अजीता श्रीवास्तव: Difference between revisions
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Latest revision as of 11:34, 9 February 2022
अजीता श्रीवास्तव
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पूरा नाम | अजीता श्रीवास्तव |
जन्म भूमि | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
संतान | एक पुत्र |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | लोक गायन |
शिक्षा | परास्नातक, काशी हिंदू विश्वविद्यालय बी.एड, गोरखपुर विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, 2022 |
प्रसिद्धि | कजली गायिका |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | अजीता श्रीवास्तव फिलहाल जनपद मिर्जापुर की पहली महिला लोक गीत गायिका है, जिन्हें पद्म श्री पुरस्कार मिला है। |
अद्यतन | 17:04, 9 फ़रवरी 2022 (IST)
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अजीता श्रीवास्तव (अंग्रेज़ी: Ajita Srivastava) मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध कजली लोक गायिका हैं। कजली गायन में विशेष योगदान के लिए उन्हें साल 2017 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला। अजीता श्रीवास्तव 70 के दशक से ही मिर्जापुर के प्रसिद्ध लोक संगीत कजली से जुड़ी हैं। हाल ही में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म श्री, 2022 से सम्मानित किया गया है।
परिचय
प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव का जन्म वाराणसी में हुआ था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से परास्नातक, गोरखपुर विश्वविद्यालय से बी.एड, प्रयाग संगीत समिति से 'संगीत महारत' हासिल की थी। फिर मिर्जापुर के आर्य कन्या इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद पर काम किया। 2018 में अजिता श्रीवास्तव ने रिटायर होने के बाद आज भी कजरी गायन जारी रखा है। अजिता श्रीवास्तव आकाशवाणी, वाराणसी के भोजपुरी लोक संगीत की उच्च श्रेणी की गायिका हैं।
अजीता श्रीवास्तव फिलहाल जनपद मिर्जापुर की पहली महिला लोक गीत गायिका है, जिन्हें पद्म श्री पुरस्कार मिला है। अजिता श्रीवास्तव का एक बेटा और बहू हैं जो बरेली में अध्यापक हैं।
कॅरियर शुरुआत
अजीता श्रीवास्तव ने 1977 से आर्यकन्या इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के रूप में कार्य करने के साथ आकाशवाणी से अपने सिंगिग कॅरियर की शुरुआत की। 2018 में उन्होंने पूरा समय लोक गायन को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया। मिर्जापुर में आज भी अजीता श्रीवास्तव नई पीढ़ियों को कजली गायन के क्षेत्र में तैयार करने में जुटी रहती हैं। जहां अपनी विरासत को बचाने का काम लगातार अजिता श्रीवास्तव कर रही हैं। मिर्जापुर के प्रसिद्ध कजली गीत समाप्ति के कगार पर हैं। इसे जीवित रखने में अजीता श्रीवास्तव का एक बड़ा योगदान है।
प्रस्तुति
अजीता श्रीवास्तव लखनऊ दूरदर्शन, संस्कृत विभाग, संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश, मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, सूचना विभाग, पर्यटन विभाग, भारतीय संस्कृति संबंध परिषद में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं। इसके साथ ही अभी भी कई कार्यक्रमों में शिरकत करती हैं। अभी हाल ही में यूपी में 'का बा' के गीत को देखकर इन्होंने गाया है 'यूपी में खुशहाली बा', जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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