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− | ||[[चित्र:Sardar-Vallabh-Bhai-Patel.jpg|border|right|100px|सरदार पटेल]]'सरदार पटेल' प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा स्वतंत्र [[भारत]] के प्रथम गृहमंत्री थे। वे 'सरदार पटेल' के उपनाम से प्रसिद्ध हैं। [[सरदार पटेल]] भारतीय बैरिस्टर और प्रसिद्ध राजनेता थे। भारत के [[स्वाधीनता संग्राम]] के दौरान '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' के नेताओं में से वे एक थे। [[1947]] में भारत की आज़ादी के बाद पहले तीन वर्ष वे उपप्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सूचनामंत्री और राज्यमंत्री रहे थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण एक सबसे बड़ी समस्या थी। कुशल कूटनीति और | + | ||[[चित्र:Sardar-Vallabh-Bhai-Patel.jpg|border|right|100px|सरदार पटेल]]'सरदार पटेल' प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा स्वतंत्र [[भारत]] के प्रथम गृहमंत्री थे। वे 'सरदार पटेल' के उपनाम से प्रसिद्ध हैं। [[सरदार पटेल]] भारतीय बैरिस्टर और प्रसिद्ध राजनेता थे। भारत के [[स्वाधीनता संग्राम]] के दौरान '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' के नेताओं में से वे एक थे। [[1947]] में भारत की आज़ादी के बाद पहले तीन वर्ष वे उपप्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सूचनामंत्री और राज्यमंत्री रहे थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण एक सबसे बड़ी समस्या थी। कुशल कूटनीति और ज़रूरत पड़ने पर सैन्य हस्तक्षेप के जरिए सरदार पटेल ने उन अधिकांश रियासतों को [[तिरंगा|तिरंगे]] के तले लाने में सफलता प्राप्त की। इसी उपलब्धि के चलते उन्हें "लौह पुरुष" या "भारत का बिस्मार्क" की उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्हें मरणोपरांत वर्ष [[1991]] में [[भारत]] का सर्वोच्च नागरिक सम्मान '[[भारत रत्न]]' दिया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरदार पटेल]] |
{किस एक्ट को 'मुँह बन्द करने वाला अधिनियम' कहा गया था? | {किस एक्ट को 'मुँह बन्द करने वाला अधिनियम' कहा गया था? | ||
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||[[चित्र:Pulin-Behari-Das.jpg|right|border|100px|पुलिन बिहारी दास]]'पुलिन बिहारी दास' महान् स्वतंत्रता प्रेमी व क्रांतिकारी थे। उन्होंने [[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए "ढाका अनुशीलन समिति" नामक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की व अनेक क्रांतिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। क्रांतिकारी विचारधारा को फैलाने के लिए [[पुलिन बिहारी दास]] ने एस. आर. दास के सानिध्य में "हक़ कथा" और "स्वराज" नामक दो पत्रिकाएँ भी निकालीं। अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के अंतर्गत उन्होंने ने [[ढाका]] के दुष्ट पूर्व ज़िला मजिस्ट्रेट बासिल कोप्लेस्टन एलन की हत्या की योजना बनायी थी। [[23 दिसंबर]], [[1907]] को जब एलन वापस [[इंग्लैंड]] जा रहा था, तभी गोलान्दो रेलवे स्टेशन पर उसे गोली मार दी गयी, किन्तु यह कोप्लेस्टन का सौभाग्य था कि वह बच गया। | ||[[चित्र:Pulin-Behari-Das.jpg|right|border|100px|पुलिन बिहारी दास]]'पुलिन बिहारी दास' महान् स्वतंत्रता प्रेमी व क्रांतिकारी थे। उन्होंने [[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए "ढाका अनुशीलन समिति" नामक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की व अनेक क्रांतिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। क्रांतिकारी विचारधारा को फैलाने के लिए [[पुलिन बिहारी दास]] ने एस. आर. दास के सानिध्य में "हक़ कथा" और "स्वराज" नामक दो पत्रिकाएँ भी निकालीं। अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के अंतर्गत उन्होंने ने [[ढाका]] के दुष्ट पूर्व ज़िला मजिस्ट्रेट बासिल कोप्लेस्टन एलन की हत्या की योजना बनायी थी। [[23 दिसंबर]], [[1907]] को जब एलन वापस [[इंग्लैंड]] जा रहा था, तभी गोलान्दो रेलवे स्टेशन पर उसे गोली मार दी गयी, किन्तु यह कोप्लेस्टन का सौभाग्य था कि वह बच गया। | ||
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{राष्ट्रकवि [[रामधारी सिंह 'दिनकर']] ने "शैलियों का शैलीकार" किसे कहा है? | {राष्ट्रकवि [[रामधारी सिंह 'दिनकर']] ने "शैलियों का शैलीकार" किसे कहा है? |
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