बिस्मथ: Difference between revisions
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Latest revision as of 06:52, 17 February 2021
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बिस्मथ आवर्त सारणी के पाँच वे मुख्य समूह का तत्व है। बिस्मथ का संकेत Bi, परमाणु संख्या 83, परमाणु भार 208.98, गलनांक 271.30 सें., क्वथनांक 1,420 सें. है। बिस्मथ का केवल एक स्थिर समस्थानिक प्राप्त है, जिसकी द्रव्यमान संख्या 209 है, यद्यपि यूरेनियम और थोरियम अयस्कों में इसके रेडियोऐक्टिव समस्थानिक मिलते हैं। इनके अतिरिक्त प्रयोगों द्वारा इनके कृत्रिम पाँच अल्पजीवी समस्थानिक भी बनाए गए हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 199, 200, 204, 206 और 213 हैं।
बिस्मथ तत्व की पहचान सोलहवीं शताब्दी में पैरासेल्सस तथा अग्रिकोला ने की थी। सन् 1739 में पोप नामक वैज्ञानिक ने इसके गुर्णों का अध्ययन किया। इसकी क्रियाओं का सम्यक् रूप से सर्वप्रथम अध्ययन 1780 ई. में बर्गमैन ने किया था। बिस्मथ का नाम जर्मन शब्द वाइज़मुथ पर आधारित है, जिसका अर्थ श्वेत पदार्थ है।
गुण
- बिस्मथ में धात्विक चमक होती है, जिस पर वायु में ऑक्साइड की हलकी परत जम जाती है।
- बिस्मथ वायु में गरम करने पर जलकर विस्मथ ऑक्साइड बना लेता है। यह हैलोजन तत्वों से क्रिया कर यौगिक बनाता है।
- क्षारीय धातुओं (जैसे सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्सियम आदि) से बिस्मथ यौगिक बनाता है।
- बिस्मथ अधिकतर त्रिसंयोजी यौगिक बनाता है। पंचसंयोजी यौगिकों में इसके ऑक्सीकारक गुण रहते हैं।
उपयोग
बिस्मथ का उपयोग मुख्यत: मिश्रधातु बनाने में होता है। इसकी अनेक मिश्रधातुओं का गलनांक नीचे ताप पर होता है और वे सरलता से ढाले जा सकते हैं। इसका उपयोग सुरक्षा डाट, गैस बेलन, सोल्डर, समपात अवगाह आदि बनाने में होता है। उच्च ताप मापने के थर्मोपाइल में बिस्मथ मिश्रधातु के कतिपय उपयोग हुए हैं।
इसके अतिरिक्त बिस्मथ यौगिक औषधि के रूप में प्रयुक्त होते हैं। बिस्मथ ट्राइऔक्साइड काच तथा चीनी मिट्टी के उद्योग में काम आता है। बिस्मथ को रेडियोऐक्टिव प्रयोगों में भी काम में लाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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