आगरा: Difference between revisions

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'''आगरा''' [[उत्तर प्रदेश]] प्रान्त का एक ज़िला शहर व तहसील है। आगरा 27.18° उत्तर 78.02° पूर्व में [[यमुना नदी|यमुना]] नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब 171 मीटर (561 फ़ीट) है। यह उत्तर में [[मथुरा]], दक्षिण में [[धौलपुर]], पूर्व में [[फ़िरोज़ाबाद]], शिकोहाबाद, दक्षिण पूर्व में फ़तेहाबाद और पश्चिम में [[भरतपुर]] से घिरा हुआ है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। [[ताजमहल]] आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है। आगरा एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।  
'''आगरा''' [[उत्तर प्रदेश]] प्रान्त का प्रसिद्ध शहर, ज़िला व तहसील है। यह 27.18° उत्तर 78.02° पूर्व में [[यमुना नदी]] के तट पर स्थित है। [[भारतीय इतिहास]] में यह नगर अपना विशिष्ट स्थान रखता था। ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी आगरा बहुत प्रसिद्ध है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब 171 मीटर (561 फ़ीट) है। यह उत्तर में [[मथुरा]], दक्षिण में [[धौलपुर]], पूर्व में [[फ़िरोज़ाबाद]], शिकोहाबाद, दक्षिण पूर्व में फ़तेहाबाद और पश्चिम में [[भरतपुर]] से घिरा हुआ है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। [[ताजमहल]] आगरा की विशेष पहचान है, जो यमुना नदी के किनारे स्थित है। उत्तर प्रदेश सहित आगरा सम्पूर्ण भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।  
==स्थापना==
==स्थापना==
16वीं सदी के आरंभ में इसकी स्थापना [[सिकन्दर लोदी]] ने की थी। [[मुग़ल]] शासकों, [[अकबर]], [[जहाँगीर]] और [[शाहजहाँ]] के शासनकाल में आगरा राजधानी थीं।
[[मुग़ल काल]] के इस प्रसिद्ध नगर की नींव [[दिल्ली]] के सुल्तान [[सिकंदरशाह लोदी]] ने 1504 ई. में डाली थी। उसने अपने शासन काल में होने वाले विद्रोहों को भली भांति दबाने के लिए वर्तमान आगरा के स्थान पर एक सैनिक छावनी बनाई थी, जिसके द्वारा उसे [[इटावा]], [[बयाना]], [[कोल]], [[ग्वालियर]] और [[धौलपुर]] के विद्रोहियों को दबाने में सहायता मिली। 'मखजन-ए-अफ़ग़ान' के लेखक के अनुसार सुल्तान सिकंदरशाह ने कुछ चतुर आयुक्तों को दिल्ली, इटावा और चांदवर के आस-पास के इलाके में किसी उपयुक्त स्थान पर सैनिक छावनी बनाने का काम सौंपा था और उन्होंने काफी छानबीन के पश्चात् इस स्थान (आगरा) को चुना था। अब तक आगरा या 'अग्रवन' केवल एक छोटा-सा गाँव था, जिसे '[[ब्रजमंडल]]' के चौरासी वनों में अग्रणी माना जाता था। शीघ्र ही इसके स्थान पर एक भव्य नगर खड़ा हो गया। कुछ दिन बाद सिंकदरशाह भी यहाँ आकर रहने लगा। 'तारीख़दाऊदी' के लेखक के अनुसार सिकंदरशाह प्राय: आगरा में ही रहा करता था।
==इतिहास==
[[मध्य काल]] में आगरा गुजरात तट के बंदरगाहों और पश्चिमी गंगा के मैदानों के बीच के व्यापार मार्ग पर एक महत्त्वपूर्ण शहर था। [[मुग़ल साम्राज्य]] के पतन के साथ 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध में यह शहर क्रमशः [[जाट|जाटों]], [[मराठा|मराठों]], [[मुग़ल|मुग़लों]] और [[ग्वालियर]] के शासक के अधीन रहा और अंततः 1803 में ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया। 1833 से 1868 तक यह आगरा प्रांत (बाद में पश्चिमोत्तर प्रांत) की राजधानी रहा।


[[मध्य काल]] में आगरा [[गुजरात]] तट के बंदरगाहों और पश्चिमी [[गंगा]] के मैदानों के बीच के व्यापार मार्ग पर एक महत्त्वपूर्ण शहर हुआ करता था। [[मुग़ल साम्राज्य]] के पतन के साथ 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध में यह शहर क्रमशः [[जाट|जाटों]], [[मराठा|मराठों]], [[मुग़ल|मुग़लों]] और ग्वालियर के शासक के अधीन रहा और अंततः 1803 में [[ब्रिटिश शासन]] के अंतर्गत आ गया। 1833 से [[1868]] तक यह आगरा प्रांत (बाद में पश्चिमोत्तर प्रांत) की राजधानी रहा।
====अग्रबाण या अग्रवन====
====अग्रबाण या अग्रवन====
आगरा एक ऐतिहासिक नगर है, जिसका प्रमाण यह अपने चारों ओर समेटे हुए है। इतिहास में पहला ज़िक्र आगरा का [[महाभारत]] के समय से माना जाता है, जब इसे अग्रबाण या [[अग्रवन]] के नाम से संबोधित किया जाता था। कहते हैं कि पहले यह नगर आर्य ग्रह के नाम से भी जाना जाता था। [[टॉल्मी|तौलमी]]<ref>Ptolmi 2nd century A.D.</ref> पहला ज्ञात व्यक्ति था जिसने इसे आगरा नाम से संबोधित किया।
आगरा एक ऐतिहासिक नगर है, जिसका प्रमाण यह अपने चारों ओर समेटे हुए है। [[इतिहास]] में आगरा का प्रथम उल्लेख [[महाभारत]] के समय से माना जाता है, जब इसे 'अग्रबाण' या '[[अग्रवन]]' के नाम से संबोधित किया जाता था। कहा जाता है कि पहले यह नगर 'आर्य गृह' के नाम से भी जाना जाता था। [[टॉल्मी|तौलमी]]<ref>Ptolmi 2nd century A.D.</ref> पहला ज्ञात व्यक्ति था, जिसने इसे 'आगरा' नाम से संबोधित किया।
[[चित्र:Red-Fort-Agra.jpg|thumb|250px|left|[[आगरा का क़िला|लाल क़िला]], आगरा]]
[[चित्र:Red-Fort-Agra.jpg|thumb|250px|left|[[आगरा का क़िला|लाल क़िला]], आगरा]]
====ऐतिहासिक तथ्य====
[[मुग़ल काल]] के इस प्रसिद्ध नगर की नींव [[दिल्ली]] के सुल्तान [[सिकंदर लोदी|सिकंदरशाह लोदी]] ने 1504 ई. में डाली थी। इसने अपने शासनकाल में होने वाले विद्रोहों को भली भांति दबाने के लिए वर्तमान आगरा के स्थान पर एक सैनिक छावनी बनाई थी जिसके द्वारा उसे [[इटावा]], [[बयाना]], कोल, [[ग्वालियर]] और [[धौलपुर]] के विद्रोहियों को दबाने में सहायता मिली। मख़जन-ए-अफ़ग़ान के लेखक के अनुसार सुलतान सिकंदर ने कुछ चतुर आयुक्तों को दिल्ली, इटावा और चांदवर के आस-पास के इलाके में किसी उपयुक्त स्थान पर सैनिक छावनी बनाने का काम सौंपा था और उन्होंने काफ़ी छानबीन के पश्चात इस स्थान (आगरा) को चुना था। अब तक आगरा या अग्रवन केवल एक छोटा-सा गांव था जिसे [[ब्रजमंडल]] के [[ब्रज चौरासी कोस की यात्रा|चौरासी वनों]] में अग्रणी माना जाता था। शीघ्र ही इसके स्थान पर एक भव्य नगर खड़ा हो गया। कुछ दिन बाद सिकंदर भी यहाँ आकर रहने लगा। तारीख-दाऊदी के लेखक के अनुसार सिकंदर प्राय: आगरा में ही रहा करता था।
==अकबर और आगरा==
==अकबर और आगरा==
[[File:Buland-Darwaja-Fatehpur-Sikri-Agra.jpg|thumb|250px|बुलंद दरवाज़ा, [[फ़तेहपुर सीकरी]], आगरा]]   
[[File:Buland-Darwaja-Fatehpur-Sikri-Agra.jpg|thumb|250px|बुलंद दरवाज़ा, [[फ़तेहपुर सीकरी]], आगरा]]   
1505 ई. में [[रविवार]], [[7 जुलाई|जुलाई 7]] को आगरा में एक विकट भूकंप आया जिसने एक वर्ष पहले ही बसे हुए नगर के अनेक सुंदर भवनों को धराशायी कर दिया। मख़जन के लेखक के अनुसार भूंकप इतना भयानक था कि उसके धक्के से इमारतों का तो कहना ही क्या, पहाड़ तक गिर गए थे और प्रलय का सा दृश्य दिखाई देने लगा था। इसके पश्चात आगरा की उन्नति [[अकबर]] के समय में प्रारंभ हुई। 1565 ई. में उसने यहाँ लाल पत्थर का क़िला बनवाना शुरू किया जो आठ वर्षों में तैयार हुआ। अब तक इसके स्थान पर ईटों का बना हुआ एक छोटा-सा क़िला था जो खंडहर हो चला था। अकबर के क़िले को बनाने वाला तीन हज़ारी [[मनसबदार]] कासिम ख़ाँ था और इसके निर्माण का व्यय 35 लाख रुपया था। क़िले की नींव भूमिगत पानी तक गहरी है। इसके पत्थरों को मसाले के साथ-साथ लोहे के छल्लों से भी जोड़ कर सुदृढ़ बनाया गया है। अकबर ने अपने शासन के प्रारंभ में ही [[फ़तेहपुर सीकरी]] को अपनी राजधानी बनाया था किंतु 1586 ई. में अकबर पुन: अपनी राजधानी आगरा ले आया था। [[जहाँगीर]] के राज्यकाल में और [[शाहजहाँ]] के शासन के प्रारंभिक वर्षों में आगरा में ही राजधानी रही। इस जमाने में यहाँ क़िले की अंदर की सुंदर इमारतें-मोती मस्जिद और [[एतमादुद्दौला का मक़बरा]] (जिसका निर्माण [[नूरजहाँ]] ने करवाया था) बना। शाहजहाँ ने आगरा को छोड़कर दिल्ली में अपनी राजधानी बनाई। इसी समय आगरा में विश्वविश्रुत [[ताजमहल]] का निर्माण हुआ।
1505 ई. में [[रविवार]], [[7 जुलाई|जुलाई 7]] को आगरा में एक विकट भूकंप आया, जिसने एक वर्ष पहले ही बसे हुए नगर के अनेक सुंदर भवनों को धराशायी कर दिया। 'मख़जन' के लेखक के अनुसार भूंकप इतना भयानक था कि उसके धक्के से इमारतों का तो कहना ही क्या, पहाड़ तक गिर गए थे और प्रलय का सा दृश्य दिखाई देने लगा था। इसके पश्चात आगरा की उन्नति [[मुग़ल]] बादशाह [[अकबर]] के समय में प्रारंभ हुई। 1565 ई. में उसने यहाँ लाल पत्थर का क़िला बनवाना शुरू किया, जो आठ वर्षों में तैयार हुआ। अब तक इसके स्थान पर ईटों का बना हुआ एक छोटा-सा क़िला था, जो [[खंडहर]] हो चला था। अकबर के क़िले को बनाने वाला तीन हज़ारी [[मनसबदार]] कासिम ख़ाँ था और इसके निर्माण का व्यय 35 लाख रुपया था। क़िले की नींव भूमिगत पानी तक गहरी है। इसके पत्थरों को मसाले के साथ-साथ लोहे के छल्लों से भी जोड़ कर सुदृढ़ बनाया गया है। अकबर ने अपने शासन के प्रारंभ में ही [[फ़तेहपुर सीकरी]] को अपनी राजधानी बनाया था, किंतु 1586 ई. में अकबर पुन: अपनी राजधानी आगरा ले आया था। [[जहाँगीर]] के राज्यकाल में और [[शाहजहाँ]] के शासन के प्रारंभिक वर्षों में आगरा में ही राजधानी रही। इस जमाने में यहाँ क़िले की अंदर की सुंदर इमारतें-मोती मस्जिद और [[एतमादुद्दौला का मक़बरा]] (जिसका निर्माण [[नूरजहाँ]] ने करवाया था) बना। शाहजहाँ ने आगरा को छोड़कर दिल्ली में अपनी राजधानी बनाई। इसी समय आगरा में विश्वविश्रुत [[ताजमहल]] का निर्माण हुआ।
==परिवहन==
====परिवहन====
आगरा एक प्रमुख सड़क एव रेल जंक्शन है।
आगरा एक प्रमुख सड़क एव रेल जंक्शन है। यह आस-पास के अन्य ज़िलों व राज्यों से सड़्क, रेल और हवाई मार्ग द्वारा प्रमुख रूप से जुड़ा हुआ है।
==व्यवसाय और उद्योग==
====व्यवसाय और उद्योग====
चमड़े की वस्तुओं, तराशे गए पत्थरों और काँच के काम का वाणिज्यिक एवं औद्योगिक केन्द्र है।
चमड़े की वस्तुओं, तराशे गए पत्थरों और काँच के काम का वाणिज्यिक एवं औद्योगिक केन्द्र है।
==शिक्षा==
==शिक्षा==
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==आगरा की वास्तुशैली==
==आगरा की वास्तुशैली==
आगरा '[[ताजमहल]] (17वीं सदी) का शहर' के रूप में अधिक विख्यात है। यहाँ के अन्य स्मारकों में 16वीं सदी का अकबर द्वारा निर्मित क़िला है, जिसमें 17वीं सदी की सफ़ेद संगमरमर की मोती मस्जिद और जहाँगीरी महल है। आगरा में अपनी वास्तुशैली के लिए विख्यात मक़बरा और विशाल [[जामा मस्जिद आगरा|जामा मस्जिद]] भी है। इसके पश्चिमोत्तर में [[सिकंदरा आगरा|सिकंदरा]] में अकबर का मक़बरा है।
आगरा '[[ताजमहल]] (17वीं सदी) का शहर' के रूप में अधिक विख्यात है। यहाँ के अन्य स्मारकों में 16वीं सदी का अकबर द्वारा निर्मित क़िला है, जिसमें 17वीं सदी की सफ़ेद संगमरमर की मोती मस्जिद और जहाँगीरी महल है। आगरा में अपनी वास्तुशैली के लिए विख्यात मक़बरा और विशाल [[जामा मस्जिद आगरा|जामा मस्जिद]] भी है। इसके पश्चिमोत्तर में [[सिकंदरा आगरा|सिकंदरा]] में अकबर का मक़बरा है।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

Revision as of 11:30, 19 November 2012

[[चित्र:Tajmahal-24.jpg|thumb|300px|ताजमहल, आगरा]] आगरा उत्तर प्रदेश प्रान्त का प्रसिद्ध शहर, ज़िला व तहसील है। यह 27.18° उत्तर 78.02° पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। भारतीय इतिहास में यह नगर अपना विशिष्ट स्थान रखता था। ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी आगरा बहुत प्रसिद्ध है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब 171 मीटर (561 फ़ीट) है। यह उत्तर में मथुरा, दक्षिण में धौलपुर, पूर्व में फ़िरोज़ाबाद, शिकोहाबाद, दक्षिण पूर्व में फ़तेहाबाद और पश्चिम में भरतपुर से घिरा हुआ है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। ताजमहल आगरा की विशेष पहचान है, जो यमुना नदी के किनारे स्थित है। उत्तर प्रदेश सहित आगरा सम्पूर्ण भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।

स्थापना

मुग़ल काल के इस प्रसिद्ध नगर की नींव दिल्ली के सुल्तान सिकंदरशाह लोदी ने 1504 ई. में डाली थी। उसने अपने शासन काल में होने वाले विद्रोहों को भली भांति दबाने के लिए वर्तमान आगरा के स्थान पर एक सैनिक छावनी बनाई थी, जिसके द्वारा उसे इटावा, बयाना, कोल, ग्वालियर और धौलपुर के विद्रोहियों को दबाने में सहायता मिली। 'मखजन-ए-अफ़ग़ान' के लेखक के अनुसार सुल्तान सिकंदरशाह ने कुछ चतुर आयुक्तों को दिल्ली, इटावा और चांदवर के आस-पास के इलाके में किसी उपयुक्त स्थान पर सैनिक छावनी बनाने का काम सौंपा था और उन्होंने काफी छानबीन के पश्चात् इस स्थान (आगरा) को चुना था। अब तक आगरा या 'अग्रवन' केवल एक छोटा-सा गाँव था, जिसे 'ब्रजमंडल' के चौरासी वनों में अग्रणी माना जाता था। शीघ्र ही इसके स्थान पर एक भव्य नगर खड़ा हो गया। कुछ दिन बाद सिंकदरशाह भी यहाँ आकर रहने लगा। 'तारीख़दाऊदी' के लेखक के अनुसार सिकंदरशाह प्राय: आगरा में ही रहा करता था।

मध्य काल में आगरा गुजरात तट के बंदरगाहों और पश्चिमी गंगा के मैदानों के बीच के व्यापार मार्ग पर एक महत्त्वपूर्ण शहर हुआ करता था। मुग़ल साम्राज्य के पतन के साथ 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध में यह शहर क्रमशः जाटों, मराठों, मुग़लों और ग्वालियर के शासक के अधीन रहा और अंततः 1803 में ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया। 1833 से 1868 तक यह आगरा प्रांत (बाद में पश्चिमोत्तर प्रांत) की राजधानी रहा।

अग्रबाण या अग्रवन

आगरा एक ऐतिहासिक नगर है, जिसका प्रमाण यह अपने चारों ओर समेटे हुए है। इतिहास में आगरा का प्रथम उल्लेख महाभारत के समय से माना जाता है, जब इसे 'अग्रबाण' या 'अग्रवन' के नाम से संबोधित किया जाता था। कहा जाता है कि पहले यह नगर 'आर्य गृह' के नाम से भी जाना जाता था। तौलमी[1] पहला ज्ञात व्यक्ति था, जिसने इसे 'आगरा' नाम से संबोधित किया। [[चित्र:Red-Fort-Agra.jpg|thumb|250px|left|लाल क़िला, आगरा]]

अकबर और आगरा

बुलंद दरवाज़ा, फ़तेहपुर सीकरी, आगरा

1505 ई. में रविवार, जुलाई 7 को आगरा में एक विकट भूकंप आया, जिसने एक वर्ष पहले ही बसे हुए नगर के अनेक सुंदर भवनों को धराशायी कर दिया। 'मख़जन' के लेखक के अनुसार भूंकप इतना भयानक था कि उसके धक्के से इमारतों का तो कहना ही क्या, पहाड़ तक गिर गए थे और प्रलय का सा दृश्य दिखाई देने लगा था। इसके पश्चात आगरा की उन्नति मुग़ल बादशाह अकबर के समय में प्रारंभ हुई। 1565 ई. में उसने यहाँ लाल पत्थर का क़िला बनवाना शुरू किया, जो आठ वर्षों में तैयार हुआ। अब तक इसके स्थान पर ईटों का बना हुआ एक छोटा-सा क़िला था, जो खंडहर हो चला था। अकबर के क़िले को बनाने वाला तीन हज़ारी मनसबदार कासिम ख़ाँ था और इसके निर्माण का व्यय 35 लाख रुपया था। क़िले की नींव भूमिगत पानी तक गहरी है। इसके पत्थरों को मसाले के साथ-साथ लोहे के छल्लों से भी जोड़ कर सुदृढ़ बनाया गया है। अकबर ने अपने शासन के प्रारंभ में ही फ़तेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी बनाया था, किंतु 1586 ई. में अकबर पुन: अपनी राजधानी आगरा ले आया था। जहाँगीर के राज्यकाल में और शाहजहाँ के शासन के प्रारंभिक वर्षों में आगरा में ही राजधानी रही। इस जमाने में यहाँ क़िले की अंदर की सुंदर इमारतें-मोती मस्जिद और एतमादुद्दौला का मक़बरा (जिसका निर्माण नूरजहाँ ने करवाया था) बना। शाहजहाँ ने आगरा को छोड़कर दिल्ली में अपनी राजधानी बनाई। इसी समय आगरा में विश्वविश्रुत ताजमहल का निर्माण हुआ।

परिवहन

आगरा एक प्रमुख सड़क एव रेल जंक्शन है। यह आस-पास के अन्य ज़िलों व राज्यों से सड़्क, रेल और हवाई मार्ग द्वारा प्रमुख रूप से जुड़ा हुआ है।

व्यवसाय और उद्योग

चमड़े की वस्तुओं, तराशे गए पत्थरों और काँच के काम का वाणिज्यिक एवं औद्योगिक केन्द्र है।

शिक्षा

आगरा विश्वविद्यालय (1927) और इससे संबद्ध कई महाविद्यालय शहर में स्थित है। शासकीय मनोरोग अस्पताल और राधास्वामी सत्संग की एक बस्ती दयालबाग़ आगरा के उपनगरों में स्थित हैं।

कृषि

इस क्षेत्र को यमुना नदी और आगरा नहर से जलापूर्ती होती है। यहाँ पर उगाई जाने वाली फ़सलों में गेहूँ, चावल, आलू और सूरजमुखी शामिल हैं।

आगरा में वास्तुकला

[[चित्र:Sikandra-Agra-14.jpg|thumb|250px|सिकंदरा, आगरा]]

  • आगरा में मुग़लकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला के पूर्व और उत्तरकालीन दोनों रूपों के उदाहरण मिलते हैं।
  • अकबर के समय तक जो इमारतें मुग़लों ने बनवाईं वे विशाल, भव्य और विस्तीर्ण हैं, जैसे फ़तेहपुर सीकरी के भवन या दिल्ली में हुमायूँ का मक़बरा
  • नूरजहाँ के बनवाए हुए एत्मादुद्दौला के मक़बरे में पहली बार पत्थर पर बारीक नक़्क़ाशी और पच्चीकारी का काम किया गया।
  • उस कला का जन्म हुआ जो विकसित होते हुए ताजमहल के अभूतपूर्व वास्तुशिल्प में प्रस्फुटित हुई।
  • ताजमहल में भव्य तथा सूक्ष्म दोनों कला पक्षों का अद्भुत मेल है जो उसे संसार की सर्वश्रेष्ठ इमारतों में प्रमुख स्थान दिलाता है।
  • शाहजहाँ के दिल्ली चले जाने के पश्चात आगरा फिर कभी मुग़लों की राजधानी न बन सका यद्यपि यह नगर मुग़ल काल का एक प्रमुख नगर तो अंत तक बना ही रहा।
  • वर्तमान में जहाँ सिकंदरा है, वहाँ सिकंदर की सेना का पड़ाव था। उसी के नाम पर इस जगह का नाम 'सिकंदरा' पड़ा। सिकंदर से आक्रमण से पहले आगरा एक छोटा सा नगर था।
  • आगरा शहर में 37 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में फ़तेहपुर सीकरी का निर्जन मुग़लकालीन शहर स्थित है।

आगरा की वास्तुशैली

आगरा 'ताजमहल (17वीं सदी) का शहर' के रूप में अधिक विख्यात है। यहाँ के अन्य स्मारकों में 16वीं सदी का अकबर द्वारा निर्मित क़िला है, जिसमें 17वीं सदी की सफ़ेद संगमरमर की मोती मस्जिद और जहाँगीरी महल है। आगरा में अपनी वास्तुशैली के लिए विख्यात मक़बरा और विशाल जामा मस्जिद भी है। इसके पश्चिमोत्तर में सिकंदरा में अकबर का मक़बरा है।


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. Ptolmi 2nd century A.D.

वीथिका

ताजमहल का विहंगम दृश्य

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