प्रयोग:दीपिका4: Difference between revisions
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-भण्डारण की तकनीकों का ज्ञान | -भण्डारण की तकनीकों का ज्ञान | ||
{हड़प्पकालीन लोगों द्वारा स्वच्छता संबंधी कौन | {हड़प्पकालीन लोगों द्वारा स्वच्छता संबंधी कौन सा उपाय नहीं किया गया था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-183,प्रश्न-172 | ||
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-जल-निवास प्रणाली | -जल-निवास प्रणाली | ||
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+सार्वजनिक शौचालय | +सार्वजनिक शौचालय | ||
{निम्नलिखित में किस स्थान से हड़प्पा पूर्व काल की बस्ती नहीं पाई गई है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-183,प्रश्न-173 | {निम्नलिखित में किस स्थान से [[हड़प्पा]] पूर्व काल की बस्ती नहीं पाई गई है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-183,प्रश्न-173 | ||
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+रंगपुर | +[[रंगपुर (गुजरात)|रंगपुर]] | ||
-कोटदीजि | -कोटदीजि | ||
-[[कालीबंगा]] | -[[कालीबंगा]] | ||
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-सीमांतर्गत नगर का विकास करना और नगरीय नियंत्रण कायम रखना। | -सीमांतर्गत नगर का विकास करना और नगरीय नियंत्रण कायम रखना। | ||
{हड़प्पाकालीन सभ्यता की चार सीमा चौकियाँ कौन थीं? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-183,प्रश्न-175 | {[[हड़प्पा सभ्यता|हड़प्पाकालीन सभ्यता]] की चार सीमा चौकियाँ कौन सी थीं? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-183,प्रश्न-175 | ||
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+उत्तर में मांडा, दक्षिण में दैमाबाद, पूर्व में हुलास और आलमगीरपुर तथा पश्चिम में सुक्तागेंडोर। | +उत्तर में [[मांडा]], दक्षिण में [[दैमाबाद]], पूर्व में [[हुलासखेड़ा|हुलास]] और [[आलमगीरपुर (मेरठ)|आलमगीरपुर]] तथा पश्चिम में सुक्तागेंडोर। | ||
-पूर्व में मांडा, दक्षिण में दैमाबाद, उत्तर में हुलास और पश्चिम में सुरकोटदा। | -पूर्व में मांडा, दक्षिण में दैमाबाद, उत्तर में हुलास और पश्चिम में सुरकोटदा। | ||
-उत्तर में मांडा, पूर्व में आलमगीरपुर, पश्चिम में शोर्तुहाई और दक्षिण में | -उत्तर में [[मांडा]], पूर्व में [[आलमगीरपुर (मेरठ)|आलमगीरपुर]], पश्चिम में शोर्तुहाई और दक्षिण में [[दैमाबाद]]। | ||
-उत्तर में आलमगीरपुर, दक्षिण में कायथा, पूर्व में मांडा और पश्चिम में कुंतासी। | -उत्तर में आलमगीरपुर, दक्षिण में [[कायथा |कायथा]], पूर्व में मांडा और पश्चिम में कुंतासी। | ||
{हड़प्पाकालीन सभ्यता लगभग कितने क्षेत्र में फैली हुई थी? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-183,प्रश्न-176 | {[[हड़प्पा सभ्यता|हड़प्पाकालीन सभ्यता]] लगभग कितने क्षेत्र में फैली हुई थी? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-183,प्रश्न-176 | ||
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+13 लाख वर्ग कि.मी. | +13 लाख वर्ग कि.मी. | ||
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-6.5 लाख वर्ग कि.मी. | -6.5 लाख वर्ग कि.मी. | ||
{हड़प्पा सभ्यता का विस्तार किससे संबद्ध है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-183,प्रश्न-177 | {[[हड़प्पा सभ्यता]] का विस्तार किससे संबद्ध है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-183,प्रश्न-177 | ||
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+गेहूँ उत्पादन क्षेत्र | +गेहूँ उत्पादन क्षेत्र | ||
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{निम्नलिखित में से कौन | {निम्नलिखित में से कौन सी देवी ऋग्वैदिक काल में पूजित थी? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-234 | ||
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+ऊष्मा | +ऊष्मा | ||
-इन्द्र | -[[इन्द्र]] | ||
-वरुण | -[[वरुण देवता|वरुण]] | ||
-सूर्य | -[[सूर्य]] | ||
{वरुण को ऋग्वैदिक काल में किस वस्तु का देवता माना जाता था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-235 | {[[वरुण देवता|वरुण]] को ऋग्वैदिक काल में किस वस्तु का [[देवता]] माना जाता था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-235 | ||
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-जल | -[[जल]] | ||
-हवा | -[[वायु|हवा]] | ||
-प्रकाश | -[[प्रकाश]] | ||
+प्रकृति संचालक | +[[प्रकृति]] संचालक | ||
{किसकी मान्यता | {किसकी मान्यता है कि [[वैदिक काल|वैदिक युग]] में 'सभा' सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यों के लिए [[ग्राम]] की बैठक थी? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-236 | ||
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-एम. ब्लूमफील्ड | -एम. ब्लूमफील्ड | ||
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+ए. एस. अल्तेकर | +ए. एस. अल्तेकर | ||
{वेदों को अपौरुषेय क्यों कहा जाता हैं? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-237 | {[[वेद|वेदों]] को अपौरुषेय क्यों कहा जाता हैं? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-237 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-क्योंकि वे अत्यधिक प्राचीन | -क्योंकि वे अत्यधिक प्राचीन हैं | ||
-विदेशियों द्वारा रचित | -विदेशियों द्वारा रचित हैं | ||
+देवों द्वारा रचित | +[[देवता|देवों]] द्वारा रचित हैं | ||
-चारों वर्णों की सम्मिलित रचना | -चारों वर्णों की सम्मिलित रचना है | ||
{कौन-से वेद में स्तोत्र तथा प्रथाओं दोनों का उल्लेख है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-238 | {कौन-से [[वेद]] में स्तोत्र तथा प्रथाओं दोनों का उल्लेख है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-238 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-ऋग्वेद | -[[ऋग्वेद]] | ||
-सामवेद | -[[सामवेद]] | ||
+यजुर्वेद | +[[यजुर्वेद]] | ||
- | -[[अथर्ववेद]] | ||
{वैदिक काल में 'जन' किसे दर्शाता है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-239 | {[[वैदिक काल]] में 'जन' किसे दर्शाता है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-239 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्रांत | -प्रांत | ||
-गाँव | -[[गाँव]] | ||
+कबीला | +[[कबीला]] | ||
-लोग | -लोग | ||
{अस्पृश्यता का स्पष्ट रूप से प्रकटीकरण निम्न में से किस कालखण्ड में हुआ? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-240 | {अस्पृश्यता का स्पष्ट रूप से प्रकटीकरण निम्न में से किस कालखण्ड में हुआ? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-240 | ||
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-वैदिक काल | -[[वैदिक काल]] | ||
-स्मृतिकाल | -स्मृतिकाल | ||
+उत्तर गुप्तकाल | +उत्तर गुप्तकाल | ||
-मौर्यकाल | -[[मौर्यकाल]] | ||
{ऐसा विवाह जिसमें पिता सावधानीपूर्वक | {ऐसा विवाह जिसमें पिता सावधानीपूर्वक वेदज्ञ एवं शीलवान वर का चयन करने के बाद उसे अपने घर बुलाता था तथा उसकी पूजा करके वस्त्राभूषण से सुसज्जित कन्या को उसे प्रदान करता था, को कहते थे- (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-241 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-दैव विवाह | -दैव विवाह | ||
Line 281: | Line 281: | ||
-प्रजापत्य विवाह | -प्रजापत्य विवाह | ||
{सूत्र-काल में | {सूत्र-काल में [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को निम्नांकित से [[विवाह]] करने की अनुमति थी- (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-244 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-केवल ब्राह्मण कन्याओं | -केवल ब्राह्मण कन्याओं से | ||
-ब्राह्मण एवं क्षत्रिय कन्याओं | -[[ब्राह्मण]] एवं [[क्षत्रिय]] कन्याओं से | ||
-ब्राह्मण, | -ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं वैश्य कन्याओं से | ||
+ब्राह्मण, क्षत्रिय वैश्य एवं शूद्र कन्याओं | +[[ब्राह्मण]], [[क्षत्रिय]], [[वैश्य]] एवं [[शूद्र]] कन्याओं से | ||
{"मैं कवि हूँ" मेरा पिता भिषग् है और मेरी मात अन्न पीसती है। यह अवतरण कहाँ का है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-245 | {"मैं कवि हूँ" मेरा पिता भिषग् है और मेरी मात अन्न पीसती है। यह अवतरण कहाँ का है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-187,प्रश्न-245 | ||
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+ऋग्वेद | +[[ऋग्वेद]] | ||
- | -[[यजुर्वेद]] | ||
-धम्मपद | -[[धम्मपद]] | ||
- | -[[मृच्छकटिकम]] | ||
Revision as of 13:11, 26 November 2016
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