मैंगनीज: Difference between revisions

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लौह इस्पात उद्योग में एक प्रमुख कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होने वाली [[धातु]] मैंगनीज प्रायः [[काला रंग|काले रंग]] की प्राकृतिक भस्मों के रूप में मारवाड़ युग की [[अवसादी चट्टान|अवसादी चट्टानों]] में पायी जाती है। साइलोंमैलीन तथा ब्रोनाइट इसके प्रमुख अयस्क है। इसकी प्राप्ति पाइरोलूसाइट, हॉलैंडाइट, सीटैपराइट, हाउसमैनाइट, मैंगेनाइट, रोडोनाइट, रोडोक्रोसाइट एवं जैसोब्साइट जैसे अयस्कों से भी होती है। भारत में मिलने वले मैंगनीज अयस्क में धातु का अंश 52 प्रतिशत तक पाया जाता है, जो इसकी उत्कृष्टता का सूचक है। देश में मैंगजीन खनिज का निकाला जा सकने योग्य भंडार 16 करोड़ 70 लाख टन है, जिसमें 4 करोड़ टन प्रमाणित, 4 करोड़ 90 लाख टन अप्रमाणित और 7 करोड़ 80 लाख टन संभावित श्रेणी के है। [[मध्य प्रदेश]] और [[महाराष्ट्र]] देश के प्रमुख मैंगनीज उत्पादक राज्य हैं। यहां 15 किमी चौड़ी तथा लगभग 205 किमी लंबी पेटी में मैंगनीज का जमाव हैं, जो पश्चिम में महाराष्ट्र के [[नागपुर ज़िला|नागपुर]] एवं [[भंडारा ज़िला|भंडारा]] ज़िलों तक विस्तृत है। मध्य प्रदेश में मैंगनीज उत्खनन करने वाले प्रमुख ज़िले हैं - [[बालाघाट]] तथा छिन्दवाड़ा। इनके अतिरिक्त मांडला, [[बस्तर ज़िला|बस्तर]], [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]], [[जबलपुर ज़िला|जबलपुर]], [[धार ज़िला|धार]], [[झाबुआ]] आदि ज़िलों में भी मैंगनीज की प्राप्ति होती है। महाराष्ट्र के नागपुर तथा भण्डारा ज़िलों में 19 किमी लम्बी पेटी में मैगनीज उत्खनन किया जाता है।


देश में मैंगनीज खनिज के मुख्य भंडार [[कर्नाटक]] में से और उसके बाद [[उड़ीसा]], [[मध्य प्रदेश]], [[महाराष्ट्र]] और [[गोवा]] में हैं। [[गुजरात]]<ref>[[बड़ोदरा|बड़ोदरा]], [[पंचमहल ज़िला|पंचमहल]], [[साबरकांठा ज़िला|साबरकांठा]], [[बनासकांठा ज़िला|बनासकांठा ज़िले]]</ref>, गोवा<ref>परनेम तथा बारदेर क्षेत्र</ref>, [[आन्ध्र प्रदेश]]<ref>[[विशाखापट्नम ज़िला|विशाखापट्नम]], कुडप्पा तथा श्रीकाकुलम ज़िले</ref>, [[राजस्थान]]<ref>[[उदयपुर ज़िला|उदयपुर]], [[बांसवाड़ा ज़िला|बांसवाड़ा]], [[पाली ज़िला|पाली ज़िले]]</ref> [[कर्नाटक]] आदि राज्यों में भी मैंगनीज की प्राप्ति होती है। भारत में मैंगनीज उत्पादन में प्रथम उड़ीसा, द्वितीय स्थान मध्य प्रदेश तथा तृतीय महाराष्ट्र का है। 2006-07 के दौरान 1882 हज़ार टन मैंगनीज अयस्क का उत्पादन हुआ।
देश में मैंगनीज खनिज के मुख्य भंडार [[कर्नाटक]] में से और उसके बाद [[उड़ीसा]], [[मध्य प्रदेश]], [[महाराष्ट्र]] और [[गोवा]] में हैं। [[गुजरात]]<ref>[[बड़ोदरा|बड़ोदरा]], [[पंचमहल ज़िला|पंचमहल]], [[साबरकांठा ज़िला|साबरकांठा]], [[बनासकांठा ज़िला|बनासकांठा ज़िले]]</ref>, गोवा<ref>परनेम तथा बारदेर क्षेत्र</ref>, [[आन्ध्र प्रदेश]]<ref>[[विशाखापट्नम ज़िला|विशाखापट्नम]], कुडप्पा तथा श्रीकाकुलम ज़िले</ref>, [[राजस्थान]]<ref>[[उदयपुर ज़िला|उदयपुर]], [[बांसवाड़ा ज़िला|बांसवाड़ा]], [[पाली ज़िला|पाली ज़िले]]</ref> [[कर्नाटक]] आदि राज्यों में भी मैंगनीज की प्राप्ति होती है। भारत में मैंगनीज उत्पादन में प्रथम उड़ीसा, द्वितीय स्थान मध्य प्रदेश तथा तृतीय महाराष्ट्र का है। 2006-07 के दौरान 1882 हज़ार टन मैंगनीज अयस्क का उत्पादन हुआ।
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मैंगनीज (अंग्रेज़ी:Manganese) आवर्त सारणी का एक तत्त्व जो स्थान- उपवर्ग VII B, आवर्त- चतुर्थ, ब्लॉक- d में स्थित है। मैंगनीज का प्रतीकानुसार 'Mn', परमाणु संख्या- 25 तथा परमाणु भार- 54.93 है। मैंगनीज का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास- 1s2 2s2 2p6, 3s2 3p6, 14s2 3d5 है।

निष्कर्षण

मैंगनीज का निष्कर्षण मुख्यतः पाइरोलुसाइट नामक अयस्क से किया जाता है।

यौगिक

पोटैशियम परमैंगनेट

पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4) एक बैंगनी रंग का क्रिस्टलीय ठोस है। इसे लाल दवा के नाम से जाना जाता है। औद्योगिक पैमाने पर इसका उत्पादन मैंगनीज के अयस्क पाइरोलुसाइट से होता है। इसका रवा बैंगनी रंग का होता है। तथा उसमें धातुई चमक भी होती है। यह जल में साधारण विलेय है तथा गुलाबी रंग का विलयन बनाता है। इसे प्रबलता से गर्म करने पर पोटैशियम मैंगनेट एवं मैंगनीज डाइऑक्साइड बनता है। पोटैशियम परमैंगनेट का विस्तृत उपयोग आयतनीय विश्लेषण में ऑक्सीकारक के रूप में होता है। कार्बनिक यौगिकों में द्विबंधन की जाँच में भी इसका उपयोग होता है। ऊनी, रेशमी एवं सूती कपड़ों के विरंजन तथा तेलों को रंगहीन बनाने में भी इसका उपयोग होता है। यह जल को कीटाणुरहित करता है।

मैंगनीज डाइऑक्साइड

शुष्क सेलों में मैंगनीज डाइऑक्साइड (MnO2) विध्रुवक का कार्य करता है।

विशेष

जीवित मानव शरीर में मैंगनीज सबसे कम पाया जाने वाला तत्त्व है।

प्राप्ति स्थान

लौह इस्पात उद्योग में एक प्रमुख कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होने वाली धातु मैंगनीज प्रायः काले रंग की प्राकृतिक भस्मों के रूप में मारवाड़ युग की अवसादी चट्टानों में पायी जाती है। साइलोंमैलीन तथा ब्रोनाइट इसके प्रमुख अयस्क है। इसकी प्राप्ति पाइरोलूसाइट, हॉलैंडाइट, सीटैपराइट, हाउसमैनाइट, मैंगेनाइट, रोडोनाइट, रोडोक्रोसाइट एवं जैसोब्साइट जैसे अयस्कों से भी होती है। भारत में मिलने वले मैंगनीज अयस्क में धातु का अंश 52 प्रतिशत तक पाया जाता है, जो इसकी उत्कृष्टता का सूचक है। देश में मैंगजीन खनिज का निकाला जा सकने योग्य भंडार 16 करोड़ 70 लाख टन है, जिसमें 4 करोड़ टन प्रमाणित, 4 करोड़ 90 लाख टन अप्रमाणित और 7 करोड़ 80 लाख टन संभावित श्रेणी के है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र देश के प्रमुख मैंगनीज उत्पादक राज्य हैं। यहां 15 किमी चौड़ी तथा लगभग 205 किमी लंबी पेटी में मैंगनीज का जमाव हैं, जो पश्चिम में महाराष्ट्र के नागपुर एवं भंडारा ज़िलों तक विस्तृत है। मध्य प्रदेश में मैंगनीज उत्खनन करने वाले प्रमुख ज़िले हैं - बालाघाट तथा छिन्दवाड़ा। इनके अतिरिक्त मांडला, बस्तर, बिलासपुर, जबलपुर, धार, झाबुआ आदि ज़िलों में भी मैंगनीज की प्राप्ति होती है। महाराष्ट्र के नागपुर तथा भण्डारा ज़िलों में 19 किमी लम्बी पेटी में मैगनीज उत्खनन किया जाता है।

देश में मैंगनीज खनिज के मुख्य भंडार कर्नाटक में से और उसके बाद उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा में हैं। गुजरात[1], गोवा[2], आन्ध्र प्रदेश[3], राजस्थान[4] कर्नाटक आदि राज्यों में भी मैंगनीज की प्राप्ति होती है। भारत में मैंगनीज उत्पादन में प्रथम उड़ीसा, द्वितीय स्थान मध्य प्रदेश तथा तृतीय महाराष्ट्र का है। 2006-07 के दौरान 1882 हज़ार टन मैंगनीज अयस्क का उत्पादन हुआ।

भारत से ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमरीका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, चेक तथा स्लोवाक गणराज्यों, बेल्जियम आदि देशों को मैंगनीज का निर्यात किया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बड़ोदरा, पंचमहल, साबरकांठा, बनासकांठा ज़िले
  2. परनेम तथा बारदेर क्षेत्र
  3. विशाखापट्नम, कुडप्पा तथा श्रीकाकुलम ज़िले
  4. उदयपुर, बांसवाड़ा, पाली ज़िले

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