मोल धारणा: Difference between revisions

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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Mole Concept) एक मोल किसी भी निश्चित सूत्र वाले [[पदार्थ]] की वह राशि है, जिसमें इस पदार्थ के इकाई सूत्र की संख्या उतनी है, जिनकी शुद्ध [[कार्बन]]-12 [[आइसोटोप]] के ठीक 12 ग्राम में परमाणुओं की संख्या है।
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Mole Concept) एक मोल किसी भी निश्चित सूत्र वाले [[पदार्थ]] की वह राशि है, जिसमें इस पदार्थ के इकाई सूत्र की संख्या उतनी है, जिनकी शुद्ध [[कार्बन]]-12 [[आइसोटोप]] के ठीक 12 ग्राम में [[परमाणु|परमाणुओं]] की संख्या है।
*[[मोल]] इकाई का मान- मोल का मान 6.022 x 10<sup>23</sup>  है। कार्बन के 12 ग्राम या एक मोल में 6.022 x 10<sup>23</sup> [[परमाणु]] हैं। 6.022 x 10<sup>23</sup> को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं।
*मोल संख्या एवं [[द्रव्यमान]] दोनों का प्रतीक है। सन् [[1967]] में मोल को इकाई के रूप में स्वीकार किया गया।
*20वीं शताब्दी में आधुनिक खोजों के परिणामस्वरूप जे॰ जे॰ थॉमसन, रदरफोर्ड, चैडविक आदि वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया कि परमाणु विभाज्य है तथा मुख्यतः तीन मूल कणों से मिलकर बना है, जिन्हें [[इलेक्ट्रॉन]], [[प्रोटॉन]] तथा [[न्यूट्रॉन]] कहते हैं।


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(अंग्रेज़ी:Mole Concept) एक मोल किसी भी निश्चित सूत्र वाले पदार्थ की वह राशि है, जिसमें इस पदार्थ के इकाई सूत्र की संख्या उतनी है, जिनकी शुद्ध कार्बन-12 आइसोटोप के ठीक 12 ग्राम में परमाणुओं की संख्या है।

  • मोल इकाई का मान- मोल का मान 6.022 x 1023 है। कार्बन के 12 ग्राम या एक मोल में 6.022 x 1023 परमाणु हैं। 6.022 x 1023 को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं।
  • मोल संख्या एवं द्रव्यमान दोनों का प्रतीक है। सन् 1967 में मोल को इकाई के रूप में स्वीकार किया गया।
  • 20वीं शताब्दी में आधुनिक खोजों के परिणामस्वरूप जे॰ जे॰ थॉमसन, रदरफोर्ड, चैडविक आदि वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया कि परमाणु विभाज्य है तथा मुख्यतः तीन मूल कणों से मिलकर बना है, जिन्हें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन कहते हैं।


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