गोरिल्ला: Difference between revisions
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'''गोरिल्ला''' प्राइमेट गण का सबसे प्रसिद्ध और सबसे कद्दावर वानर है, जो [[अफ्रीका महाद्वीप|अफ्रीका]] में [[विषुवत रेखा]] के आसपास के घने जंगलों में कैमरून्स से कांगो तक पाया जाता है। गोरिल्ला छोटे छोटे गिरोहों अथवा [[परिवार|परिवारों]] में रहते हैं। परिवार में एक नर और कई मादाएँ तथा बच्चे और जवान रहते हैं। इसके नर और मादा एक ही रंगरूप के होते हैं, लेकिन मादा कद में नर से कुछ छोटी होती है। खड़े होने पर नर की ऊँचाई 6 फुट तक हो जाती है। इसका वजन भी 6 मन (240 किग्रा) से कुछ अधिक ही होता है। इसके शरीर का रंग कलछौंह, चेहरे की नंगी और सिकुड़नदार खाल काली और शरीर पर के बाल भी काले ही होते हैं। पुराने हो जाने पर इनके सर पर एक प्रकार की ललाई और पीठ पर सिलेटी झलक आ जाती है। | '''गोरिल्ला''' प्राइमेट गण का सबसे प्रसिद्ध और सबसे कद्दावर वानर है, जो [[अफ्रीका महाद्वीप|अफ्रीका]] में [[विषुवत रेखा]] के आसपास के घने जंगलों में कैमरून्स से कांगो तक पाया जाता है। गोरिल्ला छोटे छोटे गिरोहों अथवा [[परिवार|परिवारों]] में रहते हैं। परिवार में एक नर और कई मादाएँ तथा बच्चे और जवान रहते हैं। इसके नर और मादा एक ही रंगरूप के होते हैं, लेकिन मादा कद में नर से कुछ छोटी होती है। खड़े होने पर नर की ऊँचाई 6 फुट तक हो जाती है। इसका वजन भी 6 मन (240 किग्रा) से कुछ अधिक ही होता है। इसके शरीर का रंग कलछौंह, चेहरे की नंगी और सिकुड़नदार खाल काली और शरीर पर के बाल भी काले ही होते हैं। पुराने हो जाने पर इनके सर पर एक प्रकार की ललाई और पीठ पर सिलेटी झलक आ जाती है। | ||
==विशेष गुण== | ==विशेष गुण== | ||
गोरिल्ला चिंपैंजी का निकट संबंधी है। यह बड़े पेड़ों पर डालियों का मचाननुमा घर बनाता है, पर इसका अधिक समय जमीन पर ही बीतता है। चिड़ियाखानों में यह ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह पाता। गोरिल्ला बहुत ही ताकतवर जंतु है, जो स्वभाव का सीधा और शरमीला होने के कारण मनुष्यों पर अकारण हमला नहीं करता, लेकिन घायल या क्रुद्ध हो जाने पर यह बहुत ही भंयकर हो जाता है। गुस्सा होने पर ऐसा चिल्लाता है कि सारा जंगल काँप उठता है। यह बड़ा मजबूत होता है। बंदूक की नली को दाँतों के बीच में दबा कर सींक की तरह यह मोड़ डालता है। गोरिल्ला फलाहारी जीव है, जिसका मुख्य भोजन [[गन्ना]], [[केला|केले]], [[अनन्नास]] आदि फल, तरकारी और जड़ें आदि हैं। | गोरिल्ला चिंपैंजी का निकट संबंधी है। यह बड़े पेड़ों पर डालियों का मचाननुमा घर बनाता है, पर इसका अधिक समय जमीन पर ही बीतता है। चिड़ियाखानों में यह ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह पाता। गोरिल्ला बहुत ही ताकतवर जंतु है, जो स्वभाव का सीधा और शरमीला होने के कारण मनुष्यों पर अकारण हमला नहीं करता, लेकिन घायल या क्रुद्ध हो जाने पर यह बहुत ही भंयकर हो जाता है। गुस्सा होने पर ऐसा चिल्लाता है कि सारा जंगल काँप उठता है। यह बड़ा मजबूत होता है। बंदूक की नली को दाँतों के बीच में दबा कर सींक की तरह यह मोड़ डालता है। गोरिल्ला फलाहारी जीव है, जिसका मुख्य भोजन [[गन्ना]], [[केला|केले]], [[अनन्नास]] आदि फल, तरकारी और जड़ें आदि हैं। | ||
==जाति एवं आकार== | ==जाति एवं आकार== | ||
गोरिल्ला चारों टाँगों के बल चलता है। इसका सर बड़ा, चेहरा भयानक और आँखें भीतर की ओर धँसी रहती है। गर्दन तो इसके जैसे होती ही नहीं। देखने में यह बहुत भद्दा लगता है। अब तक इसकी कई जातियों का पता चल चुका है, जिनमें सबसे प्रसिद्ध और बड़ा गोरिल्ला (Gorilla gorilla) सन् 1861 ई. में पहली बार देखा गया। सन् 1903 ई. में बेलजियम कांगो के पूर्वी भाग में दूसरे गोरिल्ला (Gorilla beringei) का लोगों ने पता लगाया, जिसके बाल पहले से बड़े होते हैं। यह 10,000 फुट की ऊँचाई पर रहता है। इसके बाद तीसरा गोरिल्ला, जो पहाड़ी गोरिल्ला (Mountain gorilla) कहलाता है, उसी देश में पाया गया। यह दोनों से अधिक बुद्धिमान होता है।<ref>{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%BE |title=गोरिल्ला |accessmonthday=21 जुलाई |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }} </ref> | गोरिल्ला चारों टाँगों के बल चलता है। इसका सर बड़ा, चेहरा भयानक और आँखें भीतर की ओर धँसी रहती है। गर्दन तो इसके जैसे होती ही नहीं। देखने में यह बहुत भद्दा लगता है। अब तक इसकी कई जातियों का पता चल चुका है, जिनमें सबसे प्रसिद्ध और बड़ा गोरिल्ला (Gorilla gorilla) सन् 1861 ई. में पहली बार देखा गया। सन् 1903 ई. में बेलजियम कांगो के पूर्वी भाग में दूसरे गोरिल्ला (Gorilla beringei) का लोगों ने पता लगाया, जिसके बाल पहले से बड़े होते हैं। यह 10,000 फुट की ऊँचाई पर रहता है। इसके बाद तीसरा गोरिल्ला, जो पहाड़ी गोरिल्ला (Mountain gorilla) कहलाता है, उसी देश में पाया गया। यह दोनों से अधिक बुद्धिमान होता है।<ref>{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%BE |title=गोरिल्ला |accessmonthday=21 जुलाई |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }} </ref> | ||
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Revision as of 08:28, 7 July 2016
thumb|250px|गोरिल्ला गोरिल्ला प्राइमेट गण का सबसे प्रसिद्ध और सबसे कद्दावर वानर है, जो अफ्रीका में विषुवत रेखा के आसपास के घने जंगलों में कैमरून्स से कांगो तक पाया जाता है। गोरिल्ला छोटे छोटे गिरोहों अथवा परिवारों में रहते हैं। परिवार में एक नर और कई मादाएँ तथा बच्चे और जवान रहते हैं। इसके नर और मादा एक ही रंगरूप के होते हैं, लेकिन मादा कद में नर से कुछ छोटी होती है। खड़े होने पर नर की ऊँचाई 6 फुट तक हो जाती है। इसका वजन भी 6 मन (240 किग्रा) से कुछ अधिक ही होता है। इसके शरीर का रंग कलछौंह, चेहरे की नंगी और सिकुड़नदार खाल काली और शरीर पर के बाल भी काले ही होते हैं। पुराने हो जाने पर इनके सर पर एक प्रकार की ललाई और पीठ पर सिलेटी झलक आ जाती है।
विशेष गुण
गोरिल्ला चिंपैंजी का निकट संबंधी है। यह बड़े पेड़ों पर डालियों का मचाननुमा घर बनाता है, पर इसका अधिक समय जमीन पर ही बीतता है। चिड़ियाखानों में यह ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह पाता। गोरिल्ला बहुत ही ताकतवर जंतु है, जो स्वभाव का सीधा और शरमीला होने के कारण मनुष्यों पर अकारण हमला नहीं करता, लेकिन घायल या क्रुद्ध हो जाने पर यह बहुत ही भंयकर हो जाता है। गुस्सा होने पर ऐसा चिल्लाता है कि सारा जंगल काँप उठता है। यह बड़ा मजबूत होता है। बंदूक की नली को दाँतों के बीच में दबा कर सींक की तरह यह मोड़ डालता है। गोरिल्ला फलाहारी जीव है, जिसका मुख्य भोजन गन्ना, केले, अनन्नास आदि फल, तरकारी और जड़ें आदि हैं।
जाति एवं आकार
गोरिल्ला चारों टाँगों के बल चलता है। इसका सर बड़ा, चेहरा भयानक और आँखें भीतर की ओर धँसी रहती है। गर्दन तो इसके जैसे होती ही नहीं। देखने में यह बहुत भद्दा लगता है। अब तक इसकी कई जातियों का पता चल चुका है, जिनमें सबसे प्रसिद्ध और बड़ा गोरिल्ला (Gorilla gorilla) सन् 1861 ई. में पहली बार देखा गया। सन् 1903 ई. में बेलजियम कांगो के पूर्वी भाग में दूसरे गोरिल्ला (Gorilla beringei) का लोगों ने पता लगाया, जिसके बाल पहले से बड़े होते हैं। यह 10,000 फुट की ऊँचाई पर रहता है। इसके बाद तीसरा गोरिल्ला, जो पहाड़ी गोरिल्ला (Mountain gorilla) कहलाता है, उसी देश में पाया गया। यह दोनों से अधिक बुद्धिमान होता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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