अंग्गी फेव: Difference between revisions
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'''अंग्गी फेव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Anggee Pheo | '''अंग्गी फेव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Anggee Pheo Festival'') [[मणिपुर]] की थंगल नागा जनजाति द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है। थंगल मणिपुर की एक नागा जनजाति है, जिसके सभी गाँव सेनापति जिले में स्थित हैं। सरकारी दस्तावेजों में इन्हें ‘कोईरव’ कहा गया है। इस समुदाय को ‘कोईरव’ नाम संभवतः दूसरे लोगों ने दिया है क्योंकि इस समुदाय के लोग खुद को ‘कोईरव’ नहीं कहते हैं। अंग्गी फेव इस जनजाति का प्रमुख त्योहार है जिसका आयोजन [[जनवरी]] माह में किया जाता है।<br /> | ||
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*अंग्गी फेव का शाब्दिक अर्थ ‘ढाल की सफाई’ है। इस त्योहार में सभी प्रकार के औजारों और उपकरणों- जैसे, कुदाल, दाव, [[कुल्हाड़ी]], फावड़ा आदि की साफ़ [[जल]] से सफाई की जाती है।<ref name="pp">{{cite web |url=http://www.apnimaati.com/2020/07/blog-post_32.html |title=मणिपुर के पर्व–त्योहार|accessmonthday=29 सितम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=apnimaati.com |language=हिंदी}}</ref> | *अंग्गी फेव का शाब्दिक अर्थ ‘ढाल की सफाई’ है। इस त्योहार में सभी प्रकार के औजारों और उपकरणों- जैसे, कुदाल, दाव, [[कुल्हाड़ी]], फावड़ा आदि की साफ़ [[जल]] से सफाई की जाती है।<ref name="pp">{{cite web |url=http://www.apnimaati.com/2020/07/blog-post_32.html |title=मणिपुर के पर्व–त्योहार|accessmonthday=29 सितम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=apnimaati.com |language=हिंदी}}</ref> |
Latest revision as of 12:31, 29 September 2021
अंग्गी फेव (अंग्रेज़ी: Anggee Pheo Festival) मणिपुर की थंगल नागा जनजाति द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है। थंगल मणिपुर की एक नागा जनजाति है, जिसके सभी गाँव सेनापति जिले में स्थित हैं। सरकारी दस्तावेजों में इन्हें ‘कोईरव’ कहा गया है। इस समुदाय को ‘कोईरव’ नाम संभवतः दूसरे लोगों ने दिया है क्योंकि इस समुदाय के लोग खुद को ‘कोईरव’ नहीं कहते हैं। अंग्गी फेव इस जनजाति का प्रमुख त्योहार है जिसका आयोजन जनवरी माह में किया जाता है।
- अंग्गी फेव का शाब्दिक अर्थ ‘ढाल की सफाई’ है। इस त्योहार में सभी प्रकार के औजारों और उपकरणों- जैसे, कुदाल, दाव, कुल्हाड़ी, फावड़ा आदि की साफ़ जल से सफाई की जाती है।[1]
- इस त्योहार का उद्देश्य मनुष्य के सभी पापों को पीछे छोड़ते हुए आगामी वर्ष की सुख-समृद्धि के लिए प्रयत्न करना है।
- यह त्योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है। त्योहार में पुरुष वर्ग मुख्य भूमिका निभाता है।
- अंग्गी फेव त्योहार के प्रथम दिन पुरुषों द्वारा औजारों और उपकरणों- जैसे, कुदाल, दाव, कुल्हाड़ी, फावड़ा आदि की सफाई की जाती है।
- दूसरे दिन पुरुषों के लिए महिलाएं चावल से बनी ताजा मदिरा लाती हैं। सबसे पहले ईश्वर के नाम पर थोड़ी मदिरा अर्पित की जाती है और “ओ सरई नंग तारी-सकरिला” का उच्चारण किया जाता है जिसका अर्थ है “हे ईश्वर! सबसे पहले आप मदिरापान और भोजन करें।” इसके बाद महिला-पुरुष सभी भोज में शामिल होते हैं और मदिरा का सेवन करते हैं। तीसरे दिन त्योहार मनाया जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मणिपुर के पर्व–त्योहार (हिंदी) apnimaati.com। अभिगमन तिथि: 29 सितम्बर, 2021।
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