अपदान: Difference between revisions
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'''अपदान''' बौद्ध धर्मग्रंथ '[[त्रिपिटक]]' के ' | '''अपदान''' अथवा '''अपादान''' ([[पालि]] शब्द अर्थात कहानियाँ), बौद्ध संतों की कथाओं का संग्रह, पालि विधि संहिता के सुत्त पिटक (प्रवचनों की टोकरी) के नवीनतम खंड ([[खुद्दकनिकाय]]) की नवीनतम पुस्तकों में से एक। पूर्णत: छंदबद्ध इस कृति में लगभग 547 भिक्षुओं और 40 भिक्षुणियों के एक या अधिक पूर्व जन्मों और वर्तमान अस्तित्त्व की कहानियाँ है। सभी कहानियों को [[बुद्ध]] के कथनों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इन कहानियों में जिन कृत्यों की प्रशंसा की गई है, वे औपचारिक धर्मनिष्ठा और परोपकार से जुड़े हुए हैं। इस शब्द का नज़दीकी समानार्थी शब्द अवदान है। | ||
*अपदान बौद्ध धर्मग्रंथ '[[त्रिपिटक]]' के 'खुद्दकनिकाय' का 13वाँ ग्रंथ जो निम्न 4 भागों में विभाजित है- | |||
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Revision as of 11:58, 17 March 2012
अपदान अथवा अपादान (पालि शब्द अर्थात कहानियाँ), बौद्ध संतों की कथाओं का संग्रह, पालि विधि संहिता के सुत्त पिटक (प्रवचनों की टोकरी) के नवीनतम खंड (खुद्दकनिकाय) की नवीनतम पुस्तकों में से एक। पूर्णत: छंदबद्ध इस कृति में लगभग 547 भिक्षुओं और 40 भिक्षुणियों के एक या अधिक पूर्व जन्मों और वर्तमान अस्तित्त्व की कहानियाँ है। सभी कहानियों को बुद्ध के कथनों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इन कहानियों में जिन कृत्यों की प्रशंसा की गई है, वे औपचारिक धर्मनिष्ठा और परोपकार से जुड़े हुए हैं। इस शब्द का नज़दीकी समानार्थी शब्द अवदान है।
- अपदान बौद्ध धर्मग्रंथ 'त्रिपिटक' के 'खुद्दकनिकाय' का 13वाँ ग्रंथ जो निम्न 4 भागों में विभाजित है-
- बुद्धापदान
- पच्चेकबुद्धापदान
- थेरापदान
- थेरीअपदान
- पालि भाषा में 'अपदान' का अर्थ 'जीवनरचित' है।
- इन भागों में क्रमशः बुद्धों की प्रशंसा, प्रत्येक बुद्धों द्वारा कही गयी गाथाएँ, थेरों (भिक्षुओं) की गाथाएँ तथा थेरियों की गाथाएँ हैं।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें