अभयाकर गुप्त

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:19, 6 August 2020 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

अभयाकर गुप्त भारत और तिब्बत में प्रसिद्ध तांत्रिक बौद्ध आचार्य थे, जिनका समय डॉ. विनयतोष भट्टाचार्य के अनुसार 1084-1130 ई. है।

  • अभयाकर गुप्त तिब्बती भाषा में निपुण थे और इन्होंने उसमें अनेक भारतीय ग्रंथों का अनुवाद भी किया।
  • डॉ. भट्टाचार्य अभयाकर गुप्त को बंगाल में उत्पन्न, मगध में शिक्षित और विक्रमशिला विहार में प्रसिद्ध मानते हैं।
  • डॉ. पी. एन. बोस अभयाकर गुप्त को रामपाल का समकालीन मानते हैं।
  • तेंजूर से अभयाकर गुप्त के 18 ग्रंथों का पता चलता है जिसमें कालचक्र, चक्रसंवर, अभिषेक, स्वाधिष्ठानक्रम, ज्ञानडाकिनी, महाकाल, बुद्धकपाल, पंचक्रम, वर्ज्यान जैसे विविधि तांत्रिक बौद्ध विषयों का विवेचन किया गया है।
  • अभयाकर गुप्त ने अनेक बौद्ध ग्रंथों की टीकाएँ भी लिखी थीं।
  • तेंजूर में अभयाकर गुप्त को पंडित, महापंडित, आचार्य, सिद्ध, स्थविर आदि विशेषणों के साथ स्मरण किया गया है। इस ग्रंथ में इन्हें 'मगधनिवासी' कहा गया है।[1]
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 173 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः