शिववल्लभपुर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 09:28, 22 August 2014 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''शिववल्लभपुर''' गढ़मुक्तेश्वर का एक प्राचीन पौराण...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

शिववल्लभपुर गढ़मुक्तेश्वर का एक प्राचीन पौराणिक नाम, जिसका उल्लेख 'स्कन्द पुराण' में है।[1] काशी, प्रयाग, अयोध्या आदि तीर्थों की तरह 'गढ़मुक्तेश्वर' भी पुराण उल्लिखित तीर्थ है।

पुराण उल्लेख

'शिवपुराण' के अनुसार 'गढ़मुक्तेश्वर' का प्राचीन नाम 'शिववल्लभ'[2] था, किन्तु यहां भगवान 'मुक्तीश्वर' (शिव) के दर्शन करने से अभिशप्त शिवगणों की पिशाच योनि से मुक्ति हुई थी, इसलिए इस तीर्थ का नाम 'गढ़मुक्तीश्वर'[3] विख्यात हो गया। पुराण में भी इसका उल्लेख है-

'गणानां मुक्तिदानेन गणमुक्तीश्वर: स्मृत:।'

संक्षिप्त कथा

शिवगणों की शाप मुक्ति की संक्षिप्त कथा इस प्रकार है-

किसी समय क्रोधमूर्ति महर्षि दुर्वासा मंदराचल पर्वत की गुफा में तपस्या कर रहे थे। भगवान शंकर के गण घूमते हुए वहां पहुंच गये। गणों ने तपस्यारत महर्षि का कुछ उपहास कर दिया। उससे कुपित होकर दुर्वासा ने गणों को पिशाच होने का शाप दे दिया। कठोर शाप को सुनते ही शिवगण व्याकुल होकर महर्षि के चरणों पर गिर पड़े और प्रार्थना करने लगे। उनकी प्रार्थना से प्रसन्न होकर दुर्वासा ने उनसे कहा- "हे शिवगणों! तुम हस्तिनापुर के निकट खाण्डव वन में स्थित 'शिववल्लभ' क्षेत्र में जाकर तपस्या करो तो तुम भगवान आशुतोष की कृपा से पिशाच योनि से मुक्त हो जाओगे।"

पिशाच बने शिवगणों ने शिववल्लभ क्षेत्र में आकर कार्तिक पूर्णिमा तक तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन उन्हें दर्शन दिए और पिशाच योनि से मुक्त कर दिया। तब से शिववल्लभ क्षेत्र का नाम 'गणमुक्तीश्वर' पड़ गया। बाद में 'गणमुक्तीश्वर' का अपभ्रंश 'गढ़मुक्तेश्वर' हो गया।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 901 |
  2. शिव का प्रिय
  3. गणों की मुक्ति करने वाले ईश्वर

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः