मतिपुर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "सिक़्क़े" to "सिक्के")
 
(3 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 7: Line 7:
*किंवदन्ती है कि यहाँ का पीरवाली ताल, [[बौद्ध]] संत विमल मित्र के मरने पर जो भूचाल आया था, उसके कारण बना है। यह घटना प्रायः 700 वर्ष पुरानी कही जाती है।
*किंवदन्ती है कि यहाँ का पीरवाली ताल, [[बौद्ध]] संत विमल मित्र के मरने पर जो भूचाल आया था, उसके कारण बना है। यह घटना प्रायः 700 वर्ष पुरानी कही जाती है।


{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
*<span>ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 684-685 | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, [[भारत]] सरकार</span>
*<span>ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 684-685 | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, [[भारत]] सरकार</span>


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}}
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
[[Category:उत्तर_प्रदेश]]
[[Category:उत्तर_प्रदेश]]

Latest revision as of 11:04, 3 March 2013

  • मंडावर का प्राचीन नाम कनिंघम के अनुसार मतिपुर है, जहाँ 634 ई. के लगभग चीनी यात्री युवानच्वांग आया था। यहाँ पर उस समय बौद्ध विहार था, जहाँ गुणप्रभ का शिष्य मित्रसेन रहता था। इसकी आयु 90 वर्ष की थी। गुणप्रभ ने सैकड़ों ग्रंथों की रचना की थी।
  • युवानच्वांग के अनुसार मतिपुर जिस देश की राजधानी था, उसका क्षेत्रफल 6000 ली या 1000 मील था।
  • यहाँ पर उस समय 20 बौद्ध संघाराम और 50 देव मन्दिर स्थित थे।
  • युवानच्वांग ने इस नगर को, जिसका राजा उस समय शूद्र जाति का था, बहुत समृद्ध दशा में पाया था। उसने इसे माटीपोलो नाम से अभिहित किया है।
  • चीनी यात्री ने जिन स्तूपों का वर्णन किया है, उनका अभियान करने का प्रयास भी कनिंघम ने किया है।
  • यहाँ से उत्खनन में कुषाण तथा गुप्त नरेशों के सिक्के, मध्यकालीन मूर्तियाँ तथा अन्य अवशेष मिले हैं।
  • किंवदन्ती है कि यहाँ का पीरवाली ताल, बौद्ध संत विमल मित्र के मरने पर जो भूचाल आया था, उसके कारण बना है। यह घटना प्रायः 700 वर्ष पुरानी कही जाती है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 684-685 | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

संबंधित लेख