मुक्तक: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) (''''मुक्तक''' काव्य या कविता का वह प्रकार है जिसमें प्र...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''मुक्तक''' काव्य या [[कविता]] का वह प्रकार है जिसमें प्रबन्धकीयता न हो। इसमें एक [[छन्द]] में कथित बात का दूसरे छन्द में कही गयी बात से कोई सम्बन्ध या तारतम्य होना आवश्यक नहीं है। [[कबीर]] एवं [[रहीम]] के दोहे; [[मीराबाई]] के पद्य आदि सब मुक्तक रचनाएं हैं। [[हिन्दी]] के [[रीतिकाल]] में अधिकांश मुक्तक काव्यों की रचना हुई। | '''मुक्तक''' काव्य या [[कविता]] का वह प्रकार है जिसमें प्रबन्धकीयता न हो। इसमें एक [[छन्द]] में कथित बात का दूसरे छन्द में कही गयी बात से कोई सम्बन्ध या तारतम्य होना आवश्यक नहीं है। [[कबीर]] एवं [[रहीम]] के दोहे; [[मीराबाई]] के पद्य आदि सब मुक्तक रचनाएं हैं। [[हिन्दी]] के [[रीतिकाल]] में अधिकांश मुक्तक काव्यों की रचना हुई। | ||
{{seealso|कबीर के दोहे|रहीम के दोहे}} | {{seealso|कबीर के दोहे|रहीम के दोहे|रसखान के मुक्तक}} | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Revision as of 09:05, 4 April 2013
मुक्तक काव्य या कविता का वह प्रकार है जिसमें प्रबन्धकीयता न हो। इसमें एक छन्द में कथित बात का दूसरे छन्द में कही गयी बात से कोई सम्बन्ध या तारतम्य होना आवश्यक नहीं है। कबीर एवं रहीम के दोहे; मीराबाई के पद्य आदि सब मुक्तक रचनाएं हैं। हिन्दी के रीतिकाल में अधिकांश मुक्तक काव्यों की रचना हुई।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख