गाँधी भवन, हरदोई: Difference between revisions

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*जिसके अनुसार [[उत्तर प्रदेश]] के प्रत्येक जनपद में जन शताब्दी समितियों का गठन किया गया था जनपद हरदोई में भी शताब्दी समिति का गठन किया गया इस समिति की अध्यक्षता तत्कालीन जिलाधिकारी एच एल विरदी ने की। यह तत्कालीन जिलाधिकारी की दूरदर्शिता थी कि उन्होंने इस जनपदीय शताब्दी समिति में ऐसे महानुभावों को सम्मिलित किया जिन्होंने इस शताब्दी समिति को आने वाले समय में और अधिक गौरवगयी बनाया।[[चित्र:Gandhimemo.jpg|परिसर में स्थापित [[शिलालेख]] |thumb|right]]
*जिसके अनुसार [[उत्तर प्रदेश]] के प्रत्येक जनपद में जन शताब्दी समितियों का गठन किया गया था जनपद हरदोई में भी शताब्दी समिति का गठन किया गया इस समिति की अध्यक्षता तत्कालीन जिलाधिकारी एच एल विरदी ने की। यह तत्कालीन जिलाधिकारी की दूरदर्शिता थी कि उन्होंने इस जनपदीय शताब्दी समिति में ऐसे महानुभावों को सम्मिलित किया जिन्होंने इस शताब्दी समिति को आने वाले समय में और अधिक गौरवगयी बनाया।[[चित्र:Gandhimemo.jpg|परिसर में स्थापित [[शिलालेख]] |thumb|right]]
*इस समिति ने यह निर्णय लिया कि [[1929]] में जिस स्थान पर प्रथम बार गांधी जी आये थे उसी स्थान पर गांधी भवन का निर्माण कराया जाय।  
*इस समिति ने यह निर्णय लिया कि [[1929]] में जिस स्थान पर प्रथम बार गांधी जी आये थे उसी स्थान पर गांधी भवन का निर्माण कराया जाय।  
* [[1877]] में जब [[महारानी विक्टोरिया]] भारत की सम्राज्ञी घोषित हुयी थीं तो इस ऐसिहासिक घटना की स्मृति में भारतवर्ष में दो स्थानों पर [[विक्टोरिया मेमोरियल हरदोई|विक्टोरिया मेमोरियल]] भवनों का निर्माण हुआ था एक कलकत्ता में और दूसरे हरदोई में । हरदोई में निर्मित इसी [[विक्टोरिया मेमोरियल हरदोई| विक्टोरिया भवन]] परिसर जिसे टाउन हाल कहा जाता था में रिक्त पडे विशाल भूभाग पर एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था जिसमें लगभग 4000 व्यक्ति सम्मिलित हुये थे।  
* [[1877]] में जब [[महारानी विक्टोरिया]] भारत की सम्राज्ञी घोषित हुई थीं तो इस ऐसिहासिक घटना की स्मृति में भारतवर्ष में दो स्थानों पर [[विक्टोरिया मेमोरियल हरदोई|विक्टोरिया मेमोरियल]] भवनों का निर्माण हुआ था एक कलकत्ता में और दूसरे हरदोई में । हरदोई में निर्मित इसी [[विक्टोरिया मेमोरियल हरदोई| विक्टोरिया भवन]] परिसर जिसे टाउन हाल कहा जाता था में रिक्त पडे विशाल भूभाग पर एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था जिसमें लगभग 4000 व्यक्ति सम्मिलित हुये थे।  
[[चित्र:Prarthana1.jpg|परिसर में स्थापित [[प्रार्थना]] कक्ष|thumb|left]]
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*गांधी शताब्दी समिति हरदोई ने विक्टोरिया मैमोरियल हाल से इस रिक्त भूमि को 2000 रू दो हजार प्रतिवर्ष लीज पर लेकर राइफल क्लब व जन सहयोग से धन एकत्रित कर वर्ष [[1970]] में इस भवन का शिलान्यास कराया। इस भवन का निर्माण कार्य वर्ष [[1972]] में पूर्ण हो सका। ।  
*गांधी शताब्दी समिति हरदोई ने विक्टोरिया मैमोरियल हाल से इस रिक्त भूमि को 2000 रू दो हजार प्रतिवर्ष लीज पर लेकर राइफल क्लब व जन सहयोग से धन एकत्रित कर वर्ष [[1970]] में इस भवन का शिलान्यास कराया। इस भवन का निर्माण कार्य वर्ष [[1972]] में पूर्ण हो सका। ।  

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चित्र:Disamb2.jpg गाँधी भवन एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- गाँधी भवन

[[चित्र:Gandhistatue.jpg|thumb|परिसर में स्थापित गांधी जी की मूर्ति]] गाँधी भवन उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद के मुख्यालय में स्थित है।

  • सन 1928 में साइमन कमीशन के भारत आने के बाद इसका विरोध करने के लिये महात्मा गांधी ने समूचे भारत में यात्रा कर जनजागरण किया।
  • इसी दौरान 11 अक्टूबर 1929 को गांधी जी ने हरदोई का भी भ्रमण किया। सभी वर्गों के व्यक्तियों द्वारा महात्मा गांधी जी का स्वागत किया तथा उन्होंने टाउन हाल में 4000 से अधिक व्यक्तियों की जनसभा को संबोधित किया। सभा के समापन पर खद्दर के कुछ बढ़िया कपड़े 296 रुपये में नीलाम किये गये और यह धनराशि गांधी जी को भेट की गयी।[1]
  • स्वतंत्रता के बाद सम्पूर्ण भारत वर्ष में महात्मा गांधी जी के भ्रमण स्थलों पर स्मारकों का निर्माण किया गया जिसमें हरदोई में गांधी भवन का निर्माण हुआ। स्वतंत्रता के बाद महात्मा गांधी जन्म शताब्दी वर्ष 1969 में सम्पूर्ण भारत वर्ष जन शताब्दी समितियों का गठन किया गया था
  • जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में जन शताब्दी समितियों का गठन किया गया था जनपद हरदोई में भी शताब्दी समिति का गठन किया गया इस समिति की अध्यक्षता तत्कालीन जिलाधिकारी एच एल विरदी ने की। यह तत्कालीन जिलाधिकारी की दूरदर्शिता थी कि उन्होंने इस जनपदीय शताब्दी समिति में ऐसे महानुभावों को सम्मिलित किया जिन्होंने इस शताब्दी समिति को आने वाले समय में और अधिक गौरवगयी बनाया।[[चित्र:Gandhimemo.jpg|परिसर में स्थापित शिलालेख |thumb|right]]
  • इस समिति ने यह निर्णय लिया कि 1929 में जिस स्थान पर प्रथम बार गांधी जी आये थे उसी स्थान पर गांधी भवन का निर्माण कराया जाय।
  • 1877 में जब महारानी विक्टोरिया भारत की सम्राज्ञी घोषित हुई थीं तो इस ऐसिहासिक घटना की स्मृति में भारतवर्ष में दो स्थानों पर विक्टोरिया मेमोरियल भवनों का निर्माण हुआ था एक कलकत्ता में और दूसरे हरदोई में । हरदोई में निर्मित इसी विक्टोरिया भवन परिसर जिसे टाउन हाल कहा जाता था में रिक्त पडे विशाल भूभाग पर एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था जिसमें लगभग 4000 व्यक्ति सम्मिलित हुये थे।

[[चित्र:Prarthana1.jpg|परिसर में स्थापित प्रार्थना कक्ष|thumb|left]]

  • गांधी शताब्दी समिति हरदोई ने विक्टोरिया मैमोरियल हाल से इस रिक्त भूमि को 2000 रू दो हजार प्रतिवर्ष लीज पर लेकर राइफल क्लब व जन सहयोग से धन एकत्रित कर वर्ष 1970 में इस भवन का शिलान्यास कराया। इस भवन का निर्माण कार्य वर्ष 1972 में पूर्ण हो सका। ।
  • इस भवन की मरम्मद और अन्य देखरेख हेतु शहर मे सम्पन्न होने वाले मांगलिक, सामाजिक, राजकीय कार्यक्रमों एवं रजनैतिक गोष्ठियों के लिये किराये पर उठाकर धन की व्यवस्था की जाती है।
  • इस भवन का रख रखाव महात्मा गांधी जनकल्याण समिति द्वारा किया जाता है।
  • 2013 में इस समिति के वर्तमान सचिव अशोक कुमार शुक्ला ने इस परिसर में एक प्रार्थना कक्ष स्थापित कराकर नववर्षारम्भ के अवसर पर 1 जनवरी से सर्वोदय आश्रम टडियांवा के सहयोग से नियमित सर्वधर्म प्रार्थना का आरंभ कराया है।
  • इस परिसर में स्थापित प्रार्थना कक्ष महात्मा जी की विश्राम स्थली रहे कौसानी में स्थापित अनासक्ति आश्रम में स्थापित प्रार्थना कक्ष के समरूप है तथा कौसानी में संचालित नियमित सर्वधर्म प्रार्थना के अनुरूप इस परिसर में भी नियमित रूप से सर्वधर्म प्रार्थना की जाती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संदर्भ:एच आर नेबिल संपादित हरदोई गजेटियर पृष्ठ 56
  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख