रामकटोरा कुण्ड, वाराणसी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('thumb|रामकटोरा कुण्ड, [[वाराणसी]] '''राम...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replacement - "जमींदार " to "ज़मींदार ")
 
(2 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[चित्र:Ramkatora-kund-varanasi.jpeg|thumb|रामकटोरा कुण्ड,  [[वाराणसी]]]]  
[[चित्र:Ramkatora-kund-varanasi.jpeg|thumb|रामकटोरा कुण्ड,  [[वाराणसी]]]]  
'''रामकटोरा कुण्ड''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[वाराणसी]] नगर में स्थित है। जगतगंज क्षेत्र में सड़क किनारे रामकटोरा कुण्ड स्थित है। इसी कुण्ड के नाम पर ही मोहल्ले का नाम रामकटोरा पड़ा। यह कुण्ड कटोरे के आकार का है। कुण्ड के पास [[राम]], [[लक्ष्मण]], [[सीता|जानकी]] और [[हनुमान|बजरंग बली]] का मंदिर भी है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक [[शिलालेख]] भी लगा हुआ है। जिसके अनुसार मंदिर का निर्माण दो सौ वर्ष पहले जगतगंज के जमींदार इन्द्र नारायण सिंह ने कराया था। कहा जाता है कि [[हिन्दी साहित्य]] के कालजयी रचनाकर [[जयशंकर प्रसाद]] और [[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] इसी कुण्ड के तट पर बैठकर लेखन किया करते थे। इस कुण्ड में पांच भूजल स्रोत भी हैं। जिसकी वजह से यह कभी नहीं सूखता है। सही रख रखाव नहीं होने से इस कुण्ड की दशा भी खराब है।<ref>{{cite web |url=http://www.kashikatha.com/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%A4/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%A1-%E0%A4%B5-%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AC/ |title=कुंड व तालाब |accessmonthday=11 जनवरी |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=काशी कथा |language=हिंदी }}</ref>
'''रामकटोरा कुण्ड''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[वाराणसी]] नगर में स्थित है। जगतगंज क्षेत्र में सड़क किनारे रामकटोरा कुण्ड स्थित है। इसी कुण्ड के नाम पर ही मोहल्ले का नाम रामकटोरा पड़ा। यह कुण्ड कटोरे के आकार का है। कुण्ड के पास [[राम]], [[लक्ष्मण]], [[सीता|जानकी]] और [[हनुमान|बजरंग बली]] का मंदिर भी है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक [[शिलालेख]] भी लगा हुआ है। जिसके अनुसार मंदिर का निर्माण दो सौ वर्ष पहले जगतगंज के ज़मींदार इन्द्र नारायण सिंह ने कराया था। कहा जाता है कि [[हिन्दी साहित्य]] के कालजयी रचनाकर [[जयशंकर प्रसाद]] और [[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] इसी कुण्ड के तट पर बैठकर लेखन किया करते थे। इस कुण्ड में पांच भूजल स्रोत भी हैं। जिसकी वजह से यह कभी नहीं सूखता है। सही रख रखाव नहीं होने से इस कुण्ड की दशा भी खराब है।<ref>{{cite web |url=http://www.kashikatha.com/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%A4/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%A1-%E0%A4%B5-%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AC/ |title=कुंड व तालाब |accessmonthday=11 जनवरी |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=काशी कथा |language=हिंदी }}</ref>




Line 8: Line 8:
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{वाराणसी}}  
{{वाराणसी}} {{उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल}}
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:वाराणसी]][[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]][[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:वाराणसी]][[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]][[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 11:25, 5 July 2017

[[चित्र:Ramkatora-kund-varanasi.jpeg|thumb|रामकटोरा कुण्ड, वाराणसी]] रामकटोरा कुण्ड उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी नगर में स्थित है। जगतगंज क्षेत्र में सड़क किनारे रामकटोरा कुण्ड स्थित है। इसी कुण्ड के नाम पर ही मोहल्ले का नाम रामकटोरा पड़ा। यह कुण्ड कटोरे के आकार का है। कुण्ड के पास राम, लक्ष्मण, जानकी और बजरंग बली का मंदिर भी है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक शिलालेख भी लगा हुआ है। जिसके अनुसार मंदिर का निर्माण दो सौ वर्ष पहले जगतगंज के ज़मींदार इन्द्र नारायण सिंह ने कराया था। कहा जाता है कि हिन्दी साहित्य के कालजयी रचनाकर जयशंकर प्रसाद और भारतेन्दु हरिश्चन्द्र इसी कुण्ड के तट पर बैठकर लेखन किया करते थे। इस कुण्ड में पांच भूजल स्रोत भी हैं। जिसकी वजह से यह कभी नहीं सूखता है। सही रख रखाव नहीं होने से इस कुण्ड की दशा भी खराब है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कुंड व तालाब (हिंदी) काशी कथा। अभिगमन तिथि: 11 जनवरी, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख