अद्वय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
No edit summary
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 3: Line 3:
*[[अद्वैतवाद|अद्वैत]] में ज्ञान सत्ता की प्रधानता होती है और अद्वय में चतुष्कोटिविनिर्मुक्त ज्ञान की प्रधानता मानी जाती है।
*[[अद्वैतवाद|अद्वैत]] में ज्ञान सत्ता की प्रधानता होती है और अद्वय में चतुष्कोटिविनिर्मुक्त ज्ञान की प्रधानता मानी जाती है।
*माध्यमिक दर्शन अद्वयवाद्वी और शंकर वेदांत तथा विज्ञानवाद 'अद्वैतवादी दर्शन' माने जाते हैं।
*माध्यमिक दर्शन अद्वयवाद्वी और शंकर वेदांत तथा विज्ञानवाद 'अद्वैतवादी दर्शन' माने जाते हैं।
'''अद्वय''' ([[विशेषण]]) [नास्ति द्वयं यस्य न. ब.]
::1. दो नहीं
::2. अद्वितीय, अनुपम, एकमात्र,-'''यः''' [[बुद्ध]] का नाम, -'''यम्''' [न. त.] द्वैत का अभाव, एकता, तादात्म्य, विशेषतया ब्रह्म और विश्व का तादात्म्य या प्रकृति और [[आत्मा]] का तादात्म्य, परम सत्य।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=28|url=|ISBN=}}</ref>
सम.-'''वादिन्''' (अद्वैत°)
::1. विश्व और ब्रह्म तथा प्रकृति एवं आत्मा के तादात्म्य का प्रतिपादक
::2. [[बुद्ध]]
{{seealso|संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची)|संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची)|संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश}}


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
Line 9: Line 22:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{बौद्ध धर्म}}
{{बौद्ध धर्म}}
[[Category:बौद्ध दर्शन]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
[[Category:बौद्ध दर्शन]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]][[Category:संस्कृत हिन्दी शब्दकोश]][[Category:संस्कृत शब्दकोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:05, 1 September 2023

अद्वय अर्थात् 'द्वित्व भाव से रहित'। 'महायान' बौद्ध दर्शन में भाव और अभाव की दृष्टि से परे ज्ञान को 'अद्वय' कहा जाता है। इसमें अभेद का स्थान नहीं होता। इसके विपरीत अद्वैत भेदरहित सत्ता का बोध कराता है।[1]

  • अद्वैत में ज्ञान सत्ता की प्रधानता होती है और अद्वय में चतुष्कोटिविनिर्मुक्त ज्ञान की प्रधानता मानी जाती है।
  • माध्यमिक दर्शन अद्वयवाद्वी और शंकर वेदांत तथा विज्ञानवाद 'अद्वैतवादी दर्शन' माने जाते हैं।


अद्वय (विशेषण) [नास्ति द्वयं यस्य न. ब.]

1. दो नहीं
2. अद्वितीय, अनुपम, एकमात्र,-यः बुद्ध का नाम, -यम् [न. त.] द्वैत का अभाव, एकता, तादात्म्य, विशेषतया ब्रह्म और विश्व का तादात्म्य या प्रकृति और आत्मा का तादात्म्य, परम सत्य।[2]


सम.-वादिन् (अद्वैत°)

1. विश्व और ब्रह्म तथा प्रकृति एवं आत्मा के तादात्म्य का प्रतिपादक
2. बुद्ध


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अद्वय (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 11 जुलाई, 2014।
  2. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 28 |

संबंधित लेख