उस्ताद ज़ाकिर हुसैन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 32: | Line 32: | ||
|शीर्षक 2= | |शीर्षक 2= | ||
|पाठ 2= | |पाठ 2= | ||
|अन्य जानकारी= | |अन्य जानकारी=ज़ाकिर हुसैन पहले भारतीय हैं, जिन्हें ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति [[बराक ओबामा]] की ओर से व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया। | ||
|बाहरी कड़ियाँ= | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
|अद्यतन={{अद्यतन|10:32, 7 जुलाई 2023 (IST)}} | |अद्यतन={{अद्यतन|10:32, 7 जुलाई 2023 (IST)}} |
Revision as of 05:38, 7 July 2023
चित्र:Disamb2.jpg ज़ाकिर हुसैन | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- ज़ाकिर हुसैन (बहुविकल्पी) |
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन
| |
पूरा नाम | उस्ताद ज़ाकिर हुसैन |
जन्म | 9 मार्च, 1951 |
जन्म भूमि | बम्बई (अब मुंबई) |
अभिभावक | उस्ताद अल्ला रक्खा ख़ाँ |
पति/पत्नी | एंटोनिया मिनीकोला |
संतान | अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | तबला वादन |
मुख्य फ़िल्में | हीट एंड डस्ट, द परफेक्ट मर्डर, मिस बैटीज चिल्डर्स, साज। |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, 1988 पद्म भूषण, 2002 |
प्रसिद्धि | तबलावादक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | ज़ाकिर हुसैन पहले भारतीय हैं, जिन्हें ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया। |
अद्यतन | 10:32, 7 जुलाई 2023 (IST)
|
ज़ाकिर हुसैन (अंग्रेज़ी: Zakir Hussain, जन्म: 9 मार्च, 1951) भारत के प्रसिद्ध तबला वादक हैं। वे मशहूर तबला वादक क़ुरैशी अल्ला रक्खा ख़ान के पुत्र हैं। अल्ला रक्खा ख़ान भी तबला बजाने में माहिर माने जाते थे। ज़ाकिर हुसैन जब अपनी उंगलियों और हाथ की थाप से तबला बजाते हैं तो संसार को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। उनके तबले के सुर को सुन लोग मदहोश हो जाते हैं और कहते हैं 'वाह उस्ताद'। ज़ाकिर हुसैन ने देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपनी कला का परचम लहराया है। जीवन में इतनी प्रसिद्धि पाने के बाद भी उस्ताद को सादगी से रहना पसंद है और वह अक्सर जमीन से जुड़े रहते हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई संघर्षों के बाद यह मुकाम पाया है। भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है।
परिचय
ज़ाकिर हुसैन का बचपन मुंबई में ही बीता। 12 साल की उम्र से ही ज़ाकिर हुसैन ने संगीत की दुनिया में अपने तबले की आवाज़ को बिखेरना शुरू कर दिया था। प्रारंभिक शिक्षा और कॉलेज के बाद ज़ाकिर हुसैन ने कला के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करना शुरू कर दिया। 1973 में उनका पहला एलबम 'लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड' आया था। उसके बाद तो जैसे ज़ाकिर हुसैन ने ठान लिया कि अपने तबले की आवाज़ को दुनिया भर में बिखेरेंगे। 1973 से लेकर 2007 तक ज़ाकिर हुसैन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाते रहे। वह भारत में तो बहुत ही प्रसिद्ध हैं ही, साथ ही विश्व के विभिन्न हिस्सों में भी समान रूप से लोकप्रिय हैं।
ज़ाकिर हुसैन अक्सर कहा करते हैं कि भारतीय शास्त्रीय संगीत स्टेडियम के लिए नहीं है, बल्कि यह कमरे का संगीत है। शायद ऐसा कोई ही देश बचा हो, जहां ज़ाकिर हुसैन ने अपना शो नहीं किया और जनता को अपनी कला का दीवाना ना बनाया हो।
विवाह
वर्ष 1978 में ज़ाकिर हुसैन ने कथक नृत्यांगना एंटोनिया मिनीकोला से शादी की। वह इटैलियन थीं और उनकी मैनेजर भी। उनकी दो बेटियां हैं- अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी। ज़ाकिर हुसैन बिल लाउसवैस के ग्लोबल म्यूजिक सुपरग्रुप 'तबला बीट साइंस' के संस्थापक सदस्य भी हैं।[1]
सम्मान और पुरस्कार
- 1988 में जब उन्हें पद्म श्री का पुरस्कार मिला था तब वह महज 37 वर्ष के थे और इस उम्र में यह पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी थे।
- इसी तरह 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था।
- वर्ष 2023 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।
- वह पहले भारतीय हैं, जिन्हें ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया।
- उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। वहीं, संगीत की दुनिया का सबसे बड़ा ग्रैमी अवॉर्ड उन्हें दो बार, साल 1992 में 'द प्लेनेट ड्रम' और 2009 में 'ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट' के लिए मिल चुका है।
अभिनय
ज़ाकिर हुसैन को तबला बजाने में तो दिलचस्पी थी ही, उन्हें एक्टिंग का भी शौक था। 1983 में ज़ाकिर हुसैन ने फिल्म 'हीट एंड डस्ट' से एक्टिंग में डेब्यू किया। इसके बाद 1988 में 'द परफेक्ट मर्डर', 1992 में 'मिस बैटीज चिल्डर्स' और 1998 में 'साज' फिल्म में भी उन्होंने एक्टिंग में अपना हाथ आजमाया।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 ज़ाकिर हुसैन के तबले की धुन पर दुनिया कहती है 'वाह उस्ताद', पिता से विरासत में मिला था ये हुनर (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 07 जुलाई, 2023।
संबंधित लेख