राजीव कपूर: Difference between revisions
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राजीव कपूर
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पूरा नाम | राजीव कपूर |
जन्म | 25 अगस्त, 1962 |
जन्म भूमि | मुम्बई, महाराष्ट्र |
मृत्यु | 9 फ़रवरी, 2021 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र |
अभिभावक | माता- राजकपूर
पिता- कृष्णा कपूर |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | हिंदी सिनेमा |
मुख्य फ़िल्में | 'राम तेरी गंगा मैली', 'आसमान', 'लवर बॉय', 'जबरदस्त' और 'हम तो चले परदेस' आदि। |
प्रसिद्धि | अभिनेता |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | राजीव कपूर ने बतौर डायरेक्टर 1996 में 'प्रेम ग्रंथ' फिल्म बनाई जबकि बतौर प्रोड्यूसर उन्होंने 1999 में 'आ अब लौट चलें' बनाई थी। |
राजीव कपूर (अंग्रेज़ी: Rajiv Kapoor, जन्म- 25 अगस्त, 1962; मृत्यु- 9 फ़रवरी, 2021) हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता थे। वह अपने समय के ख्यातिप्राप्त फ़िल्म अभिनेता राज कपूर के सबसे छोटे पुत्र थे। राजीव कपूर ने 1983 में रिलीज हुई फिल्म 'एक जान हैं हम' से डेब्यू किया था, लेकिन उन्हें पहचान 1985 में रिलीज हुई 'राम तेरी गंगा मैली' फ़िल्म से मिली। वह 'नाग नागिन' और 'अंगारे' जैसी फ़िल्मों में भी बतौर अभिनेता नजर आए थे। इसके अलावा उन्होंने अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय स्टारर 'आ अब लौट चलें' को प्रोड्यूस किया था। 1986 में रिलीज हुई ऋषि कपूर और माधुरी दीक्षित की 'प्रेम ग्रंथ' में राजीव कपूर डायरेक्टर थे।
परिचय
राजीव कपूर का जन्म 25 अगस्त, 1962 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता राजकपूर थे। राजकपूर के सबसे बड़े पुत्र अभिनेता रणधीर कपूर हैं। इनसे छोटे ऋषि कपूर थे जिन्होंने हिंदी सिनेमा को असंख्य कामयाब फ़िल्में दी थीं और सबसे छोटे राजीव कपूर थे।
विवाह
राजीव कपूर ने 2001 में आर्किटेक्ट आरती सभरवाल से विवाह किया था। हालांकि, दो साल बाद ही उनका तलाक हो गया। उनकी कोई संतान नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तलाक के बाद आरती ने अपना बिजनेस कनाडा शिफ्ट कर लिया।
कॅरियर
राजीव कपूर ने 'आसमान', 'लवर बॉय', 'जबरदस्त' और 'हम तो चले परदेस' जैसी कई फिल्मों में काम किया, लेकिन बतौर एक्टर उनका कॅरियर चल नहीं सका [[चित्र:Randhir-Raj-Rajeev-Rishi-Kapoor.jpg|thumb|left|250px|रणधीर कपूर, राज कपूर, राजीव कपूर और ऋषि कपूर]] और फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रहीं। सन 1985 में आई फ़िल्म 'राम तेरी गंगा मैली' भारतीय सिने इतिहास की सुपर हिट फ़िल्मों में से एक रही। इस फ़िल्म में राजीव कपूर मुख्य भूमिका में थे और अभिनेत्री मंदाकिनी थीं। इस फ़िल्म की अपार सफलता ने राजीव कपूर को रातों-रात प्रसिद्धि दिला दी। राजीव कपूर ने बतौर डायरेक्टर 1996 में 'प्रेम ग्रंथ' फिल्म बनाई जबकि बतौर प्रोड्यूसर उन्होंने 1999 में 'आ अब लौट चलें' बनाई थी।
राजीव कपूर को फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' से पहचान मिली थी, हालांकि फिल्मों में वे ज्यादा समय तक नहीं चले। उन्होंने अपने 10 साल के फिल्मी कॅरियर में केवल 13 फिल्में कीं, जिनमें 12 फिल्में फ्लॉप साबित हुईं। इनमें 'राम तेरी गंगा मैली' ही उनकी एकमात्र हिट फ़िल्म थी जिसकी सफलता का श्रेय फिल्म की एक्ट्रेस मंदाकिनी को दिया गया।
फ़िल्में
क्र.सं. | कार्य | फ़िल्म |
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1. | बतौर एक्टर | एक जान हैं हम (1983), आसमान (1984), 'मेरा साथी' (1985), 'लावा' (1985), 'राम तेरी गंगा मैली' (1985), 'लवर बॉय' (1985), 'अंगारे' (1986), प्रीति (1986), जहरीला (1988), हम तो चले परदेस (1988), शुक्रिया (1988) नाग नागिन (1989), जिम्मेदार (1990) |
2. | बतौर प्रोड्यूसर | आ अब लौट चलें (1999) |
3. | बतौर एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर | प्रेम ग्रंथ (1996), हिना (1991) |
4. | बतौर एडिटर | आ अब लौट चलें (1999), प्रेम ग्रंथ (1996) |
5. | बतौर डायरेक्टर | प्रेम ग्रंथ (1996) |
6. | बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर | प्रेम रोग (1982), बीवी ओ बीवी (1996) |
ऋषि कपूर की नज़र से
[[चित्र:Rajeev-Randhir-Rishi-Kapoor.jpg|thumb|250px|राजीव कपूर, रणधीर कपूर और ऋषि कपूर]]
ऋषि कपूर ने अपनी किताब 'खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' में कहा था कि वो दु:खी महसूस करते हैं क्योंकि राजीव कपूर कभी भी अपनी असली क्षमता का एहसास नहीं कर पाए। ऋषि कपूर अपने छोटे भाई राजीव कपूर से काफी करीब थे। उन्होंने अपने भाई राजीव कपूर से जुड़ी कई बातें एक ऑटोबायोग्राफी में कही थीं। ऋषि कपूर को अपने भाई राजीव कपूर के लिए ये लगता था कि वो सिनेमा के बहुत टैलेंटड लोगों में से एक हैं, लेकिन उन्हें अपनी वास्तविक क्षमता का कभी एहसास नहीं हो सका।[1]
रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर दिग्गज अभिनेता-फिल्म निर्माता राज कपूर के तीन बेटे और अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के पोते थे। राज कपूर के बच्चों में बेटियां रितु नंदा और रीमा जैन शामिल हैं। अप्रॅल 2020 में ऋषि कपूर का निधन हो गया। ऋषि कपूर ने अपनी बुक 'खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' में राजीव कपूर के बारे में बहुत तारीफ की थी। "मैं चिम्पू (राजीव कपूर) के बारे में बहुत चिंता करता हूं और दु:खी महसूस करता हूं कि वो कभी भी अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास नहीं कर पाया। वो हम में से सबसे टैलेंटड इंसान है। राजीव कपूर पियानो को बिना सीखे ही शानदार तरीके से बजाता है"।
मृत्यु
58 साल के राजीव कपूर का निधन मंगलवार के दिन (9 फ़रवरी, 2021) को हार्ट अटैक से हुआ। दिल का दौरा पड़ने पर बड़े भाई रणधीर कपूर उन्हें अस्पताल लेकर गये। चेम्बूर इलाके के इनलेक्स अस्पताल में भर्ती करने से पहले ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। कपूर परिवार के लिए पिछले कुछ साल काफ़ी मुश्किल गुज़रे हैं। 2018 में राज कपूर की पत्नी कृष्णा राज कपूर का निधन हुआ। 2020 में परिवार को दोहरा झटका लगा। जनवरी में राज कपूर की बड़ी बेटी रितु नंदा दुनिया छोड़कर चली गयीं। फिर अप्रॅल में ऋषि कपूर का देहांत हो गया। उन्हें गये एक साल भी पूरा नहीं हुआ कि राजीव कपूर चल बसे। कपूर परिवार में अब सबसे बड़े सदस्य रणधीर कपूर हैं। राजीव कपूर के अंतिम संस्कार के दौरान रणधीर काफ़ी इमोशनल नज़र आए।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ Rishi Kapoor ने अपने छोटे भाई Rajeev Kapoor लेकर कहा था (हिंदी) abplive.com। अभिगमन तिथि: 11 फ़रवरी, 2020।
बाहरी कड़ियाँ
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