पहेली सितंबर 2015: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " जगत " to " जगत् ") |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replacement - "तेजी " to "तेज़ी") |
||
(3 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 18: | Line 18: | ||
-[[झरिया]] | -[[झरिया]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||[[चित्र:Koh-i-noor-diamond.jpg|thumb| | ||[[चित्र:Koh-i-noor-diamond.jpg|thumb|100px|[[कोहिनूर हीरा]]]]'कोहिनूर हीरा' दुनिया के सभी हीरों का राजा है, जिसे [[गोलकुंडा]] ([[भारत]]) की एक खान से निकाला गया था। कोहिनूर को [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में "कूह-ए-नूर" कहा जाता है, जिसका अर्थ है- "कुदरत की विशाल आभा या रोशनी का पर्वत"। यह [[हीरा]] 105 कैरेट (लगभग 21.600 ग्राम) का है। यह अभी तक विश्व का सबसे बड़ा ज्ञात ऐतिहासिक हीरा रह चुका है। कई [[मुग़ल]] बादशाहों और फ़ारसी शासकों से होता हुआ, यह हीरा अनतत: ब्रिटिश शासन के अधिकार में चला गया और अब उनके ख़ज़ाने में शामिल है। भारत में अंग्रेज़ शासन के दौरान इसे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बेंजामिन डिजराएली ने [[महारानी विक्टोरिया]] को तब भेंट किया, जब सन [[1877]] में उन्हें भारत की भी सम्राज्ञी घोषित किया गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[कोहिनूर हीरा]] | ||
{[[राजस्थान]] में प्रसिद्ध '[[चाँद बावड़ी]]' कहाँ अवस्थित है? | {[[राजस्थान]] में प्रसिद्ध '[[चाँद बावड़ी]]' कहाँ अवस्थित है? | ||
Line 26: | Line 26: | ||
-[[कुम्भलगढ़]] | -[[कुम्भलगढ़]] | ||
-[[तिमनगढ़ क़िला|तिमनगढ़]] | -[[तिमनगढ़ क़िला|तिमनगढ़]] | ||
||[[चित्र:Abhaneri-Step-Well-2.jpg|thumb| | ||[[चित्र:Abhaneri-Step-Well-2.jpg|thumb|100px|[[चाँद बावड़ी]], [[आभानेरी]]]]'चाँद बावड़ी' एक सीढ़ीदार विशाल कुआँ है, जो [[राजस्थान]] में [[जयपुर]] के निकट [[दौसा ज़िला|दौसा ज़िले]] के '[[आभानेरी]]' नामक [[ग्राम]] में स्थित है। यह सीढ़ीदार कुआँ '[[हर्षत माता मंदिर]]' के सामने स्थित है और [[भारत]] ही नहीं, अपितु विश्व के सबसे बड़े सीढ़ीदार और गहरे कुओं में से एक है। इस बावड़ी का निर्माण 9वीं [[शताब्दी]] में किया गया था। इसमें 3,500 संकरी सीढ़ियाँ हैं और ये 13 तल ऊँचा और 100 फुट या 30 मीटर गहरा है। ये अविश्वसनीय कुआँ उस समय [[जल]] की कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र की जल समस्या का एक व्यावहारिक समाधान था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[चाँद बावड़ी]] | ||
{1303 ई. में [[चित्तौड़]] पर किसने आक्रमण किया, जिसके परिणामस्वरूप [[रानी पद्मिनी]] ने 'जौहर' कर लिया? | {1303 ई. में [[चित्तौड़]] पर किसने आक्रमण किया, जिसके परिणामस्वरूप [[रानी पद्मिनी]] ने 'जौहर' कर लिया? | ||
Line 90: | Line 90: | ||
-शंक्वाकार और बेलनाकार पत्थरों के रूप में [[शिवलिंग]] की पूजा | -शंक्वाकार और बेलनाकार पत्थरों के रूप में [[शिवलिंग]] की पूजा | ||
+[[देवता]] विशेष के लिए देवालयों का निर्माण | +[[देवता]] विशेष के लिए देवालयों का निर्माण | ||
||[[चित्र:Mohenjodaro-Sindh.jpg|right| | ||[[चित्र:Mohenjodaro-Sindh.jpg|right|100px|मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा के अवशेष]][[हड़प्पा सभ्यता]] के धार्मिक जीवन के बारे में अधिकांश जानकारी पुरातात्विक स्रोतों- जैसे मूर्तियों, मुहरें, मृद्भांण्ड, पत्थर तथा अन्य पदार्थो से निर्मित लिंग तथा चक्र की आकृति, ताम्र फलक, क़ब्रिस्तान आदि से मिलती है। हड़प्पा संस्कृति में कही से किसी भी मंदिर के [[अवशेष]] नहीं मिले है। [[मोहनजोदाड़ो]] एवं [[हड़प्पा]] से भारी मात्रा में मिली [[मिट्टी]] की मृण्मूर्तियों में से एक स्त्री मृण्मूर्ति के गर्भ से एक पौधा निकलता हुआ दिखाया गया है, इससे यह मालूम होता है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मान कर इसकी [[पूजा]] किया करते थे। | ||
{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[हड़प्पा समाज और संस्कृति]] | {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[हड़प्पा समाज और संस्कृति]] | ||
Line 107: | Line 107: | ||
-[[नीलकंठ]] | -[[नीलकंठ]] | ||
-[[गौरैया]] | -[[गौरैया]] | ||
||[[चित्र:Sonchiriya.jpg|right|120px|गोडावण]]'गोडावण' (वैज्ञानिक नाम- Ardeotis nigriceps) आकार में काफ़ी बड़ा तथा वजन में भारी एक पक्षी है। यह [[राजस्थान]] का राज्य पक्षी है। [[गोडावण]] राजस्थान तथा सीमावर्ती [[पाकिस्तान]] के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक दुर्लभतम पक्षी है। राजस्थान सरकार के वन विभाग ने गोडावण की रक्षार्थ 'गोडावण संरक्षण प्रोजेक्ट' की शुरूआत भी की है, जिससे इस पक्षी को लुप्त होने से बचाया जा सके और इसकी संख्या भी बढ़ सके। गोडावण भारी होने के कारण उड़ नहीं सकता, लेकिन लंबी और मजबूत टांगों के सहारे बहुत | ||[[चित्र:Sonchiriya.jpg|right|120px|गोडावण]]'गोडावण' (वैज्ञानिक नाम- Ardeotis nigriceps) आकार में काफ़ी बड़ा तथा वजन में भारी एक पक्षी है। यह [[राजस्थान]] का राज्य पक्षी है। [[गोडावण]] राजस्थान तथा सीमावर्ती [[पाकिस्तान]] के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक दुर्लभतम पक्षी है। राजस्थान सरकार के वन विभाग ने गोडावण की रक्षार्थ 'गोडावण संरक्षण प्रोजेक्ट' की शुरूआत भी की है, जिससे इस पक्षी को लुप्त होने से बचाया जा सके और इसकी संख्या भी बढ़ सके। गोडावण भारी होने के कारण उड़ नहीं सकता, लेकिन लंबी और मजबूत टांगों के सहारे बहुत तेज़ीसे दौड़ सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[गोडावण]] | ||
{'पथेर दावी' नामक प्रसिद्ध [[उपन्यास]] के रचनाकार कौन थे? | {'पथेर दावी' नामक प्रसिद्ध [[उपन्यास]] के रचनाकार कौन थे? | ||
Line 131: | Line 131: | ||
-[[उत्तर प्रदेश]] | -[[उत्तर प्रदेश]] | ||
+[[राजस्थान]] | +[[राजस्थान]] | ||
||[[चित्र:Abhaneri-2.jpg|right| | ||[[चित्र:Abhaneri-2.jpg|right|100px|चाँद बावड़ी, आभानेरी]]'आभानेरी' [[राजस्थान]] के [[दौसा ज़िला|दौसा ज़िले]] में स्थित एक ऐतिहासिक [[ग्राम]] है। यह [[जयपुर]] से 95 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह [[इतिहास]] की आभा से अभीभूत कर देने वाला स्थान है। यह छोटा-सा ग्राम किसी समय [[राजा भोज]] की राजधानी रहा था। [[आभानेरी]] से प्राप्त [[पुरातत्त्व]] [[अवशेष|अवशेषों]] को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह स्थान लगभग तीन हज़ार वर्ष तक पुराना हो सकता है। यहाँ से प्राप्त कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण पुरावशेष 'अल्बर्ट हॉल म्यूजियम', जयपुर की शोभा बढ़ा रहे हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[आभानेरी]], [[राजस्थान]] | ||
{[[भारत]] में '[[अभियंता दिवस]]' प्रतिवर्ष किस [[तिथि]] को मनाया जाता है? | {[[भारत]] में '[[अभियंता दिवस]]' प्रतिवर्ष किस [[तिथि]] को मनाया जाता है? | ||
Line 139: | Line 139: | ||
-[[20 नवम्बर]] | -[[20 नवम्बर]] | ||
-[[21 दिसम्बर]] | -[[21 दिसम्बर]] | ||
||[[चित्र:Mokshagundam-Visvesvarayya.jpg|right|120px|मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया]]'अभियंता दिवस' [[भारत]] में प्रत्येक [[वर्ष]] '[[15 सितम्बर]]' को मनाया जाता है। इसी दिन भारत के | ||[[चित्र:Mokshagundam-Visvesvarayya.jpg|right|120px|मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया]]'अभियंता दिवस' [[भारत]] में प्रत्येक [[वर्ष]] '[[15 सितम्बर]]' को मनाया जाता है। इसी दिन भारत के महान् अभियंता और '[[भारतरत्न]]' प्राप्त [[मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया]] का जन्म दिवस होता है। आज भी मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को "आधुनिक भारत के विश्वकर्मा" के रूप में बड़े सम्मान के साथ स्मरण किया जाता है। अपने समय के बहुत बड़े इंजीनियर, वैज्ञानिक और निर्माता के रूप में देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को भारत ही नहीं, वरन् विश्व की महान् प्रतिभाओं में गिना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[अभियंता दिवस]], [[मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया]] | ||
{[[मध्य प्रदेश]] स्थित प्रसिद्ध '[[धुआँधार प्रपात|धुआँधार जलप्रपात]]' किस नदी द्वारा निर्मित है? | {[[मध्य प्रदेश]] स्थित प्रसिद्ध '[[धुआँधार प्रपात|धुआँधार जलप्रपात]]' किस नदी द्वारा निर्मित है? | ||
Line 207: | Line 207: | ||
+[[दादाजी कोंडदेव]] | +[[दादाजी कोंडदेव]] | ||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
|| दादाजी कोंडदेव अथवा 'खोंडदेव' मराठा ब्राह्मण और प्रसिद्ध | || दादाजी कोंडदेव अथवा 'खोंडदेव' मराठा ब्राह्मण और प्रसिद्ध महान् मराठा नेता [[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी]] (1627-1680 ई.) के गुरु और अभिभावक थे। प्रारम्भ से ही वीर शिवाजी पर इनका गहरा प्रभाव था। दादाजी कोंडदेव ने अपने शिष्य शिवाजी के मन में बचपन से ही साहस और पराक्रम के उदात्त भाव के साथ-साथ [[प्राचीन भारत]] के महान् हिन्दू वीरों के प्रति श्रद्धा की भावना भरी थी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दादाजी कोंडदेव]] | ||
{[[टीपू सुल्तान]] ने किस क्लब की सदस्यता प्राप्त कर [[श्रीरंगपट्टनम]] में स्वतंत्रता का वृक्ष रोपा था? | {[[टीपू सुल्तान]] ने किस क्लब की सदस्यता प्राप्त कर [[श्रीरंगपट्टनम]] में स्वतंत्रता का वृक्ष रोपा था? |
Latest revision as of 08:26, 10 February 2021
वर्ष 2013 >> जुलाई 2013 • अगस्त 2013 • सितंबर 2013 • अक्तूबर 2013 • नवंबर 2013 • दिसंबर 2013
वर्ष 2014 >> जनवरी 2014 • फ़रवरी 2014 • मार्च 2014 • अप्रॅल 2014 • मई 2014 • जून 2014 • जुलाई 2014 • अगस्त 2014 • सितंबर 2014 • अक्टूबर 2014 • नवम्बर 2014 • दिसम्बर 2014
वर्ष 2015 >> जनवरी 2015 • फ़रवरी 2015 • मार्च 2015 • अप्रॅल 2015 • मई 2015 • जून 2015 • जुलाई 2015 • अगस्त 2015 • सितंबर 2015 • अक्टूबर 2015 • नवम्बर 2015 • दिसम्बर 2015
वर्ष 2016 >> जनवरी 2016 • फ़रवरी 2016 • मार्च 2016 • अप्रैल 2016 • मई 2016 • जून 2016 • जुलाई 2016 • अगस्त 2016 • सितंबर 2016 • अक्टूबर 2016 • नवंबर 2016 • दिसंबर 2016
वर्ष 2017 >> जनवरी 2017 • फ़रवरी 2017 • मार्च 2017 • अप्रैल 2017 • मई 2017 • जून 2017 • जुलाई 2017 • अगस्त 2017 • सितम्बर 2017 • अक्टूबर 2017 • नवम्बर 2017 • दिसम्बर 2017
वर्ष 2018 >> जनवरी 2018
right|120px
|
पहेली अगस्त 2015 | 40px|पिछली पहेली पर जाएँ|link=| | पहेली सितंबर 2015 | अगली पहेली पर जाएँ|40px|link=| | पहेली अक्टूबर 2015 |
संबंधित लेख