के. वी. के. सुंदरम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ |चित्र=Kalyan-Sundaram.jpeg |चित्र का ना...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
Line 47: Line 47:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{मुख्य चुनाव आयुक्त}}
{{मुख्य चुनाव आयुक्त}}{{पद्म विभूषण}}
[[Category:मुख्य चुनाव आयुक्त]][[Category:प्रशासनिक अधिकारी]][[Category:आधुनिक काल]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:राजनीति कोश]]
[[Category:मुख्य चुनाव आयुक्त]][[Category:प्रशासनिक अधिकारी]][[Category:आधुनिक काल]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:पद्म विभूषण]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 21:06, 21 April 2020

के. वी. के. सुंदरम
पूरा नाम कल्याण वैद्यनाथन कुट्टूर सुंदरम
जन्म 11 मई, 1904
जन्म भूमि कुट्टूर, मद्रास (वर्तमान चेन्नई)
मृत्यु 23 सितंबर, 1992
मृत्यु स्थान नई दिल्ली, भारत
पति/पत्नी इंदिरा सुंदरम
संतान विवान सुंदरम
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि द्वितीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत
कार्य काल मुख्य निर्वाचन आयुक्त-20 दिसंबर, 1958 से 30 सितंबर, 1967
पुरस्कार-उपाधि पद्म विभूषण (1968)
पूर्वाधिकारी सुकुमार सेन
उत्तराधिकारी एस. पी. सेन वर्मा
अन्य जानकारी सन 1958 में कानून सचिव के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद के. वी. के. सुंदरम मुख्य चुनाव आयुक्त की स्थिति रखने वाले दूसरे व्यक्ति बने।

कल्याण वैद्यनाथन कुट्टूर सुंदरम (अंग्रेज़ी: Kalyan Vaidyanathan Kuttur Sundaram, जन्म- 11 मई, 1904; मृत्यु- 23 सितंबर, 1992) भारतीय प्रशासनिक अधिकारी थे। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून सचिव (1948-1958) और भारत के दूसरे मुख्य निर्वाचन आयुक्त थे। उन्होंने 1968-1971 की अवधि के लिए भारत के पांचवें कानून आयोग की भी अध्यक्षता की। वह श्वेत पत्र के मुख्य लेखक थे, जिसका उपयोग स्वतंत्रता के बाद भाषाई रेखाओं के साथ खींचे गए राज्यों में भारत के गठन का मार्गदर्शन करने के लिए किया गया था। के. वी. के. सुंदरम को 1968 में दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया था।

परिचय

के. वी. के. सुंदरम का जन्म 11 मई, 1904 को तत्कालीन मद्रास प्रेसिडेंसी स्थित एक गांव कुट्टूर में हुआ था। उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज और क्राइस्ट चर्च, ऑक्सफोर्ड से शिक्षा प्राप्त की, जिसके बाद 1925 में भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) का प्रशिक्षण के लिए खुद को पंजीकृत किया। उन्होंने दो विवाह किये थे। उनकी पहली पत्नी लक्ष्मी की मृत्यु 1934 में हुई थी। बाद में उन्होंने भारत की ख्यातिप्राप्त कलाकार अमृता शेरगिल की बहन इंदिरा शेरगिल से विवाह किया।

कॅरियर

के. वी. के. सुंदरम ने 1927 में केंद्रीय प्रांतों में अपना आईसीएस कॅरियर शुरू किया। उन्होंने 1931 में पहले नागपुर में एक सुधार अधिकारी के रूप में प्रांतीय स्तर तक बढ़ने से पहले काम किया। वहां उन्होंने इस तरह के कानूनी कौशल का प्रदर्शन किया कि न्यायिक आयुक्त सर रॉबर्ट मैकनेयर ने बाद में टिप्पणी की कि सुंदरम कुछ जूनियर कानूनी अधिकारियों में से एक थे, जिनकी सिफारिशें खुद को मूल्यांकन किए बिना मामलों का निपटान करने में लगती हैं।

मुख्य योगदान

सन 1935 में भारत सरकार अधिनियम लागू किया गया था, जिसके कारण भारतीय प्रांतों में निर्वाचित विधायिका की स्थापना हुई। यह अधिनियम भारत की आजादी देने की दिशा में सबसे पहले कदमों में से एक था। के. वी. के. सुंदरम ने उसमें सक्रिय भूमिका निभाई। भारत में शासित ब्रिटिश नौकरशाही भारत के मौजूदा ढांचे को भाषाई रूप से तैयार राज्यों में पुनर्गठित करना चाहता था, जो सैकड़ों रियासतों की मौजूदा सीमाओं के बारे में चिंतित था, जिन्हें अंग्रेजों ने नियंत्रित नहीं किया था। उन्होंने इस दस्तावेज़ को तैयार करने के लिए 1936 में के. वी. के. सुंदरम को नियुक्त किया। यह श्वेत पत्र भारत को राज्यों में पुनर्गठित करने के लिए उपयोग किया जाता था; सरदार पटेल और वी. पी. मेनन भी देशी रियासतों के राजकुमारों को एक सहमत पेंशन के लिए भारतीय संघ के साथ सौंपने के लिए मनाने के लिए इसका इस्तेमाल करने वाले थे। के. वी. के. सुंदरम स्वयं इस काम में अधिकतर देखरेख करने में सक्षम थे, क्योंकि वह 1948 में लॉ सचिव के पद पर पहुंचे थे, जब सर जॉर्ज स्पेंस जिन्होंने कुछ योग्य उम्मीदवारों की वरिष्ठता के बावजूद विशेष रूप से के. वी. के. सुंदरम से कार्यालय के लिए अनुरोध किया था।

मृत्यु

सन 1958 में कानून सचिव के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद के. वी. के. सुंदरम मुख्य चुनाव आयुक्त की स्थिति रखने वाले दूसरे व्यक्ति बने। 1967 में उन्होंने 1968 में कानून आयोग के अध्यक्ष बनने के लिए उस पद को छोड़ दिया। नई दिल्ली में 23 सितंबर, 1992 को के. वी. के. सुंदरम की मृत्यु हुई।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख