Difference between revisions of "अट नहीं रही है -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला"
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
कात्या सिंह (talk | contribs) |
|||
Line 31: | Line 31: | ||
{{Poemopen}} | {{Poemopen}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | अट नहीं रही है | + | अट नहीं रही है, |
− | आभा फागुन की तन | + | आभा फागुन की तन, |
सट नहीं रही है। | सट नहीं रही है। | ||
कहीं साँस लेते हो, | कहीं साँस लेते हो, | ||
घर-घर भर देते हो, | घर-घर भर देते हो, | ||
− | उड़ने को नभ में तुम | + | उड़ने को नभ में तुम, |
पर-पर कर देते हो, | पर-पर कर देते हो, | ||
− | आँख हटाता हूँ तो | + | आँख हटाता हूँ तो, |
हट नहीं रही है। | हट नहीं रही है। | ||
− | पत्तों से लदी डाल | + | पत्तों से लदी डाल, |
कहीं हरी, कहीं लाल, | कहीं हरी, कहीं लाल, | ||
कहीं पड़ी है उर में, | कहीं पड़ी है उर में, | ||
मंद - गंध-पुष्प माल, | मंद - गंध-पुष्प माल, | ||
− | पाट-पाट शोभा-श्री | + | पाट-पाट शोभा-श्री, |
पट नहीं रही है। | पट नहीं रही है। | ||
</poem> | </poem> |
Revision as of 05:32, 14 December 2011
| ||||||||||||||||||
|
at nahian rahi hai, |
sanbandhit lekh