नरिन्दर नाथ वोहरा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 58: Line 58:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{राज्यपाल}}{{पद्म विभूषण}}
{{जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल}}{{राज्यपाल}}{{पद्म विभूषण}}
[[Category:राज्यपाल]][[Category:प्रशासनिक अधिकारी]][[Category:जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:पद्म विभूषण]][[Category:पद्म विभूषण (2007)]][[Category:चरित कोश]][[Category:राजनीति कोश]]
[[Category:राज्यपाल]][[Category:प्रशासनिक अधिकारी]][[Category:जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:पद्म विभूषण]][[Category:पद्म विभूषण (2007)]][[Category:चरित कोश]][[Category:राजनीति कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 09:26, 14 June 2022

नरिन्दर नाथ वोहरा
पूरा नाम नरिन्दर नाथ वोहरा
जन्म 5 मई, 1936
जन्म भूमि पंजाब
नागरिकता भारतीय
पद राज्यपाल, जम्मू और कश्मीर- 25 जून, 2008 से 23 अगस्त, 2018 तक

मुख्य सचिव, प्रधानमंत्री, भारत- 1 जुलाई, 1997 से 19 मार्च, 1998 तक
केंद्रीय गृह सचिव, भारत- 1 अप्रॅल, 1993 से 31 मई, 1994
रक्षा सचिव, भारत- 1 मार्च, 1990 से 1 अप्रॅल, 1993

शिक्षा एम.ए., पंजाब विश्वविद्यालय
अन्य जानकारी वर्ष 2003 से 2008 तक नरिन्दर नाथ वोहरा निर्वाचित प्रतिनिधियों और जम्मू और कश्मीर में अलगाववादियों के बीच संवाद के लिए भारत सरकार के विशेष प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।
अद्यतन‎

नरिन्दर नाथ वोहरा (अंग्रेज़ी: Narinder Nath Vohra, जन्म- 5 मई, 1936) व्यावसायिक अधिकारी और एक पूर्व प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आईएएस) हैं, जिन्होंने वर्ष 2008 में जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल के रूप में पदभार संभाला था। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त हो जाने के बाद प्रतिष्ठित सरकारी कर्मचारी के रूप में विभिन्न राष्ट्रीय निकायों और प्रमुख कार्य दलों का नेतृत्व किया। वर्ष 2007 में नरिन्दर नाथ वोहरा को राष्ट्र के प्रति सेवा भाव के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

परिचय

नरिन्दर नाथ वोहरा ने पंजाब से शिक्षा प्राप्त की और बाद में यूनाइटेड किंगडम ऑक्सफोर्ड में महारानी एलिजाबेथ के घर में एक अतिथि साथी बनकर उनका हाथ बटाया। वर्ष 1957 में उन्होंने एमए (अंग्रेज़ी) में पंजाब विश्वविद्यालय में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था और वहाँ के प्रवक्ता बन गए थे। नरिन्दर नाथ वोहरा विशिष्ट भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पद को अपनाने के पहले वर्ष 1959 तक वहाँ के प्रवक्ता रहे। वर्ष 2011 में पंजाब विश्वविद्यालय ने नरिन्दर नाथ वोहरा को कानून के मानद डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया।[1]

लेखन

नरिन्दर नाथ वोहरा प्रशासन और सुरक्षा के मुद्दों पर लेख लिखते रहे हैं। इन्हीं मुद्दों पर व्याख्यान करते हैं। उन्होंने एक दर्जन से अधिक पुस्तकों का संपादन किया है।

कॅरियर

नरिन्दर नाथ वोहरा पंजाब के साथ एक कैडर के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पद पर आसीन हुए और वर्ष 1994 तक कार्य भार संभाला। उन्होंने केंद्रीय और राज्य सरकारों के तहत कई उत्तरदायी पदों का नेतृत्व किया और सेवा निवृत्त हो जाने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव के रूप में कार्य करने के लिए बुलाया गया। नरिन्दर नाथ वोहरा ने वर्ष 1997 से वर्ष 1998 तक प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया।

वर्ष 1977 में नरिन्दर नाथ वोहरा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और वर्ष 1985 में अपर रक्षा सचिव के सह सचिव रहे। वर्ष 1993 में नरिन्दर नाथ वोहरा को केंद्रीय गृह सचिव के पद पर नियुक्त किया गया, वह समय देश के लिए एक महत्वपूर्ण समय था, क्योंकि कुछ ही महीने पहले मुंबई में सीरियल बम ब्लॉस्ट हुए थे। नरिन्दर नाथ वोहरा ने एक अत्यधिक विस्फोटक रिपोर्ट 'एन.एन. वोहरा समिति' की रिपोर्ट तैयार की और राजनीति के अपराधीकरण और देश में आपराधिक नेटवर्क पर उस रिपोर्ट को प्रस्तुत किया।

नरिन्दर नाथ वोहरा को उनके कैरियर के शुरुआत में केन्द्रीय खुफिया ब्यूरो के तहत विशेष सेवा ब्यूरो में शामिल किया गया था और यूके के एसएएस के साथ प्रशिक्षित किया गया था। यह साठ के दशक में भारत-चीन के संघर्ष का अनुसरण कर रहे थे। ऑपरेशन ब्लू स्टार के तुरंत बाद नरिन्दर नाथ वोहरा को अस्सी के दशक के अंत में पंजाब का गृह सचिव नियुक्त किया गया था। वर्ष 1985 में जब पंजाब में अशांति फैल गई थी, तब वोहरा राज्य विधानसभा के लिए शांति पूर्ण चुनाव आयोजित करने में सफल रहे थे।[1]

सेवा निवृत्ति पश्चात

नरिन्दर नाथ वोहरा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवा निवृत्त हो जाने के बाद कई निहत महत्व पूर्ण पदों का आयोजन किया। वह नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के निदेशक और प्रथम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य थे। वर्ष 2000 में नरिन्दर नाथ वोहरा को आंतरिक सुरक्षा पर राष्ट्रीय कार्य बल का अध्यक्ष और वर्ष 2001 में रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान की समीक्षा के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया था। इसके अलावा नरिन्दर नाथ वोहरा सीएससीएपी राष्ट्रीय समिति के सदस्य और इंडो-यूरोपियन यूनियन गोलमेज के संस्थापक और सह-अध्यक्ष भी थे।

नरिन्दर नाथ वोहरा ने वर्ष 1999 से वर्ष 2006 तक भारतीय पर्वतारोही फाउंडेशन और वर्ष 2000 से वर्ष 2008 तक सर्वोदय अंतर्राष्ट्रीय ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में सेवा की और जेनेवा में अंतर्राष्ट्रीय संगठन डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के एक विशिष्ट सलाहकार भी रह चुके हैं। वर्ष 2003 से 2008 तक नरिन्दर नाथ वोहरा ने निर्वाचित प्रतिनिधियों और जम्मू और कश्मीर में अलगाववादियों के बीच संवाद के लिए भारत सरकार के विशेष प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।

राज्यपाल

नरिन्दर नाथ वोहरा 25 जून, 2008 को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने। राज्यपाल के रूप में इन्होंने घाटी में लोकप्रिय भावनाओं को ध्यान में रखते हुए विवादास्पद अमरनाथ तीर्थ भूमि हस्तांतरण के आदेश को वापस ले लिया था।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 नरिंदर नाथ वोहरा की जीवनी (हिंदी) hindi.mapsofindia.com। अभिगमन तिथि: 13 जून, 2022।

संबंधित लेख

  1. पुनर्प्रेषित साँचा:राज्यपाल, उपराज्यपाल व प्रशासक