थेरगाथा: Difference between revisions

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Latest revision as of 13:45, 21 March 2014

  • बौद्ध साहित्य के ये दो प्रसिद्ध ग्रंथ हैं।
  • थेरगाथा में उन बौद्ध-भिक्षुओं की उपलब्धियों का वर्णन है जिन्होंने परमपद प्राप्त किया।
  • इसमें बौद्ध संघ का सुंदर चित्रण मिलता है।
  • संघ में दीनों की कुटियों से निकले साधारण लोग भी थे और कपिलवस्तु, वैशाली, श्राबस्ती, राजगृह आदि के राजभवनों से निकले संपन्न लोग भी। परंतु संघ में वे सब समान थे।
  • धन, बल और पद का कोई भेदभाव न था।
  • वे सब तथागत की शरण में आकर आध्यात्मिक समता को प्राप्त हो चुके थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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