उरुवेला: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "ref>(" to "ref>") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
||
Line 3: | Line 3: | ||
*प्राचीन बौद्धग्रन्थों में उरुवेला का उल्लेख [[बुद्ध]] की जीवन कथा के संबंध में है। | *प्राचीन बौद्धग्रन्थों में उरुवेला का उल्लेख [[बुद्ध]] की जीवन कथा के संबंध में है। | ||
*यह वही स्थान है जहाँ गौतम संबुद्धि प्राप्त करने के पूर्व ध्यानस्थ होकर बैठे थे। | *यह वही स्थान है जहाँ गौतम संबुद्धि प्राप्त करने के पूर्व ध्यानस्थ होकर बैठे थे। | ||
*इसी स्थान पर ग्राम-वधू सुजाता या [[अश्वघोष]] के अनुसार नंदबाला<ref>देखें बुद्धचरित 12, 109 | *इसी स्थान पर ग्राम-वधू सुजाता या [[अश्वघोष]] के अनुसार नंदबाला<ref>देखें बुद्धचरित 12, 109</ref> से भोजन प्राप्त कर उन्होंने अपना कई दिन का उपवास भंग किया था और शारीरिक कष्ट द्वारा सिद्ध प्राप्त करने के मार्ग की सारहीनता उनकी समझ में आई थी। स्थान का उल्लेख [[महावंश]] में भी है<ref>1, 12; 1, 16, आदि</ref> जिस [[पीपल|पीपल के पेड़]] के नीचे गौतम को संबुद्धि प्राप्त हुई थी उसको [[अग्निपुराण]], 115, 37 में महाबोध वृक्ष कहा गया है। | ||
*इस ग्राम का शुद्ध नाम शायद उरुबिल्व था। | *इस ग्राम का शुद्ध नाम शायद उरुबिल्व था। | ||
*नैरंजना नदी उरुवेला के निकट बहती थी।<ref>देखें बुद्धचरित 12, 108 | *नैरंजना नदी उरुवेला के निकट बहती थी।<ref>देखें बुद्धचरित 12, 108</ref> | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
Revision as of 12:42, 27 July 2011
चित्र:Disamb2.jpg उरुवेला | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- उरुवेला (बहुविकल्पी) |
- उरुवेला बिहार राज्य के बोधगया में स्थित था।
- प्राचीन बौद्धग्रन्थों में उरुवेला का उल्लेख बुद्ध की जीवन कथा के संबंध में है।
- यह वही स्थान है जहाँ गौतम संबुद्धि प्राप्त करने के पूर्व ध्यानस्थ होकर बैठे थे।
- इसी स्थान पर ग्राम-वधू सुजाता या अश्वघोष के अनुसार नंदबाला[1] से भोजन प्राप्त कर उन्होंने अपना कई दिन का उपवास भंग किया था और शारीरिक कष्ट द्वारा सिद्ध प्राप्त करने के मार्ग की सारहीनता उनकी समझ में आई थी। स्थान का उल्लेख महावंश में भी है[2] जिस पीपल के पेड़ के नीचे गौतम को संबुद्धि प्राप्त हुई थी उसको अग्निपुराण, 115, 37 में महाबोध वृक्ष कहा गया है।
- इस ग्राम का शुद्ध नाम शायद उरुबिल्व था।
- नैरंजना नदी उरुवेला के निकट बहती थी।[3]