अष्टधातु: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''अष्टधातु''' आठ धातुओं का संप्रदाय जिसमें सोना चाँद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
Line 13: Line 13:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{रसायन विज्ञान}}
{{रसायन विज्ञान}}
[[Category:रासायनिक तत्व]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:विज्ञान कोश]]
[[Category:रासायनिक तत्त्व]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:विज्ञान कोश]]
[[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
[[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 09:20, 8 June 2018

अष्टधातु आठ धातुओं का संप्रदाय जिसमें सोना चाँदी, तांबा, रांगा, जस्ता, सीसा, लोहा, तथा पारा (रस) की गणना की जाती है। एक प्राचीन में इनका निर्देश यों किया गया है:

स्वर्ण रूप्यं ताम्रं च रंग यशदमेव च।
शीसं लौहं रसश्चेति धातवोऽष्टौ प्रकीर्तिता

सुश्रुतसंहिता में केवल प्रथम सात धातुओं का ही निर्देश देखकर आपातत: प्रतीत होता है कि सुश्रुत पारा (पारद, रस) को धातु मानने के पक्ष में नहीं हैं, पर यह कल्पना ठीक नहीं। उन्होंने रस को धातु भी अन्यत्र माना है।[1] अष्टधातु का उपयोग प्रतिमा के निर्माण के लिए भी किया जाता था तब रस के स्थान पर पीतल का ग्रहण समझना चाहिए; भविष्यपुराण के एक वचन के आधार पर हेमाद्रि का ऐसा निर्णय है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ततो रस इति प्रोक्त: स च धातुरपि स्मृतथ:
  2. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 292 |

संबंधित लेख