बदायूँ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ")
m (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
Line 5: Line 5:


====इतिहास====
====इतिहास====
'''नीलकंठ महादेव का प्रसिद्ध मन्दिर''', जिसे [[इल्तुतमिश]] ने तुड़वा दिया था, शायद लखनपाल का बनवाया हुआ था। ताजुलमासिर के लेखक ने बदायूँ पर [[कुतुबुद्दीन ऐबक]] के आक्रमण का वर्णन करते हुए इस नगर को हिन्द के प्रमुख नगरों में माना है। बदायूँ के स्मारकों में [[जामा मस्जिद लखनऊ]] [[भारत]] की मध्य युगीन इमारतों में शायद सबसे विशाल है। यह नीलकंठ मन्दिर के मसाले से बनवाई गई थी और इसका निर्माता इल्तुतमिश था, जिसने इसे गद्दी पर बैठने के बारह वर्ष पश्चात् अर्थात 1222 ई. में बनवाया था। [[महमूद ग़ज़नवी]] के समान ही इल्तुतमिश भी कुख्यात मूर्तिभंजक था। इसने अपने समय के प्रसिद्ध देवालयों, जिनमें [[उज्जैन]] का [[महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग|महाकाल मन्दिर]] भी था, तुड़वा कर तत्कालीन भारतीय कला, संस्कृति तथा धर्म को भारी क्षति पहुँचाई थी।
'''नीलकंठ महादेव का प्रसिद्ध मन्दिर''', जिसे [[इल्तुतमिश]] ने तुड़वा दिया था, शायद लखनपाल का बनवाया हुआ था। ताजुलमासिर के लेखक ने बदायूँ पर [[कुतुबुद्दीन ऐबक]] के आक्रमण का वर्णन करते हुए इस नगर को हिन्द के प्रमुख नगरों में माना है। बदायूँ के स्मारकों में [[जामा मस्जिद लखनऊ]] [[भारत]] की मध्य युगीन इमारतों में शायद सबसे विशाल है। यह नीलकंठ मन्दिर के मसाले से बनवाई गई थी और इसका निर्माता इल्तुतमिश था, जिसने इसे गद्दी पर बैठने के बारह वर्ष पश्चात् अर्थात् 1222 ई. में बनवाया था। [[महमूद ग़ज़नवी]] के समान ही इल्तुतमिश भी कुख्यात मूर्तिभंजक था। इसने अपने समय के प्रसिद्ध देवालयों, जिनमें [[उज्जैन]] का [[महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग|महाकाल मन्दिर]] भी था, तुड़वा कर तत्कालीन भारतीय कला, संस्कृति तथा धर्म को भारी क्षति पहुँचाई थी।


====रचना-सौंदर्य====
====रचना-सौंदर्य====

Latest revision as of 07:48, 7 November 2017

बदायूँ, उत्तर प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण ज़िला है। यह गंगा की सहायक नदी स्रोत के समीप स्थित है। 11वीं शती के एक अभिलेख में, जो बदायूँ से प्राप्त हुआ है, इस नगर का तत्कालीन नाम वोदामयूता कहा गया है। इस लेख से ज्ञात होता है कि उस समय बदायूँ में पांचाल देश की राजधानी थी।

स्थापना

यह जान पड़ता है कि अहिच्छत्रा नगरी, जो अति प्राचीन काल से उत्तर पांचाल की राजधानी चली आई थी, इस समय तक अपना पूर्व गौरव गँवा बैठी थी। एक किंवदन्ती में यह भी कहा गया है कि, इस नगर को अहीर सरदार राजा बुद्ध ने 10वीं शती में बसाया था। 13 वीं शताब्दी में यह दिल्ली के मुस्लिम राज्य की एक महत्त्वपूर्ण सीमावर्ती चौकी था और 1657 में बरेली द्वारा इसका स्थान लिए जाने तक प्रांतीय सूबेदार यहीं रहता था। 1838 में यह ज़िला मुख्यालय बना। कुछ लोगों का यह मत है कि बदायूँ की नींव अजयपाल ने 1175 ई. में डाली थी। राजा लखनपाल को भी नगर के बसाने का श्रेय दिया जाता है।

इतिहास

नीलकंठ महादेव का प्रसिद्ध मन्दिर, जिसे इल्तुतमिश ने तुड़वा दिया था, शायद लखनपाल का बनवाया हुआ था। ताजुलमासिर के लेखक ने बदायूँ पर कुतुबुद्दीन ऐबक के आक्रमण का वर्णन करते हुए इस नगर को हिन्द के प्रमुख नगरों में माना है। बदायूँ के स्मारकों में जामा मस्जिद लखनऊ भारत की मध्य युगीन इमारतों में शायद सबसे विशाल है। यह नीलकंठ मन्दिर के मसाले से बनवाई गई थी और इसका निर्माता इल्तुतमिश था, जिसने इसे गद्दी पर बैठने के बारह वर्ष पश्चात् अर्थात् 1222 ई. में बनवाया था। महमूद ग़ज़नवी के समान ही इल्तुतमिश भी कुख्यात मूर्तिभंजक था। इसने अपने समय के प्रसिद्ध देवालयों, जिनमें उज्जैन का महाकाल मन्दिर भी था, तुड़वा कर तत्कालीन भारतीय कला, संस्कृति तथा धर्म को भारी क्षति पहुँचाई थी।

रचना-सौंदर्य

यहाँ की जामा मस्जिद प्रायः समान्तर चतुर्भुज के आकार की है, किन्तु पूर्व की ओर अधिक चौड़ी है। भीतरी प्रागंण के पूर्वी कोण पर मुख्य मस्जिद है, जो तीन भागों में विभाजित है। बीच के प्रकोष्ठ पर गुम्बद है। बाहर से देखने पर यह मस्जिद साधारण सी दिखती है, किन्तु इसके चारों कोनों की बुर्जियों पर सुन्दर नक़्क़ाशी और शिल्प प्रदर्शित है। बदायूँ में सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलज़ी के परिवार के बनवाए हुए कई मक़बरे हैं।

प्राचीन इमारतों

अलाउद्दीन ने अपने जीवन के अन्तिम वर्ष बदायूँ में ही बिताए थे। अकबर के दरबार का इतिहास लेखक अब्दुलक़ादिर बदायूँनी यहाँ अनेक वर्षों तक रहा था और बदायूँनी ने इसे अपनी आँखों से देखा। बदायूँनी का मक़बरा बदायूँ का प्रसिद्ध स्मारक है। इसके अतिरिक्त इमादुल्मुल्क की दरगाह (पिसनहारी का गुम्बद) भी यहाँ की प्राचीन इमारतों में उल्लेखनीय है।

कृषि व उद्योग

बदायूँ में आसपास के क्षेत्रों में चावल, गेंहूं, जौ, बाजरा और सफ़ेद चने की उपज होती है। यहाँ लघु उद्योग भी हैं।

शिक्षा व जनसंख्या

यहाँ हाफ़िज मुहम्मद सिद्दीकी इंटर कॉलेज है। 2001 की जनगणना के अनुसार नगर की कुल जनसंख्या 1,48,138 है और ज़िले की कुल जनसंख्या 30,69,245है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख