पहेली जून 2017: Difference between revisions
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||[[चित्र:Drainage-Channels-Lothal.jpg|border|right|100px|जल निकासी, लोथल]]'लोथल' [[गुजरात]] के [[अहमदाबाद ज़िला|अहमदाबाद ज़िले]] में 'भोगावा नदी' के किनारे 'सरगवाला' नामक ग्राम के समीप स्थित है। यहाँ खुदाई [[1954]]-[[1955]] में रंगनाथ राव के नेतृत्व में की गई थी। [[लोथल]] से समकालीन सभ्यता के पांच स्तर पाए गए हैं। यहाँ पर दो भिन्न-भिन्न टीले नहीं मिले हैं, बल्कि पूरी बस्ती एक ही दीवार से घिरी थी। यह | ||[[चित्र:Drainage-Channels-Lothal.jpg|border|right|100px|जल निकासी, लोथल]]'लोथल' [[गुजरात]] के [[अहमदाबाद ज़िला|अहमदाबाद ज़िले]] में 'भोगावा नदी' के किनारे 'सरगवाला' नामक ग्राम के समीप स्थित है। यहाँ खुदाई [[1954]]-[[1955]] में रंगनाथ राव के नेतृत्व में की गई थी। [[लोथल]] से समकालीन सभ्यता के पांच स्तर पाए गए हैं। यहाँ पर दो भिन्न-भिन्न टीले नहीं मिले हैं, बल्कि पूरी बस्ती एक ही दीवार से घिरी थी। यह छह खण्डों में विभक्त था। [[उत्खनन|उत्खननों]] से लोथल की जो नगर-योजना और अन्य भौतिक वस्तुए प्रकाश में आई हैं, उनसे लोथल एक लघु [[हड़प्पा]] या [[मोहनजोदाड़ो]] नगर प्रतीत होता है। सम्भवतः [[समुद्र]] के तट पर स्थित सिंधु-सभ्यता का यह स्थल पश्चिम एशिया के साथ व्यापार के दृष्टिकोण से सर्वात्तम स्थल था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोथल]] | ||
{'सिद्धांत शिरोमणि' नामक [[ग्रन्थ]] किस गणितज्ञ द्वारा लिखा गया था? | {'सिद्धांत शिरोमणि' नामक [[ग्रन्थ]] किस गणितज्ञ द्वारा लिखा गया था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ | -[[आर्यभट]] | ||
+[[भास्कराचार्य]] | +[[भास्कराचार्य]] | ||
-[[श्रीनिवास अयंगर रामानुजन]] | -[[श्रीनिवास अयंगर रामानुजन]] | ||
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-[[विजयसिंह पथिक]] | -[[विजयसिंह पथिक]] | ||
-[[शांता सिन्हा]] | -[[शांता सिन्हा]] | ||
||[[चित्र:Aruna-Roy.jpg|right|100px|border|अरुणा रॉय]]'अरुणा रॉय' [[भारत]] की उन महिलाओं में से एक हैं, जो बेहतर सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय रूप से क्रियाशील हैं। उन्हें [[राजस्थान]] के | ||[[चित्र:Aruna-Roy.jpg|right|100px|border|अरुणा रॉय]]'अरुणा रॉय' [[भारत]] की उन महिलाओं में से एक हैं, जो बेहतर सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय रूप से क्रियाशील हैं। उन्हें [[राजस्थान]] के ग़रीब लोगों के जीवन को सुधारने और इस दिशा में किये गए उनके प्रयासों के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है। [[1983]] में [[अरुणा रॉय]] का अपने पति से अलगाव हो गया था और वह [[1987]] में [[राजस्थान]] के राजसमंद ज़िले के देवडूंगरी [[गाँव]] आ गई थीं। वहाँ काम करते हुए [[1990]] में 'मज़दूर किसान शक्ति संगठन' की स्थापना की। यह एक गैर राजनीतिक जन-संगठन माना गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अरुणा रॉय]] | ||
{'गरुड़ किसने देखा' नामक काव्य रचना किसकी है? | {'गरुड़ किसने देखा' नामक काव्य रचना किसकी है? | ||
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-[[जगजीत सिंह अरोड़ा]] | -[[जगजीत सिंह अरोड़ा]] | ||
-[[सैम मानेकशॉ]] | -[[सैम मानेकशॉ]] | ||
||[[चित्र:Mohammad-usman.jpg|right|100px|border|मोहम्मद उस्मान]]'मोहम्मद उस्मान' [[भारतीय सेना]] के एक उच्च अधिकारी थे, जो [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के प्रथम युद्ध में शहीद हो गये। वे 'नौशेरा के शेर के' रूप में ज्यादा जाने जाते हैं। [[मोहम्मद उस्मान]] भारतीय सेना के सर्वाधिक प्रतिष्ठित और साहसी सैनिकों में से एक थे, जिन्होंने [[जम्मू]] में नौशेरा के समीप झांगर में मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण गंवा दिए। [[25 दिसंबर]], [[1947]] को पाकिस्तानी सेना ने झनगड़ को कब्जे में ले लिया। [[के. एम. करिअप्पा|लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करिअप्पा]] तब वेस्टर्न आर्मी कमांडर थे। उन्होंने जम्मू को अपनी कमान का हेडक्वार्टर बनाया। लक्ष्य था- झनगड़ और पुंछ पर | ||[[चित्र:Mohammad-usman.jpg|right|100px|border|मोहम्मद उस्मान]]'मोहम्मद उस्मान' [[भारतीय सेना]] के एक उच्च अधिकारी थे, जो [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के प्रथम युद्ध में शहीद हो गये। वे 'नौशेरा के शेर के' रूप में ज्यादा जाने जाते हैं। [[मोहम्मद उस्मान]] भारतीय सेना के सर्वाधिक प्रतिष्ठित और साहसी सैनिकों में से एक थे, जिन्होंने [[जम्मू]] में नौशेरा के समीप झांगर में मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण गंवा दिए। [[25 दिसंबर]], [[1947]] को पाकिस्तानी सेना ने झनगड़ को कब्जे में ले लिया। [[के. एम. करिअप्पा|लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करिअप्पा]] तब वेस्टर्न आर्मी कमांडर थे। उन्होंने जम्मू को अपनी कमान का हेडक्वार्टर बनाया। लक्ष्य था- झनगड़ और पुंछ पर क़ब्ज़ा करना। [[मार्च]], [[1948]] में ब्रिगेडियर उस्मान की वीरता, नेतृत्व व पराक्रम से झनगड़ [[भारत]] के कब्जे में आ गया। तब पाक की सेना के हज़ार जवान मरे थे और इतने ही घायल हुए थे, जबकि भारत के 102 घायल हुए और 36 शहीद हुए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहम्मद उस्मान]] | ||
{[[भोपाल गैस त्रासदी|भोपाल गैस कांड]] की भयानक दुर्घटना किस शहर में घटी थी? | {[[भोपाल गैस त्रासदी|भोपाल गैस कांड]] की भयानक दुर्घटना किस शहर में घटी थी? |
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