की जैन शाखा का पहला प्रधान भी माना जाता है।
- महाकाच्यायन बुद्ध के एकमात्र ऐसे छात्र थे, जिनके साथ भगवान बुद्ध ने वस्त्रों का आदान-प्रदान किया था।
- बुद्ध ने बहुत बार महाकश्यप की बड़ाई भी की थी और महाकश्यप को अपने बराबर का दर्जा दिया।
- महाकश्यप 'कपिल' नाम के ब्राह्मण और उनकी पत्नी 'सुमनदेवी' के पुत्र के रूप में मगध में पैदा हुए थे। वे काफ़ी धन दौलत और सुख-सुविधाओं के बीच बड़े हुए थे।
- विवाह की इच्छा न होते हुए भी महाकश्यप का विवाह कर दिया गया था।
- अपने माता-पिता कि मृत्यु के बाद कुछ समय तक महाकश्यप ने अपनी पत्नी के साथ अपने माता-पिता की धन-दौलत को सम्भाला, लेकिन कुछ समय बाद उन दोनों ने सन्यासी बनने का फ़ैसला कर लिया, और दोनों बुद्ध के अनुयायी बन गये।
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