दीक्षाभूमि: Difference between revisions

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Latest revision as of 12:45, 11 August 2017

दीक्षाभूमि
विवरण 'दीक्षाभूमि' बौद्ध अनुयायियों का तीर्थ स्थल है। बौद्ध धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से यह एक है।
राज्य महाराष्ट्र
ज़िला नागपुर
प्रसिद्धि बौद्ध धार्मिक स्थल
कब जाएँ कभी भी
रेलवे स्टेशन नागपुर
निर्माण शुरुआत जुलाई, 1978
उद्घाटन 18 दिसम्बर, 2001
अन्य जानकारी दीक्षाभूमि में लाखों दलित लोगों ने डॉ. बी. आर. आम्बेडकर को अपना नेता मानते हुए बौद्ध धर्म को अपनाया था।

दीक्षाभूमि (अंग्रेज़ी: Deekshabhoomi) महाराष्ट्र राज्य के प्रसिद्ध बौद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। दीक्षाभूमि में हर साल हज़ारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां एक बौद्ध स्तूप है, जो 120 फुट लंबा है। यहीं पर सैकड़ों दलित लोगों ने डॉ. बी. आर. आम्बेडकर को अपना नेता मानते हुए बौद्ध धर्म को अपनाया था। यहां इस दिन को 'अशोक विजय दशमी' के रूप में मनाया जाता है।

  • दीक्षाभूमि भारत में बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र है। यहां बौद्ध धर्म का पुनरूत्थान हुआ है।
  • महाराष्ट्र राज्य की उपराजधानी नागपुर शहर में स्थित इस पवित्र स्थान पर बोधिसत्त्व डॉ. भीमराव आंबेडकर जी ने 14 अक्टूबर, 1956 को पहले महास्थविर चंद्रमणी से बौद्ध धम्म दीक्षा लेकर अपने पाँच लाख से अधिक अनुयायिओं को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी।
  • त्रिशरण, पंचशील और अपनी 22 प्रतिज्ञाएँ देकर डॉ. आंबेडकर ने हिन्दू दलितों का धर्मपरिवर्तन किया था। अगले दिन फिर 15 अक्टूबर को तीन लाख लोगों को बौद्ध धम्म की दीक्षा दी और स्वयं भी फिर से दीक्षीत हुए।
  • देश तथा विदेश से हर साल दीक्षाभूमि में 25 लाख से अधिक आंबेडकरवादी और बौद्ध अनुयायी आते हैं।
  • हर साल 14 अक्टूबर को यहां हज़ारों की संख्या में लोग बौद्ध धर्म परावर्तित होते रहते हैं।
  • दीक्षाभूमि में 14 अक्टूबर, 2015 में 50,000 लोग दीक्षीत हुए थे।
  • 14 अक्टूबर, 2016 में 20,000 और 25 अक्टूबर, 2016 को 'मनुस्मृति दहन दिवस' के उपलक्ष में 5,000 ओबीसी लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।
  • महाराष्ट्र सरकार ने दीक्षाभूमि को 'अ' वर्ग के पर्यटन क्षेत्र का दर्जा दिया है। नागपुर शहर के सभी धार्मिक व पर्यटन क्षेत्रों में यह पहला स्थल है, जिसे 'ए' क्लास का दर्जा हासिल हुआ है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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