हाफ़िज़ मुहम्मद इब्राहीम: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
आरुष परिहार (talk | contribs) (''''हाफ़िज़ मुहम्मद इब्राहीम''' (अंग्रेज़ी:''Hafiz Muhammad Ibrahim'') ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " कानून" to " क़ानून") |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''हाफ़िज़ मुहम्मद इब्राहीम''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Hafiz Muhammad Ibrahim'') प्रसिद्ध राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता थे जिनका जन्म 1889 ई. में [[उत्तर प्रदेश]] में [[बिजनौर ज़िला|बिजनौर ज़िले]] के नगीना कस्बे में हुआ था। | '''हाफ़िज़ मुहम्मद इब्राहीम''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Hafiz Muhammad Ibrahim'') प्रसिद्ध राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता थे जिनका जन्म 1889 ई. में [[उत्तर प्रदेश]] में [[बिजनौर ज़िला|बिजनौर ज़िले]] के नगीना कस्बे में हुआ था। | ||
==शिक्षा== | ==शिक्षा== | ||
मुहम्मद इब्राहीम की आरम्भिक शिक्षा मुस्लिम मदरसे में हुई। पूरा [[क़ुरान शरीफ]] कंठस्थ करने के कारण उन्हें 'हाफ़िज़' की उपाधि दी गयी थी। उनकी आगे की शिक्षा [[अलीगढ़]] में हुई। वहाँ से | मुहम्मद इब्राहीम की आरम्भिक शिक्षा मुस्लिम मदरसे में हुई। पूरा [[क़ुरान शरीफ]] कंठस्थ करने के कारण उन्हें 'हाफ़िज़' की उपाधि दी गयी थी। उनकी आगे की शिक्षा [[अलीगढ़]] में हुई। वहाँ से क़ानून की डिग्री लेने के बाद हाफिज़ जी ने अपने ज़िले में वकालत शुरू की। | ||
==राजनीति में== | ==राजनीति में== | ||
1937 के पहले चुनाव में वे [[मुस्लिम लीग]] के उम्मीदवार के रूप में उत्तर प्रदेश [[विधान सभा]] के सदस्य चुने गए। लेकिन मंत्रीमंडल के गठन के समय विभागों के बँटवारे को लेकर [[काँग्रेस]] और मुस्लिम लीग में मतभेद हो गया। इस पर हाफ़िज़ जी ने मुस्लिम लीग छोड़ दी और काँग्रेस में शामिल हो गए। काँग्रेस ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री के रूप में सम्मिलित कर लिया। इसके बाद वे जीवनपर्यंत राष्ट्रवादी [[मुसलमान]] बने रहे। एक निर्वाचन में उन्होंने लीग के उम्मीदवार को पराजित करके सिद्ध कर दिया, कि सब मुसलमान मुस्लिम लीग के साथ नहीं हैं। वे उत्तर प्रदेश के अनेक वर्षों तक मंत्री रहे। [[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद|मौलाना आजाद]] की मृत्यु के बाद वे कुछ समय तक केंद्र सरकार में भी मंत्री पद पर रहे। 1963 में [[लोक सभा]] का चुनाव हारने के बाद [[पंजाब]] का [[राज्यपाल]] बनाया गया। | 1937 के पहले चुनाव में वे [[मुस्लिम लीग]] के उम्मीदवार के रूप में उत्तर प्रदेश [[विधान सभा]] के सदस्य चुने गए। लेकिन मंत्रीमंडल के गठन के समय विभागों के बँटवारे को लेकर [[काँग्रेस]] और मुस्लिम लीग में मतभेद हो गया। इस पर हाफ़िज़ जी ने मुस्लिम लीग छोड़ दी और काँग्रेस में शामिल हो गए। काँग्रेस ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री के रूप में सम्मिलित कर लिया। इसके बाद वे जीवनपर्यंत राष्ट्रवादी [[मुसलमान]] बने रहे। एक निर्वाचन में उन्होंने लीग के उम्मीदवार को पराजित करके सिद्ध कर दिया, कि सब मुसलमान मुस्लिम लीग के साथ नहीं हैं। वे उत्तर प्रदेश के अनेक वर्षों तक मंत्री रहे। [[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद|मौलाना आजाद]] की मृत्यु के बाद वे कुछ समय तक केंद्र सरकार में भी मंत्री पद पर रहे। 1963 में [[लोक सभा]] का चुनाव हारने के बाद [[पंजाब]] का [[राज्यपाल]] बनाया गया। | ||
Line 8: | Line 8: | ||
{{लेख प्रगति|आधार= | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
Line 21: | Line 21: | ||
[[Category:राज्यपाल]][[Category:राजनीति कोश]] | [[Category:राज्यपाल]][[Category:राजनीति कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
Latest revision as of 14:12, 30 July 2013
हाफ़िज़ मुहम्मद इब्राहीम (अंग्रेज़ी:Hafiz Muhammad Ibrahim) प्रसिद्ध राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता थे जिनका जन्म 1889 ई. में उत्तर प्रदेश में बिजनौर ज़िले के नगीना कस्बे में हुआ था।
शिक्षा
मुहम्मद इब्राहीम की आरम्भिक शिक्षा मुस्लिम मदरसे में हुई। पूरा क़ुरान शरीफ कंठस्थ करने के कारण उन्हें 'हाफ़िज़' की उपाधि दी गयी थी। उनकी आगे की शिक्षा अलीगढ़ में हुई। वहाँ से क़ानून की डिग्री लेने के बाद हाफिज़ जी ने अपने ज़िले में वकालत शुरू की।
राजनीति में
1937 के पहले चुनाव में वे मुस्लिम लीग के उम्मीदवार के रूप में उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए। लेकिन मंत्रीमंडल के गठन के समय विभागों के बँटवारे को लेकर काँग्रेस और मुस्लिम लीग में मतभेद हो गया। इस पर हाफ़िज़ जी ने मुस्लिम लीग छोड़ दी और काँग्रेस में शामिल हो गए। काँग्रेस ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री के रूप में सम्मिलित कर लिया। इसके बाद वे जीवनपर्यंत राष्ट्रवादी मुसलमान बने रहे। एक निर्वाचन में उन्होंने लीग के उम्मीदवार को पराजित करके सिद्ध कर दिया, कि सब मुसलमान मुस्लिम लीग के साथ नहीं हैं। वे उत्तर प्रदेश के अनेक वर्षों तक मंत्री रहे। मौलाना आजाद की मृत्यु के बाद वे कुछ समय तक केंद्र सरकार में भी मंत्री पद पर रहे। 1963 में लोक सभा का चुनाव हारने के बाद पंजाब का राज्यपाल बनाया गया।
निधन
1964 ई. में हाफ़िज़ मुहम्मद इब्राहीम का निधन हो गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख