पहेली फ़रवरी 2016: Difference between revisions
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||[[चित्र:Mrignayani-Book.jpg |right| | ||[[चित्र:Mrignayani-Book.jpg |right|100px|उपन्यास 'मृगनयनी' का आवरण पृष्ठ]]'वृंदावनलाल वर्मा' प्रसिद्ध ऐतिहासिक [[उपन्यासकार]] एवं निबंधकार थे। उनका जन्म मऊरानीपुर, [[झाँसी]] ([[उत्तर प्रदेश]]) में हुआ था। [[वृंदावनलाल वर्मा]] ने सन [[1927]] में 'गढ़ कुण्डार' नामक उपन्यास दो [[महीने]] में लिखा था। उसी [[वर्ष]] 'लगन', 'संगम', 'प्रत्यागत', कुण्डली चक्र', 'प्रेम की भेंट' तथा 'हृदय की हिलोर' भी लिखा। [[1946]] में उनका प्रसिद्ध [[उपन्यास]] 'झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई' प्रकाशित हुआ। तब से उनकी कलम अवाध रूप से चलती रही। 'झाँसी की रानी' के बाद उन्होंने 'कचनार', '''मृगनयनी''', 'टूटे काँटें', 'अहिल्याबाई', 'भुवन विक्रम', 'अचल मेरा कोई' आदि उपन्यासों और 'हंसमयूर', 'पूर्व की ओर', 'ललित विक्रम', 'राखी की लाज' आदि नाटकों का प्रणयन किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वृंदावनलाल वर्मा]] | ||
{वह कौन महापुरुष थे, जिन्होंने [[भारत]] के चारों कोनों में 'चार धामों' की स्थापना की थी? | {वह कौन महापुरुष थे, जिन्होंने [[भारत]] के चारों कोनों में 'चार धामों' की स्थापना की थी? | ||
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+[[महाराष्ट्र]] | +[[महाराष्ट्र]] | ||
-[[राजस्थान]] | -[[राजस्थान]] | ||
||[[चित्र:Vinova samadhi pawnar.JPG|right| | ||[[चित्र:Vinova samadhi pawnar.JPG|right|100px|विजोबा समाधि, पवनार]]'पवनार आश्रम' [[महाराष्ट्र]] के [[वर्धा ज़िला|वर्धा ज़िले]] के [[पवनार]] नामक गाँव में स्थित है। क़रीब 15 एकड़ की जमीन पर बना यह आश्रम तमाम तरह की प्राकृतिक विविधता अपने में समेटे है। यह आश्रम '[[भूदान आन्दोलन]]' के प्रणेता [[विनोबा भावे]] द्वारा स्थापित है। विनोबा जी ने महिलाओं के लिए ख़ास तौर से यह आश्रम बनवाया था। इसे ऐसी महिलाओं के लिए बनवाया गया था, जो [[मीरां|मीराबाई]] की तरह अपने को साध्वी जीवन में रखना चाहती हों।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पवनार आश्रम]] | ||
{[[बौद्ध धर्म]] की किस शाखा में [[मंत्र]], [[हठयोग]] एवं तांत्रिक आचारों की प्रधानता दी गई है? | {[[बौद्ध धर्म]] की किस शाखा में [[मंत्र]], [[हठयोग]] एवं तांत्रिक आचारों की प्रधानता दी गई है? | ||
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-[[सुनील गावस्कर]] | -[[सुनील गावस्कर]] | ||
-[[रवि शास्त्री]] | -[[रवि शास्त्री]] | ||
||[[चित्र:C.K. Nayudu.jpg|right| | ||[[चित्र:C.K. Nayudu.jpg|right|100px|सी. के. नायडू]]'सी. के. नायडू' [[भारत]] के प्रसिद्ध [[क्रिकेट]] खिलाड़ी थे। भारतीय क्रिकेट टीम के प्रथम टेस्ट कप्तान बनने का गौरव उन्हें प्राप्त हुआ था। [[सी. के. नायडू]] उस उम्र तक क्रिकेट खेलते रहे, जिसके बारे में सोचना भी आज के खिलाड़ियों के लिए दिवास्वप्न है। नायडू की उस समय की फिटनेस आज के उन खिलाड़ियों के लिए एक सबक थी, जो दूसरे-तीसरे मैच के बाद ही चोटिल हो जाते हैं। 37 साल की उम्र में जब आज खिलाड़ी रिटायर होने लगते हैं, तब सी. के. नायडू ने टेस्ट मैच खेलना शुरू किया था। वह 68 साल तक फिट रहकर [[क्रिकेट]] खेलते रहे थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सी. के. नायडू]] | ||
{[[दिल्ली]] स्थित '[[जामा मस्जिद दिल्ली|जामा मस्जिद]]' का निर्माण किस शासक द्वारा करवाया गया था? | {[[दिल्ली]] स्थित '[[जामा मस्जिद दिल्ली|जामा मस्जिद]]' का निर्माण किस शासक द्वारा करवाया गया था? | ||
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-[[26 अक्टूबर]] | -[[26 अक्टूबर]] | ||
-[[26 नवम्बर]] | -[[26 नवम्बर]] | ||
||[[चित्र:Women's-Equality-Day.jpg |right| | ||[[चित्र:Women's-Equality-Day.jpg |right|100px|महिला समानता दिवस]]'महिला समानता दिवस' प्रत्येक [[वर्ष]] '26 अगस्त' को मनाया जाता है। न्यूजीलैंड विश्व का पहला देश है, जिसने [[1893]] में महिला समानता की शुरुआत की। [[भारत]] में आज़ादी के बाद से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार प्राप्त तो था, लेकिन पंचायतों तथा नगर निकायों में चुनाव लड़ने का क़ानूनी अधिकार [[संविधान संशोधन- 73वाँ|73वें संविधान संशोधन]] के माध्यम से स्वर्गीय [[राजीव गाँधी|प्रधानमंत्री राजीव गाँधी]] के प्रयास से मिला। इसी का परिणाम है कि आज भारत की पंचायतों में महिलाओं की 50 प्रतिशत से अधिक भागीदारी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महिला समानता दिवस]] | ||
{'अशोक तथा मौर्य साम्राज्य का पतन' निम्नलिखित में से किसकी प्रसिद्ध रचना है? | {'अशोक तथा मौर्य साम्राज्य का पतन' निम्नलिखित में से किसकी प्रसिद्ध रचना है? | ||
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-[[रामचन्द्र शुक्ल]] | -[[रामचन्द्र शुक्ल]] | ||
-[[काशी प्रसाद जायसवाल]] | -[[काशी प्रसाद जायसवाल]] | ||
||[[चित्र:Romila-Thapar.jpg|right| | ||[[चित्र:Romila-Thapar.jpg|right|100px|रोमिला थापर]]'रोमिला थापर' प्रसिद्ध भारतीय [[इतिहासकार]] हैं। इनके अध्ययन का मुख्य विषय "प्राचीन भारतीय इतिहास" रहा है। [[रोमिला थापर]] के ऐतिहासिक कार्यों में [[हिन्दू धर्म]] की उत्पत्ति को सामाजिक बलों के बीच एक उभरती परस्पर क्रिया के रूप में चित्रित किया है। "अशोक तथा मौर्य साम्राज्य का पतन" इनकी प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है। हाल ही में इन्होंने [[गुजरात]] के प्रसिद्ध "[[सोमनाथ मंदिर]]" के इतिहास के ऊपर लेख लिखा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रोमिला थापर]] | ||
{[[महाभारत]] के अनुसार किस दिन के युद्ध में [[भीष्म|पितामह भीष्म]] ने शरशैय्या प्राप्त की? | {[[महाभारत]] के अनुसार किस दिन के युद्ध में [[भीष्म|पितामह भीष्म]] ने शरशैय्या प्राप्त की? |
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