त्रिपुरा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 76: Line 76:
#पिलक टुरिज्‍म फेस्टिवल।
#पिलक टुरिज्‍म फेस्टिवल।
#सांस्‍कृतिक/धार्मिक उत्‍सव
#सांस्‍कृतिक/धार्मिक उत्‍सव
==पर्यटन स्थल==
==पर्यटन==
[[त्रिपुरा]] हर दृष्टि से पर्यटन के लिए उपयुक्त राज्य है। यहां देखने तथा घूमने-फिरने के लिए कई स्थान एवं स्थल हैं। राज्य संस्कृति की दृष्टि से भी संपन्न है। यह राज्य पूर्वोत्तर राज्यों के मुकाबले पर्यटन की अधिक संभावनाओं से पूर्ण है। यहां पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा बांग्लादेश जाने वाले पर्यटक भी आकर्षित होते हैं। होटल उद्योग के विकास के साथ ही यहां पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।
 
पर्यटकों के आकर्षण के साथ ही राज्य में इसके विकास की भारी संभावनाएं हैं। 10,491.69 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के साथ यह देश के सबसे छोटे राज्यो मे से एक है। लेकिन अपने प्राचीन इतिहास, सौंदर्य, पर्वतीय इलाकों की सुंदरता, हरियाली, संस्कृति, रहन सहन एवं परिवेश तथा अच्छे मौसम की वजह से इसे पर्यटन में खासा लाभ हो सकता है। पर्यटकों की सुविधा के लिए राज्य को दो पर्यटक इकाईयों में बांटा गया है। पहला है पश्चिम-दक्षिण त्रिपुरा तथा दूसरा है पश्चिमोत्तर क्षेत्र, जो धलाई जिले तक है। पूरे राज्य में पर्यटन की अपार संभावना है, खासकर ईको-पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, हेरिटेज पर्यटन, पर्वतीय पर्यटन तथा ग्रामीण पर्यटन।
====पर्यटन स्थल====
[[चित्र:Panorama-Of-Ujjayanta-Palace-Agartala.jpg|thumb|450px|[[उज्जयंत महल]] का विहंगम दृश्य<br /> Panoramic View of Ujjayanta Palace]]
*[[अगरतला]]
*[[अगरतला]]
*कमल सागर
*कमल सागर
Line 83: Line 88:
*उदयपुर
*उदयपुर
*पिलक
*पिलक
[[चित्र:Panorama-Of-Ujjayanta-Palace-Agartala.jpg|thumb|450px|[[उज्जयंत महल]] का विहंगम दृश्य<br /> Panoramic View of Ujjayanta Palace]]
*महामुनि
*महामुनि
*वेस्‍ट - नॉर्थ त्रिपुरा  
*वेस्‍ट - नॉर्थ त्रिपुरा  

Revision as of 11:02, 6 June 2011

त्रिपुरा
राजधानी अगरतला
राजभाषा(एँ) बांग्ला भाषा, कक बराक भाषा
स्थापना 21 जनवरी, 1972
जनसंख्या 27,57,205[1]
· घनत्व 263[1] /वर्ग किमी
क्षेत्रफल 10,492 वर्ग किमी[1]
भौगोलिक निर्देशांक 23.84°N 91.28°E
· ग्रीष्म 36.2 °C
· शरद 7 °C
ज़िले 4[1]
लिंग अनुपात 1000:945[1] ♂/♀
साक्षरता 73.2%
राज्यपाल डी. वाई. पाटिल[1]
मुख्यमंत्री माणिक सरकार[1]
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट

त्रिपुरा का इतिहास बहुत पुराना और लंबा है। इसकी अपनी अनोखी जनजातीय संस्‍कृति और दिलचस्‍प लोकगाथाएं है। ऐसा माना जाता है कि राजा त्रिपुर, जो ययाति वंश का 39 वाँ राजा था, उनके नाम पर ही इस राज्य का नाम त्रिपुरा पड़ा । एक मत के अनुसार स्थानीय देवी त्रिपुर सुन्दरी के नाम पर इसका नाम त्रिपुरा पड़ा । यह हिन्दू धर्म की 51 शक्ति पीठों में से एक है । इस राज्य के इतिहास को ‘राजमाला’ गाथाओं और मुसलमान इतिहासकारों के वर्णनों से जाना जा सकता है। महाभारत और पुराणों में भी त्रिपुरा का उल्‍लेख मिलता है। [[चित्र:Agartala-Palace-Tripura.jpg|thumb|left|250px|अगरतला पैलेस, त्रिपुरा
Agartala Palace, Tripura]] 'राजमाला' के अनुसार त्रिपुरा के शासकों को ‘फा’ उपनाम से पुकारा जाता था जिसका अर्थ ‘पिता’ होता है। 14वीं शताब्‍दी में बंगाल के शासकों द्वारा त्रिपुरा नरेश की मदद किए जाने का भी उल्‍लेख मिलता है। त्रिपुरा की स्थापना 14वीं शताब्दी में 'माणिक्य' नामक इंडो-मंगोलियन आदिवासी मुखिया ने की थी, जिसने हिन्दू धर्म अपनाया था। त्रिपुरा के शासकों को मुग़लों के बार-बार आक्रमण का भी सामना करना पडा जिसमें आक्रमणकारियों को कम ही सफलता मिलती थी। कई लड़ाइयों में त्रिपुरा के शासकों ने बंगाल के सुल्‍तानों को हराया। 19वीं शताब्‍दी में 'महाराजा वीरचंद्र किशोर माणिक्‍य बहादुर' के शासनकाल में त्रिपुरा में नए युग का सूत्रपात हुआ। उन्‍होंने अपने प्रशासनिक ढांचे को ब्रिटिश भारत के नमूने पर बनाया और कई सुधार लागू किए। उनके उत्तराधिकारों ने 15 अक्‍तूबर, 1949 तक त्रिपुरा पर शासन किया। इसके बाद त्रिपुरा भारत संघ में शामिल हो गया। प्रारम्भ में यह भाग - सी के अंतर्गत आने वाला राज्‍य था और 1956 में राज्‍यों के पुनर्गठन के बाद यह केंद्रशासित प्रदेश बना। 1972 में इसने पूर्ण राज्‍य का दर्जा प्राप्‍त किया। त्रिपुरा बांग्लादेश तथा म्यांमार की नदी घाटियों के बीच स्थित है। इसके तीन तरफ बांग्‍लादेश है और केवल उत्तर-पूर्व में यह असम और मिज़ोरम से जुड़ा हुआ है। अगरतला त्रिपुरा प्रान्त की राजधानी है। त्रिपुरा देश का दूसरा सबसे छोटा राज्य है।

भाषा

बंगाली और त्रिपुरी भाषा (कोक बोरोक) यहाँ मुख्य रूप से बोली जाती हैं।

सिंचाई

त्रिपुरा राज्‍य मुख्‍यत: पहाड़ी इलाका है। त्रिपुरा राज्य में त्रिपुरा पहाड़ियाँ भी स्थित है। इसका भौगोलिक क्षेत्र 10,49,169 हेक्‍टेयर है। अनुमान है कि 2,80,000 हेक्‍टेयर भूमि कृषि योग्‍य है। 31 मार्च, 2008 तक 93,359 हेक्‍टेयर भूमि क्षेत्र में लिफ्ट सिंचाई, गहरे नलकूप, दिशा परिवर्तन, मध्‍यम सिंचाई व्‍यवस्‍था, शैलो ट्यूबवैल आदि के जरिए सुनिश्चित सिंचाई के प्रबंधन किए गए हैं। यह राज्‍य की सिंचाई योग्‍य भूमि का 79.97 प्रतिशत और कृषि योग्‍य भूमि का लगभग 33.34 प्रतिशत है। लोक निर्माण विभाग (जल संसाधन) द्वारा 1411 डाइवर्ज़न स्‍कीम, 166 गहरे नलकूप स्‍कीमें पूरी की जा चुकी हैं। 3 मध्‍यम सिंचाई योजनाओं (गुमती, खोवई और मनु) के जरिए कमान एरिया के कुछ भाग को सिंचाई का पानी उपलब्‍ध कराया जा रहा है। नहर प्रणाली का कार्य 2009-10 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।

बिजली

इस समय राज्‍य की बिजली की मांग लगभग 162 मेगावॉट है। राज्‍य में अपनी परियोजनाओं से लगभग 80 मेगावॉट बिजली पैदा की जा रही है। लगभग 40 मेगावॉट बिजली पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में स्थित केंद्रीय क्षेत्र के विद्युत उत्‍पादन केंद्रों से राज्‍य के लिए आबंटित हिस्‍से से प्राप्‍त की जाती है। यह आकलन किया गया है कि वर्ष 2012 के दौरान सर्वोच्‍च मांग लगभग 396 मेगावॉट को भी पूरा कर दिया जाएगा जो 'राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना' तथा 'राज्‍य के औद्योगिकीकरण' के परिणामस्‍वरूप उत्‍पन्‍न होगी।

त्रिपुरा की नई विद्युत परियोजनाएं

  1. बारामुरा 1 x 21 मेगावॉट जीटी परियोजना, एन.ई.सी. के अंतर्गत पश्चिम त्रिपुरा एन.ई.सी., कार्यकारी एजेंसी: टी.एस.ई.सी.एल.।
  2. पालटाना, उदयपुर, ओ.टी.पी.सी. विद्युत परियोजना (740 मेगावॉट), दक्षिण त्रिपुरा। त्रिपुरा का हिस्सा 200 मेगावॉट है। 2011-12 में शुरू होने की संभावना है। #मोनारचक जी.टी. परियोजना (104 मेगावॉट) : कार्यकारी एजेंसी : नीपको, 2010- में शुरू हो जाने की संभावना है।

परिवहन

सडकें- त्रिपुरा में विभिन्‍न प्रकार की सड़कों की कुल लंबाई 1,997 कि.मी. है, जिसमें से मुख्‍य ज़िला सड़कें 90 कि.मी., अन्‍य ज़िला सड़कें 1,218 कि.मी. और प्रांतीय राजमार्ग 689 कि.मी हैं।

रेलवे- अगरतला-सबरूम संपर्क रेल लाइन विस्‍तार के कार्य को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अगरतला और सबरूम के बीच एक नई बड़ी लाइन के लिए इंजीनियरिंग और यातायात के सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी गई है।

उड्डयन- मुख्‍य हवाई अड्डा अगरतला में है।

  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि वह इंडियन एयरलाइंस और इस क्षेत्र में काम कर रही अन्‍य निजी उड्डयन कंपनियों से कहें कि वे अगरतला और सिलचर के बीच बारास्‍ता कैलाशहर व कमालपुर उडान सेवा शुरू करें। मंत्रालय ने राज्‍य सरकार से कहा है कि वह पूर्वोत्तर परिषद के साथ एक आशय-पत्र हस्‍ताक्षर कर ले और कैलाशहर व कमालपुर हवाई अड्डों के विकास पर आने वाले व्‍यय को वहन करें। राज्‍य सरकार ने इस प्रस्‍ताव पर सहमत होने में अपनी असमर्थता जताई हैं।

त्‍योहार

[[चित्र:Lake-Agartala-Tripura.jpg|thumb|250px|अगरतला में एक झील, त्रिपुरा
A lake in Agartala, Tripura]] निम्नलिखित त्योहार मनाये जाते है-

  • तीर्थमुख और उनाकोटी में मकर संक्रांति
  • होली
  • उनोकोटी, ब्रहाकुंड (मोहनपुर) में अशोकाष्‍टमी
  • राश
  • बंगाली नववर्ष
  • गारिया, धामेल, बिजू और होजगिरि उत्‍सव
  • नौका दौड़ और मनसा मंगल उत्‍सव
  • केर और खाची उत्‍सव
  • दुर्गापूजा
  • दीवाली

thumb|250px|महिला, त्रिपुरा
Woman, Tripura

  • जंपुई पहाडियों में क्रिसमस
  • बुद्ध पूर्णिमा
  • रॉबिंदर-नजरूल-सुकांता उत्‍सव
  • गली नाट्य उत्‍सव
  • चोंगप्रेम उत्‍सव
  • खंपुई उत्‍सव
  • वाह उत्‍सव
  • सांस्‍कृतिक उत्‍सव (लोक उत्‍सव)
  • मुरासिंग उत्‍सव
  • संघाटी उत्‍सव
  • बैसाखी उत्‍सव (सबरूम) आदि हर वर्ष मनाए जाते हैं।

[[चित्र:View-Of-Agartala.jpg|thumb|250px|अगरतला का एक दृश्य, त्रिपुरा
A View Of Agartala, Tripura]]

पर्यटन समारोह

  1. आरेंज एंड टूरिज्‍म फेस्टिवल वांगमुन
  2. उनोकेटि टूरिज्‍म फेस्टिवल
  3. नीरमहल टूरिज्‍म फेस्टिवल
  4. पिलक टुरिज्‍म फेस्टिवल।
  5. सांस्‍कृतिक/धार्मिक उत्‍सव

पर्यटन

त्रिपुरा हर दृष्टि से पर्यटन के लिए उपयुक्त राज्य है। यहां देखने तथा घूमने-फिरने के लिए कई स्थान एवं स्थल हैं। राज्य संस्कृति की दृष्टि से भी संपन्न है। यह राज्य पूर्वोत्तर राज्यों के मुकाबले पर्यटन की अधिक संभावनाओं से पूर्ण है। यहां पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा बांग्लादेश जाने वाले पर्यटक भी आकर्षित होते हैं। होटल उद्योग के विकास के साथ ही यहां पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।

पर्यटकों के आकर्षण के साथ ही राज्य में इसके विकास की भारी संभावनाएं हैं। 10,491.69 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के साथ यह देश के सबसे छोटे राज्यो मे से एक है। लेकिन अपने प्राचीन इतिहास, सौंदर्य, पर्वतीय इलाकों की सुंदरता, हरियाली, संस्कृति, रहन सहन एवं परिवेश तथा अच्छे मौसम की वजह से इसे पर्यटन में खासा लाभ हो सकता है। पर्यटकों की सुविधा के लिए राज्य को दो पर्यटक इकाईयों में बांटा गया है। पहला है पश्चिम-दक्षिण त्रिपुरा तथा दूसरा है पश्चिमोत्तर क्षेत्र, जो धलाई जिले तक है। पूरे राज्य में पर्यटन की अपार संभावना है, खासकर ईको-पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, हेरिटेज पर्यटन, पर्वतीय पर्यटन तथा ग्रामीण पर्यटन।

पर्यटन स्थल

[[चित्र:Panorama-Of-Ujjayanta-Palace-Agartala.jpg|thumb|450px|उज्जयंत महल का विहंगम दृश्य
Panoramic View of Ujjayanta Palace]]

  • अगरतला
  • कमल सागर
  • सेफाजाला
  • नीरमहल
  • उदयपुर
  • पिलक
  • महामुनि
  • वेस्‍ट - नॉर्थ त्रिपुरा
  • दुम्बूर झील
  • उनोकोटि
  • जामपुई हिल


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 1.6 Tripura at a Glance - Statistics (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) त्रिपुरा की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 2 जून, 2011।

संबंधित लेख