अकेलास ठोस: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''अकेलास ठोस''' (एमोर्फस सॉलिड) उन पदार्थों को ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''अकेलास ठोस''' (एमोर्फस सॉलिड) उन [[पदार्थ|पदार्थों]] को कहते हैं, जो गरम करने पर क्रमश: नरम हो जाते हैं और फिर धीरे-धीरे उनकी श्यानता<ref>विस्कोसिटी</ref> इतनी कम हो जाती है कि वे चल्य बनकर [[द्रव]] में परिवर्तित हो जाते हैं।<ref>{{cite web |url= http:// | '''अकेलास ठोस''' (एमोर्फस सॉलिड) उन [[पदार्थ|पदार्थों]] को कहते हैं, जो गरम करने पर क्रमश: नरम हो जाते हैं और फिर धीरे-धीरे उनकी श्यानता<ref>विस्कोसिटी</ref> इतनी कम हो जाती है कि वे चल्य बनकर [[द्रव]] में परिवर्तित हो जाते हैं।<ref>{{cite web |url= http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B8_%E0%A4%A0%E0%A5%8B%E0%A4%B8|title= अकेलास ठोस|accessmonthday= 14 सितम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= भारतखोज|language= हिन्दी}}</ref> | ||
*इन पदार्थों का कोई निश्चित [[गलनांक]] नहीं होता है। | *इन पदार्थों का कोई निश्चित [[गलनांक]] नहीं होता है। |
Latest revision as of 12:23, 25 October 2017
अकेलास ठोस (एमोर्फस सॉलिड) उन पदार्थों को कहते हैं, जो गरम करने पर क्रमश: नरम हो जाते हैं और फिर धीरे-धीरे उनकी श्यानता[1] इतनी कम हो जाती है कि वे चल्य बनकर द्रव में परिवर्तित हो जाते हैं।[2]
- इन पदार्थों का कोई निश्चित गलनांक नहीं होता है।
- इस तरह के पदार्थ ठीक-ठीक ठोस की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते। इसलिए इनको अत्यधिक श्यानता वाले अतिशीतलित[3] द्रव भी कहा जाता है।
- काँच, मोम, वसा, अलकतरा[4] आदि अकेलास ठोस में से हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विस्कोसिटी
- ↑ अकेलास ठोस (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 14 सितम्बर, 2014।
- ↑ सुपरकूल्ड
- ↑ डामर